राहुल 7 साल का मासूम सा बच्चा, जिसके मम्मी पापा दोनों नौकरी करते थे! राहुल हमेशा अपनी मम्मी से कहता, मम्मी जब मैं बड़ा हो जाऊंगा तब मैं कलेक्टर बनूंगा और फिर आपको नौकरी नहीं करनी पड़ेगी! आप हमेशा मेरे साथ ही रहना! पापा मम्मी दोनों राहुल की प्यारी सी बातों पर इतरा जाते! कुछ महीनों बाद राहुल को एक नई धुन सवार हुई! वह अपनी मम्मी से कहता, मम्मी मुझे भी एक भाई या बहन चाहिए; सभी 2 भाई बहन है बसमैं ही अकेला हूं, आप अस्पताल जाओ और मेरे लिए भी एक भाई या बहन लेकर आओ जिसके साथ मैं भी खेल सकूं! आखिरकार मम्मी पापा ने उसकी यह बात मान ली!
साल भर के बाद उनके घर में नन्हा मेहमान आ गया जिसका नाम नमन रखा गया! किंतु राहुल उसे छोटू कहता था! कुछ समय पश्चात राहुल की मम्मी किसी बीमारी के वजह से अचानक चल बसी! राहुल ने अपने छोटे भाई को बड़े लाड प्यार से पाला! कब राहुल बड़ा बन गया उसे खुद पता ना चला! वह छोटू के सारे काम करता, उसे पढ़ने के लिए प्रेरित करता! वह छोटू से कहता, तुम्हें बड़े होकर कलेक्टर बनना है! समय बीते कितनी देर लगती है! दोनों भाई बड़े हो गए! राहुल रेलवे में टीसी बन गया और उसकी शादी हो गई!
कुछ समय बाद छोटू भी परीक्षा में पास होकर कलेक्टर बन गया! और छोटू का उठना बैठना बड़े-बड़े लोगों के साथ होने लगा! छोटू को सरकार की तरफ से घर, गाड़ी सब मिला! उसने अपने पसंद की लड़की से शादी भी कर ली! एक बार छोटू बड़े-बड़े लोगों के साथ मीटिंग में व्यस्त था, तभी उसका बड़ा भाई राहुल उससे मिलने आ गया! उसे देखकर सभी ने पूछा “यह कौन है” तब छोटू ने कहा, हमारे गांव से मिलने वाले हैं! और नौकर से कहकर उन्हें दूसरे कमरे में बिठा दीया! फिर वह गुस्से में अपनी पत्नी रीमा के पास गया और कहने लगा, भाई साहब बिना पूछे ही आ जाते हैं,
आज मुझे उन लोगों के सामने कितनी शर्म आई, मैंने जैसे तैसे बात को संभाला! तब रीमा ने कहा छी: कितनी घटिया बात तुमने आज कहीं है! तुम्हारे लिए तुम्हारे भाई ने क्या नहीं किया, मां से बढ़कर तुम्हें प्यार किया, तुम्हारी देखभाल की, हर कदम पर तुम्हारा साथ दिया! तुम्हारी वजह से उन्होंने अपनी पढ़ाई और भविष्य दांव पर लगा दिया, और तुम्हें अपने पद और पैसे पर इतना “अभिमान “है कि आज तुम्हें अपने उसी भाई पर शर्म आ रही है! अरे ;आज भाई भाई एक दूसरे को देखकर जलते हैं,
और यह भाई तुम्हारी तरक्की देखकर खुश होते गए! और आज तुम उनके साथ ऐसा व्यवहार कर रहे हो, कल को तुम हमारे साथ भी ऐसा ही करोगे, मुझे तो तुम्हारे साथ रहने में भी शर्म आ रही है! अच्छा हुआ मेरे माता-पिता की मैं इकलौती संतान हूं, नहीं तो अगर मेरा भाई मेरे साथ ऐसा करता तो मैं तो मर ही जाती! अरे; किस चीज का अभिमान है तुम्हें? आज जो तुम हो अपने भाई की वजह से हो,
हां रीमा तुम सही कह रही हो, मुझे अपने पद का अभिमान हो गया था लेकिन, आज तुमने मेरी आंखें खोल दी है! मुझे माफ कर दो! अरे: माफी मुझसे नहीं, अपने भाई से मांगो! तब नमन अपने भाई के पास गया और रोते हुए माफी मांगने लगा! भाई को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था, किंतु उन्होंने छोटू को गले से लगा लिया ! और छोटू के पश्चाताप के आंसुओं में सब बह गया! आज छोटू अपने भाई से माफी मांग कर अपने आप को बहुत हल्का महसूस कर रहा था!
हेमलता गुप्ता स्वरचित