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आज मानसी की जगह सीढ़ियों से उतरकर पवन को रसोई की ओर आते देख भावना जी बर्तनों को और जोर-जोर से फेंकने लगी। इससे पहले कि पवन कुछ बोलता भावना जी चिल्ला कर बोली महारानी अभी सो ही रही है। सुबह उठकर सारे घर का काम करना मेरी ही जिम्मेदारी है। उसे पता नहीं है कि साधना को कॉलेज भी जाना है और मोंटू को स्कूल।
सबका खाना पीना बनाना मेरी ही जिम्मेदारी है ना? तुझे भी तो दुकान पर जाना है अभी भी यह ख्याल भी मैं ही करूंगी। इससे पहले कि भावना जी कुछ और बोलती पवन गुस्से में बोला आपने यह रोज की आदत बना ली है नीचे से बिजली का मेन स्विच ऑफ कर देती हो? आपको पता नहीं है नन्ही गुड़िया की तबियत खराब है।
पूरी रात उसने सोने नहीं दिया दो बार उसका दूध बनाने के लिए मानसी को उठना पड़ता है। गर्मी में अभी 4:00 बजे ही सोए थे। जरा सी नींद लगी थी कि मेन स्विच नीचे से ऑफ करके कूलर पंखा सब बंद करवा करवा दिया। मैं अपना खाना बाहर ही खा लूंगा। गुस्से में ही पवन ने जाकर बिजली का मेन स्विच खोल दिया।
आइए आपको भावना जी के परिवार से मिलाएं । उनके परिवार में उनके पति वर्मा जी, उनकी बेटी साधना जो कॉलेज के फाइनल ईयर में है और उनका बेटा मोंटू बारहवीं कक्षा में पढ़ता है। उनके बड़े बेटे पवन का विवाह 2 वर्ष पूर्व हुआ था, अभी कुछ महीने पहले ही पवन के बेटी का जन्म हुआ है।वर्मा जी का नजदीक ही एक प्रोविजन स्टोर है।
पवन की भी दुकान वर्मा जी के साथ में ही है जिसमें कि वह मोबाइल और कंप्यूटर रिपेयर का काम करता है।
पवन के मेन स्विच खोलते ही ऊपर के कूलर चलने की पुनः आवाज आने लगी। पवन वापस ऊपर की ओर जाने ही लगा था कि भावना जी दोबारा से चिल्ला कर पड़ी तो क्या महारानी जी अभी भी उठकर नहीं आएगी?
बच्चे तो हमने भी पाले ऐसा तो कभी नहीं हुआ कि दोपहर तक औंधे ही बिस्तर पर पड़े रहे यह घर की बहुओं के लक्षण है? अरे लड़की ही तो हुई है वह भी अब 4 महीने के ऊपर होने को आ रही है परंतु तेरी पत्नी का तो अभी आराम ही खत्म नहीं हो रहा।
भावना जी को लगातार बडबडाते देख पवन वापस आया और भावना जी से कहा अम्मा यदि मेरी पत्नी की जगह आपकी बेटी होती तब भी आप ऐसे ही कहतीं। मैंने क्या देखा नहीं है जब से मानसी आई है
तब से सारे घर का काम उसने ही तो संभाल लिया था। पहले वह कभी देर से उठी? बेटी होने के बाद भी उसके लिए तो आप एक दिन भी कुछ ना कर सकी। बेटी होने के बाद से ही घर में रोना शुरू कर दिया जाने बेटी होना दुनिया का सबसे बड़ा दुख का कारण है क्या? अरे साधना भी तो आपकी बेटी है। 11 दिन का हवन करवा के मानसी को आपने उसके मायके भिजवा दिया।
डॉक्टर ने पहले ही कह दिया था कि मानसी बहुत कमजोर है इससे घर का काम नहीं करवाना पर आपने एक नहीं सुनी इसी कारण उसको समय से पहले ही अस्पताल जाना पड़ा। घर से आने के बाद भी उसकी इतनी तबीयत ठीक नहीं है। आप गुड़िया को कितनी देर खिलाती हो? मैं देखा नहीं क्या रात को दो बार तो मानसी को गुड़िया का दूध बनाने के लिए उठना पड़ता है।
साधना कॉलेज में पढ़ थी है, जब मानसी बच्ची के साथ सारा घर का काम कर सकती है तो क्या साधना कॉलेज जाते हुए थोड़ा जल्दी उठकर आपका हाथ नहीं बंटा सकती। माना मोंटू पढ़ रहा है पर क्या घर का छोटा-मोटा काम भी नहीं करवा सकता। मानसी में अभी ऊपर नीचे चढ़ने की इतनी हिम्मत नहीं है और हिम्मत भी हो तो मुझे कोई जरूरत नहीं लग रही है।
आप जब हमारी समस्याएं ही नहीं समझ पा रही हो और हमसे केवल परेशान हो रही हो तो हमें भले ही ऊपर अलग कर दो हम खुद भी अलग जा सकते हैं। मैं आपको हर महीने पैसे भी देता हूं
आप उनसे कुछ महीने के लिए कोई काम करने के लिए भी रख सकती हो। कम से कम दूसरे की बेटी को भी अपनी बेटी की तरह ही समझो कल को ऐसा ही व्यवहार हमारी साधना के साथ हो तो? वह भी कोई बहुत छोटी तो नहीं है परंतु फिर भी वह कोई काम नहीं कर सकती वह छुट्टी वाले दिन 11:00 बजे तक भी सोई रहे तब भी आपको कुछ महसूस नहीं होता।
इससे पहले कि पवन कुछ और बोलता मानसी बच्ची को लेकर नीचे आ चुकी थी। बच्ची को बाहर उसके झूले पर लिटा कर मानसी रसोई में आई और सासू मां के पैर छुए तो सासु मां ने मानसी की गर्म हथेलियों को महसूस किया और पाया कि वह बुखार में तप रही थी।
भावना जी कुछ सोच में पड़ गई और उन्होंने पवन को मानसी को ऊपर ले जाने के लिए कहा और पाठकगण आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि उसके बाद ना तो कोई अलग हुआ और ना ही कोई दुखी हुआ। घर के काम के लिए एक काम वाली लगा दी गई थी। साधना और मोंटू भी अब भाभी की सहायता कराया करते थे।
भावना जी ने तो गुड़िया का नाम संध्या रख दिया था। उन्होंने कहा की अगर मेरी एक साधना ससुराल जाएगी तो संध्या के रूप में एक बेटी तो मेरे पास रहेगी ही। वह अब बच्ची को अपने साथ ही खिलाया करती थी और जब तब अपने साथ सुला भी लिया करती थी। घर में फिर से खुशियां लौट आई थी और उसके बाद कभी नीचे से मेन स्विच ऑफ करके ऊपर बच्चों को जगाया नहीं गया।
मधु वशिष्ठ, फरीदाबाद, हरियाणा
#मां मेरी पत्नी की जगह आपकी बेटी होती तो (प्रतियोगिता)