अन्तर्मन की आवाज – पायल माहेश्वरी

#जादुई_दुनिया 

रीमा अकेली चलती-चलती जंगल की और जा रही थी और उसे वहां पर एक बड़ा आईना नजर आया,बड़ी उत्सुकता से रीमा उस आईने की बढ़ी तभी उसे एक औरत की आवाज सुनाई दी। 

” रूक जाओ रीमा !! उस आइने के सामने मत जाओ वह जादुई आईना हैं एक बार उसके सामने जाने पर इंसान उसमें समा जाता हैं और उसके अंदर एक जादुई दुनिया हैं जहां के सारे नियम मानने पर ही तुम्हें उस आईने की कैद से आजादी मिल सकती हैं ” आवाज ने रीमा को चेतावनी दी। 

” जादुई दुनिया!! हा हा हा….. “

   रीमा जोर से हंसने लगी।

” मुझे डराने की कोशिश मत करो,इस आधुनिक युग में तुम कौनसे जादू की बात कर रही हो और तुम कौन हो जो सामने नहीं आ रही हो ?” रीमा ने अनजान आवाज से प्रश्न किया ।

” रीमा मैं तुम्हारे अन्तर्मन की आवाज हूँ, और तुम्हें इस आईने के पीछे वाली जादुई दुनिया में जाने से रोकना चाहती हूँ ” अनजान आवाज फिर बोली। 

रीमा ने निश्चय किया की अब वो आईने के पीछे वाली जादुई दुनिया का राज जानकर रहेगी।

रीमा उस आईने के सामने जाकर खड़ी हो गयी और अपना प्रतिबिम्ब देखकर आश्चर्यचकित रह गयी। 

” अरे !! ऐसी सुन्दर तो मैं आज से बीस साल पहले नजर आती थी जब मैं अविवाहित थी और काॅलेज में पढ़ती थी, पर विवाह के इतने समय पश्चात मैं कितनी बदल गयी हूँ, मेरा वजन भी कितना बढ़ गया हैं ” रीमा स्वयं से बात करने लग गयी।

तभी आईना दो भागों में विभाजित हो गया था और अन्दर वाली जादुई दुनिया नजर आने लगी थी,रीमा उत्सुकता से अंदर की और चलने लग गयी। 

एक तरफ रीमा का प्रिय रेस्तराँ नजर आया जहाँ पर स्वादिष्ट भोजन की बहार नजर आ रही थी। 


” बहुत भूख लग गयी हैं और सामने मेरा प्रिय रेस्तराँ हैं चलो कुछ खा लेती हूँ ” रीमा ने सोचा। 

रेस्तराँ में पहला कदम रखते ही वह आवाज फिर सुनाई दी।

” रीमा!! सावधान तुम कुछ खा नहीं सकती हो।”

” मैं कुछ क्यों नहीं खा सकती हूँ, मुझे बहुत भूख लगी हैं?” रीमा परेशान होकर आयी।

” खाने से पहले इधर नजर दौडाओ ”  दूसरी तरफ से रीमा की मेडिकल जांच वाली सालाना रिपोर्ट लहराई।

रीमा उसे देखकर स्तब्ध रह गयी उसकी मेडिकल रिपोर्ट में कोलेस्ट्रॉल, बीपी व शुगर बहुत ज्यादा आया था जो सेहत के लिए खतरनाक होता हैं। 

” रीमा तुम्हारी उम्र अब चालीस साल हैं और यह सब तलाभुना व गरिष्ठ भोजन तुम्हारी सेहत के लिए सही नहीं हैं ” आवाज ने कहा। 

” मैं कौनसा रोज यह सब पकवान खाती हूँ, आज मुझे खाने दो कल से पौष्टिक आहार लूंगी ” रीमा आवाज से बोली। 

“तुम यह सब खा सकती हो रीमा पर तुम्हारी खाने के बाद वाला प्रतिबिम्ब बदलना नहीं चाहिए अन्यथा तुम्हें जादुई दुनिया से मुक्ति नहीं मिलेगी ” आवाज ने कहा। 

रीमा उसे अनसुना करके पकवान खाने में लग गयी और वहां से बाहर निकलने पर एक और आईना नजर आया उस आईने में रीमा का वजन बहुत बढ़ा हुआ नजर आया रीमा आश्चर्यचकित रह गयी तभी आईना दो भागों में विभाजित हो गया और रीमा आगे की और चल पड़ी। 

रीमा ने देखा आगे ऐशो-आराम के सभी साधन जैसे टेलीविजन, मोबाइल, होम थियेटर, एयरकन्डिशनर इत्यादि रखे हुए थे, मनपसंद खाना खाने के बाद रीमा को नींद आने लगी थी और वह आलस्यवश सो गयी।

गहरी नींद के बाद जब रीमा जागी तो उसे सामने दो आईने दिखाई दिए पहले आईने के सामने खड़ी होकर जब रीमा ने अपना प्रतिबिम्ब देखा तो वह डर गयी, वह उम्र से पहले बूढ़ी नजर आ रही थी उसे बीमारी ने घेर रखा था उसके घुटनों ने जवाब दे दिया था और वह आपरेशन थियेटर की और जा रही थी। 

