Moral stories in hindi : स्वरूप अपनी बहन मीना से बात कर रहा था जो आस्ट्रेलिया में नौकरी करती है । उसके दो बच्चे हैं और उसका पति अपने ऑफिस के कोलिग के साथ अलग घर बसाने लगा था ।
मीना पढ़ी लिखी और उच्च पद पर कार्यरत थी । उसने अपने पति की इस ओछी हरकत पर ध्यान न देते हुए उसे तलाक़ दे दिया है और बच्चों को अपने पास रख लिया है ।
भाई बहन हर रोज़ एक घंटा ज़रूर बातें कर लेते हैं ।
स्वरूप को अपनी बहन से बहुत प्यार था । पिता की आकस्मिक मृत्यु के बाद उसने ही स्वरूप और माँ को सँभाल लिया था । स्वरूप के पिता अपने पीछे बहुत सारी संपत्ति को छोड़कर गए थे । मीना ने कभी भी संपत्ति के बारे में बातें नहीं की थी क्योंकि वह खुद इतना कमा लेती थी उसके और बच्चों के लिए काफ़ी था ।
यह सब तो ठीक है सब खुश हैं फिर हम क्या कहना चाह रहे हैं । सुनिए !!!!
स्वरूप की पत्नी शिप्रा एक मध्यम वर्गीय परिवार से आई थी । उसे यहाँ के ऐशो-आराम की ज़िंदगी की आदत हो गई थी । उसे लगता था कि पिता की जायदाद का इकलौता वारिस स्वरूप है । उसे हमेशा डर बना रहता था कि मीना जायदाद के लिए हिस्सा माँगने ना आ जाए । यह सीख उसे माँ से मिली थी ।
इसलिए उसने झगड़ा करके मीना को इंडिया आने से रोक लिया था । स्वरूप ने उसे बहुत समझाने की कोशिश की थी कि पिता की मौत के समय मैं बहुत छोटा था चाहे तो वह सारी जायदाद अपने नाम करवा सकती थी परंतु उन्होंने मुझे और माँ को सँभाल लिया था तो अब क्यों जायदाद माँगेगी ।
शिप्रा को यह बात समझ नहीं आई। उसने सासु माँ को भी घर से बाहर करने की सोची पर उसकी चाल नहीं चली स्वरूप ने कहा वाहह शिप्रा मेरे पिताजी की जायदाद पर अपना अधिकार जमाती हो और अपनी ज़िम्मेदारी से मुक्त हो जाना चाहती हो । मेरी माँ मेरे साथ ही रहेगी उसे मैं यहाँ से नहीं जाने दूँगा बाद में तुम्हारी मर्ज़ी ।
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शिप्रा को स्वरूप के जिद के आगे झुकना पड़ा।
स्वरूप या माँ को बहन से मिलने की इच्छा होती है तो दोनों मलेशिया जाते हैं बहन भी वहीं आ जाती है कुछ दिनों तक साथ रहकर वे वापस चले जाते हैं । यह कब तक चलेगा कोई नहीं जानता है ।
अपने दोस्त से इन बातों को सुनकर प्रतीक ने अपनी बहन से कहा जो अमेरिका में रहती है दीदी जो भी जायदाद पिताजी ने कमाया है हम दोनों आधा आधा ले लेँगे पर मन में खटास नहीं आने देंगे ।
दोस्तों भाई बहन का प्यार दुनिया में मिसाल होता है लेकिन कुछ लोगों के कारण और पैसों के कारण उस रिश्ते में खटास भर जाती है । बहू ससुराल के रिश्ते को निभाएगी तो मायके के रिश्तों में भी मिठास अपने आप आ जाएगी ।
स्वरचित
के कामेश्वरी
हैदराबाद
साप्ताहिक विषय- #अधिकार