अच्छी किस्मत अच्छे कर्मों से बनती है – बीना शर्मा : Moral Stories in Hindi

“अरे दीदी आपका चेहरा कैसा उतरा हुआ है किसी ने आपसे कुछ कह दिया क्या? विमला जो आज अपनी ननद मनोरमा से मिलने आई थी ने अपनी ननद का दुखी चेहरा देखकर कहा तो वह दुखी स्वर में बोली”दीदी आप बहुत अच्छी किस्मत वाली हो कुछ दिन पहले दिन पहले जब मैं आपके घर गई थी तो मैंने देखा आपकी बहू

आप पर कभी गुस्सा नहीं होती हमेशा खुश रहती है परंतु ,मेरी बहु रमा तो मेरे बेटे वैभव का गुस्सा भी मुझ पर उतारती है वैभव से किसी बात पर उसकी कहासुनी हो गई होगी तो उसने मुझसे बोलना ही छोड़ दिया वह मेरे साथ हमेशा ऐसा ही करती है दूसरों की गलती का गुस्सा हमेशा मुझ पर उतारती है कभी बिना कसूर मेरे से लड़ने लगती है

तो कभी मुझसे बोलना छोड़ देती है” मनोरमा की बात सुनकर विमला के चेहरे पर अतीत की कुछ बातों को याद करके दर्द भरी मुस्कान आ गई थी जब वह बरसों पहले दुल्हन बनकर अपनी ससुराल आई थी उसकी बडी तमन्ना थी कि घर के सभी लोग उसे बहुत प्यार करें परंतु, उसकी सभी तमन्नाओं पर पानी फिर गया जब मनोरमा ने उससे कहा कि मैं तुम्हें भाभी नहीं कहूंगी

जब  विमला ने उससे भाभी ना कहने का कारण पूछा तो मनोरमा बोली”वर्षों पहले मेरी बड़ी भाभी मोनिका से मेरे लिए खाना बनाने से मना करने पर लड़ाई हो गई थी उस वक्त भाभी ने गुस्से में मुझे कुछ अपशब्द कह दिए थे तब मैंने कसम खा ली थी कि आज के बाद में उन्हें कभी भाभी नहीं कहूंगी उसे वक्त खाई कसम के कारण में उन्हें कभी भाभी नहीं कहती यदि मैं आपको भाभी कहूंगी तो उन्हें बुरा लगेगा

इसलिए मैं आपको भी भाभी नहीं कहूंगी”तब विमला ने उसे समझाया की बड़ी भाभी के कर्मों की सजा आप उसे क्यों दे रही हैं इसमें उसका तो कोई कसूर नहीं है वह तो बेकसूर है? तब मनोरमा बेदर्दी से बोली”मैंने जो बोल दिया सो बोल दिया अब मुझे उपदेश देने की कोई जरूरत नहीं है”तब मनोरमा की बात सुनकर विमला को बेहद दुख हुआ था।

  फिर भी उसने दिल पर पत्थर रखते हुए धैर्य से काम  लिया मनोरमा के उसे भाभी ना कहने पर भी वह उसे पूरा प्यार और सम्मान देती थी उसे भाभी ना कहने पर भी वह उसे नंनद रानी कहकर संबोधित करती थी कुछ समय बीतने पर विमला दो बच्चों रवि और पूजा की मम्मी बनी पढ़ लिख कर रवि जब अपने पैरों पर खड़ा हुआ तो अच्छे संस्कारों से युक्त पूनम के साथ विमला ने रवि की शादी कर दी थी

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पूनम बेहद अच्छे स्वभाव की लड़की थी वह कभी भी किसी बात पर विमला से गुस्सा नहीं होती थी हमेशा खुशी-खुशी विमला के साथ घर के काम में हाथ बटाती थी कभी रवि से उसकी लड़ाई हो जाती तो वह उसका गुस्सा अपनी सास पर उतारने की बजाय हंसकर टाल देती थी पूनम की ऐसी आदतों के कारण विमला का घर हमेशा खुशी से गुलजार रहता था।

   “अरे भाभी मेरी बात सुनकर आप कहां खो गई”मनोरमा ने विमला अतीत की यादों में डूबा हुआ  देखकर कहा तो विमला मुस्कुराते हुए बोली”दीदी अच्छी किस्मत अच्छे कर्मों से मिलती है यदि आप किसी को सुख दोगी तो आपको सुख मिलेगा और यदि आप किसी को दुख दोगी तो आपको भी किसी न किसी रूप में दुख भुगतना ही पड़ेगा

जो कर्म आपने मेरे साथ किया वही कर्म आपकी बहू आपके साथ कर रही है अब आपको पता चला ना की जब बिना गलती की सजा मिलती है तो कितना दुख होता है मैंने उस वक्त आपको समझाने की बहुत कोशिश की थी परंतु, आपने मेरी बात मानने की बजाय मेरी बात मानने से इनकार कर दिया था आपने मुझे दुख दिया तो आपको दुख मिला और मैंने आपको सुख दिया तो मुझे सुख मिल रहा है यही तो सृष्टि का नियम है।”

    विमला की बात सुनकर मनोरमा शर्मिंदगी के कारण इधर-उधर देखने लगी थी पश्चाताप के कारण उसके मुंह से अब कोई बोल नहीं निकला था। इस रचना के माध्यम से मैं यही कहना चाहूंगी कि यदि कोई आपके साथ गलत व्यवहार करता है तो उसकी सजा उसी इंसान को ही दें किसी बेकसूर इंसान को ना दे क्योंकि ऊपर वाला जब कर्मों की सजा देता है तब उसे सिर्फ दुख मिलता है सुख नहीं।

किस्मतवाली

बीना शर्मा

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