अनोखा रिश्ता : डॉक्टर संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

शांता चाची को मोहल्ले में सब “नारद मुनि” कहते थे,किसी की कोई जानकारी लेनी हो, नमक मिर्च लगाकर

कोई बात इधर से उधर पहुंचानी हो,शांता चाची से बेहतर कोई ये काम नहीं कर सकता था।

आजकल टॉप गॉसिप का विषय था सुलोचना जी की दोनो बहुएं…..अभी दो माह ही हुए थे उनके जुड़वां बेटों

क्षितिज और परिमल की शादी एक साथ ही हुई थी,क्षितिज की पत्नी रिया एक लीगल एडवाइजर थी और

परिमल की पत्नी आन्या एक ड्रेस डिजाइनर थी।

सारे मोहल्ले को जानना था कि दोनों बहुओं में कैसी बनती है?क्या उनके आने से सुलोचना जी का एकछत्र

राज छिन तो नहीं गया अब?दोनो बेटे बहुओं के होकर तो नहीं रह गए।

सुनने में आ रहा था कि घर में पहले से ज्यादा सुख शांति का साम्राज्य था अब तो।रीमा जी को ये बात हजम

नहीं हो रही थी,पड़ोस में दो दो बहुएं एक साथ आई और की हंगामा भी नहीं हुआ वहां।

खामोशी –  नीलिमा सिंघल

आखिर उन्होंने शांता चाची को बुलवा भेजा।

शांता चाची! क्या हाल है सुलोचना का आजकल,बड़ा मुस्करा रही थी कल मंदिर में हुए जागरण में,कहती थी

मेरी बहुओं के आने से घर स्वर्ग बन गया..क्या ये सही है?

हां रीमा!वो धड़ल्ले से यहां तक कहती है कि मेरी दोनो बहुएं बहनों की तरह हैं आपस में..बात की सच्चाई को

जानने मैं कल जा पहुंची उसके घर और जो देखा ,उससे अचंभित रह गई।

ऐसा भी क्या देख लिया आपने?हमें भी तो बताएं।रीमा बोली।

साथ में और औरतों को भी बहुत उत्सुकता थी।

रिया जो वकील है,उसका कोई प्रेजेंटेशन था और वो टेंशन में थी तो आन्या उसके लिए बढ़िया कॉफी बना के

लाई..लो दीदी! ये मस्त कॉफी पियो और आत्म विश्वास से प्रेजेंटेशन दो।

लेकिन ये पिच प्रेजेंटेशन है..रिया घबराते हुए बोली..शांता चाची बोली..ये पिच क्या होता है?मुझे तो कुछ समझ

न आया…

माफ़ी गलती की होती है गुनाह की नही – संगीता

आप बात बताओ..पड़ोसन रीमा बोली,बस ये समझ लो कि सबके सामने उनके प्रश्नों को झेलते हुए बोलना

होता है।

अरे ! आन्या बोली.. मैं हूं न..आपके साथ रहूंगी,पॉसिबल प्रश्न और उनके जबाव आपको भेजती रहूंगी।

लेकिन तुम्हारा अपना काम और फिर तुम्हें जानकारी भी तो नहीं उस सबकी?रिया ने शंका जताई।

आपके लिए मैं ये भी नहीं करूंगी क्या? आन्या विश्वास से बोली…भूल गई पिछले हफ्ते कैसे आपने पूरी रात

रात जागकर मेरे डिजाइंस क्लियर कराए थे।

तो हिसाब बराबर कर रही है तू?रिया nne हंसते हुए आन्या से कहा।

दीदी! आप मेरी बहन के सामान हो,बहिनों में कैसा हिसाब?भले ही हमारी कुछ आदतें अलग हैं जैसे आपको

योगा पसंद है और मुझे बिस्तर पर पैर पसार कर सोना लेकिन अब आप से प्रेरित होकर मैंने भी मॉर्निंग वॉक

शुरू कर दी है।

ओह!मेरी प्यारी बहिन!दोनो गले लग जाती हैं और कितनी ही देर आन्या ,रिया का प्रेजेंटेशन कराती

कहीं हमारी बहू भी इस मौके की तलाश में ना रहे – सविता गोयल

रही।एकाध बार वो अटकी पर आन्या में सम्भाल लिया,बाद में रिया की खूब तारीफ हुई।

मैंने पूछ ही लिया उनसे..तुम दोनो सगी बहन हो क्या?

तो हंसते हुए वो बोली…चाची जी!कुछ रिश्ते खून से बनते हैं लेकिन कुछ रिश्ते आपसी समझ,विश्वास और

स्नेह से।हम बाय चांस जेठानी दौरानी हैं लेकिन बाय चॉइस हम फ्रेंड्स फोरेवर हैं।ये रिश्ता हमने खुद चुना है

और दिल से सींचा है तो इसमें भावनाओं का खाद पानी डाल रहे हैं,देखना आप जब ये पल्लवित होगा तो

इसकी सुगंध सारे वातावरण को महकाएगी।

तभी सुलोचना इठलाती हुई बोली..कहा था न मेरी दोनों बहुएं सगी बहनों की तरह ही हैं,वो ऐसे ही रहती हैं

और यही राज है हमारी खुशियों का।

 

समाप्त

डॉक्टर संगीता अग्रवाल

वैशाली,गाजियाबाद

#मेरी दोनो बहू आपस में बहन जैसे रहती हैं

error: Content is protected !!