” ये आईना मेरा ऐसा प्रतिबिंब क्यों दिखा रहा हैं ? ” रीमा परेशान होकर बोली। 



” रीमा!! ये तुम्हारे भविष्य की झांकी हैं, अनियमित जीवन शैली व खानपान और अत्यधिक आराम व व्यायाम नहीं करने के कारण भविष्य में यह हाल तुम्हारा होना तय हैं ” अन्तर्मन की आवाज फिर आई।

” मुझे यहाँ से बाहर निकालो, मैं ऐसा भविष्य नहीं चाहती हूँ, अगर मैं स्वस्थ नहीं रही तो मेरे पति ,बच्चों व परिवार को कौन संभालेगा ?” रीमा रूआंसी होकर बोली। 

“रीमा मैंने तुम्हें पहले ही चेतावनी दी थी पर तुमने सब कुछ जानते समझते हुए भी मेरी आवाज को नजरअंदाज किया अब परिणाम तुम्हारे सामने हैं तुम अपनी लापरवाही के मकडजाल में उलझ गयी हो ” अन्तर्मन की आवाज बोली। 

” मैं संयुक्त परिवार में रहती हूँ दो बच्चे, सास ससुर,पति व रिश्तेदारी संभालने के बाद मुझे मेरे लिए समय नहीं मिलता हैं ” रीमा ने तर्क दिया। 

” रीमा क्या कभी तुम्हारे पति,सास-ससुर व परिवार ने तुम्हें गरिष्ठ भोजन करने पर बाध्य किया हैं या व्यायाम करने से रोका हैं? आवाज़ बोली। 

 ” मेरे परिवार वालों ने कभी मुझे नहीं रोका वो बहुत अच्छे हैं, मेरे पति रोज जिम जाते हैं और सेहतमंद हैं मैं आलस्यवश उनके साथ नहीं जाती हूँ ” रीमा ने सोचा।

  ” मैं अपने लिए अलग सेहतमंद खाना बनाने में कतराती हूँ जबकि थोड़ी अधिक मेहनत से मैं मेरे लिए सेहतमंद व स्वादिष्ट भोजन बना सकती हूँ और धीरे धीरे सब परिवार वालों की भी आदतें बदल सकती हूँ ” रीमा ने सच्चाई स्वीकार कर ली।

” मैं हमेशा यह बहाना बनाती रहती हूँ की सामाजिक आयोजनो व रेस्तराँ का भोजन मुझे खाना ही पड़ता हैं क्योंकि कभी लोगों की मनुहार होती हैं और कभी मेरी चटोरी जबान का दोष होता हैं,और मेरा बढ़ता हुआ वजन कम हो ही नहीं सकता हैं,यह सिर्फ मेरी लापरवाही हैं ” रीमा आज सही निष्कर्ष कर पायी थी। 

रीमा ने अपने बदलते विचारो को बताने के लिए मुँह खोला तभी आवाज ने कहा।

” रीमा में स्वयं तुम्हारे अन्तर्मन की आवाज हूँ और मेंने तुम्हारे बदलते विचारो को सुन लिया हैं।”


 ” कृपया तुम मुझे इस जादुई दुनिया के मकडजाल से बाहर निकालो ” रीमा बोली। 

” रीमा!! दूसरे आईने के सामने खड़ी हो जाओ ” आवाज बोली। 

रीमा जाकर दूसरे आईने के सामने खड़ी हो गयी और वह आईना दो भागों में विभाजित हो गया रीमा फिर आगे की और चल पड़ी ,आगे जाकर उसने देखा एक डायटीशियन का क्लीनिक था वहां परामर्श लेने पर रीमा को उसके वजन, उम्र व दैनिक गतिविधियों के आधार पर डायट चार्ट मिला,रीमा यह देखकर हैरान थी की भोजन विधि स्वादिष्ट होने के साथ साथ सेहतमंद भी थी जो उसके परिवार वाले भी आसानी से खा सकते थे और कभी कभी रीमा रेस्तराँ में जाकर अपने पसंदीदा भोजन का लुत्फ़ भी उठा सकती थी,

रीमा को जिम, पार्क व योगा क्लासेज भी मिली नियमित व्यायाम की सहायता से रीमा का वजन घटने व सेहत बढ़ने लगी थी,नयी दिनचर्या रीमा को लुभाने लग गयी थी और पारितोषिक के रूप में रीमा के पुराने प्रिय कपड़े जो उसे फिर से बराबर आने लगे, रीमा की चमकती साफ त्वचा,रीमा की बेहतर मेडिकल रिपोर्ट, रीमा का निरंतर कम होता हुआ वजन वाला कांटा और सबसे बढ़कर पति व परिवार वालों की नजरों में प्रशंसा के भाव देखकर रीमा का खोया आत्मविश्वास लौट आया। 

आखिरी जादुई आईना फिर रीमा को पहले की तरह सुन्दर और सेहतमंद दिखा रहा था।

कुछ पाने के लिए बहुत कुछ छोड़ना पड़ता हैं 

अपने सही प्रयासों से हवाओं का रूख भी मोड़ना पड़ता हैं

अन्तर्मन की आवाज फिर से आई

और एक नये आत्मविश्वास से रीमा खिलखिलाई।

क्या आप भी रीमा की तरह खिलखिलाना चाहती हैं तो आज ही अपने अन्तर्मन की आवाज सुने।

पायल माहेश्वरी ।

यह रचना स्वरचित और मौलिक हैं 

धन्यवाद।

 

Leave a Comment

error: Content is Copyright protected !!