माँ जी कुछ तो बताओ,मुझसे कोई गलती हो गयी क्या,मैं आपके पैर पकड़ कर माफी मांगती हूँ।
अरे नही बहू, मैं तुझसे भला क्यूँ नाराज होउंगी?तू तो मेरा वैसे भी इतना ध्यान रखती है, सेवा करती है।नाराजगी होगी तो उससे होगी जिसे नौ महीने पेट मे रखा है।
आज सुबह से अम्मा ना तो किसी से बात कर रही थी और न ही अपने गुस्से की वजह बता रही थी।मनोज तो अपने ऑफिस चला गया था।मनोज का लंच बॉक्स तैयार करने और काम वाली बाई से काम कराने में वैसे भी सुमन को नौ बजे तक फुरसत ही नही मिलती।मनोज के जाने के बाद ही सुमन अम्मा के पास आ पाती।उनके बिस्तर को ठीक करना और उनके पानी की बोतल ,दवाई आदि का पूरा ध्यान सुमन खुद करती थी।ये काम उसने कभी भी काम वाली बाई पर नही छोड़ा था।अम्मा भी जब सुमन उनके कमरे में आती तो खिल जाती।खूब आशीष देती।पर आज अम्मा बिल्कुल चुप।सुमन घबरा गयी कि कहीं अम्मा की तबियत खराब तो नही हो गयी।पर बात करने पर पता चला कि अम्मा तो नाराज है।नाराजगी की वजह भी बताने को राजी नही थी।सुमन अपराधबोध से ग्रस्त हो गयी थी।उसे लग रहा था जरूर उसी से अनजाने में कोई गलती हो गयी है।वह बार बार माफी मांग भी रही थी,पर अम्मा ने कुछ भी नही बताया।
शाम को मनोज ऑफिस से वापस आया तब सुमन ने उसे अम्मा के गुस्से में होने के बारे में बताया।मनोज भी घबरा गया कि कल तक तो अम्मा कैसी खुश थी,चहक कर बात कर रही थी,फिर आज ऐसा क्या हो गया?जरूर सुमन से ही कोई लापरवाही हुई होगी। मनोज सुमन को इशारे से बाहर ही रुकने को कहकर अकेला ही अम्मा के पास डरते डरते पहुंचा।उसे देखते ही अम्मा ने अपना मुंह दूसरी ओर फेर लिया।मनोज ने समझ लिया कि उससे या सुमन से कोई भारी भूल हुई है।अम्मा का यूँ गाल फुला कर बैठना उसने पहले कभी नही देखा था।मनोज द्वारा चिरौरी करते हुए अम्मा से अपनी गलती जो उसे पता भी नही थी,माफी मांगी।अम्मा की गोद मे मनोज बच्चे की भांति लेट गया।अम्मा को प्यार तो आया पर दूसरी ओर मुंह करके ही बोली।मुन्ना तूने मुझे घर मे पराई कर दिया है।हतप्रभ सा मनोज बोला क्या कह रही हो अम्मा?क्या ऐसा भूले से भी हो सकता है?
तो बता बहू के गर्भवती होने की बात मुझे क्यों नही बतायी।अस्पताल चले गये,मुझे कुछ नही बताया।पोता तो मुझे भी चाहिये,मुझे खुशखबरी क्यों नही दी?ओह तो ये बात है।हंस कर मनोज बोला अरे अम्मा सुमन गर्भवती है या नही वही टेस्ट कराने गये थे,रिपोर्ट आज मिलेगी,तभी तो पता चलेगा।अब बताओ तुम्हे क्या बताते?
अच्छा, अरे मैं तो रात भर सो ही नही पायी।अब तू ही बता मुन्ना इन सब बातों का मुझे क्या पता?वैसे डॉक्टर की रिपोर्ट की बात छोड़ मैं अपनी रिपोर्ट बता देती हूं,फिर जोर से आवाज देकर सुमन को भी अपने पास बुला लिया।सुमन को पास बिठाकर अम्मा बोली मुन्ना मेरी रिपोर्ट है मेरी सुमन मेरी गोद मे मुझे पोता देगी,वैसे बेटी पोती भी होगी तो भी वह मेरी सुमन जैसी ही प्यारी होगी।
अम्मा के कमरे में सुमन द्वारा जलाई अगरबत्ती से कमरे में खूब खुश्बू महक रही थी।
बालेश्वर गुप्ता,पुणे
मौलिक एवम अप्रकाशित।