अभागन – हेमलता : Moral Stories in Hindi

समृद्धि – समृद्धि बोलते हुए किसी ने उसे ज़ोर से झंझोड़ा तो देखा सामने उसकी प्रिय सखी रूचि

खड़ी थीं और उसे पुकार रही थी पर वो तो अपना नाम भूल ही चुकी थी क्योंकि कोई भी उसे समृद्धि नाम से

बुलाता ही नहीं था | सब उसे अभागन ही बोलते थे |

आज बहुत दिनों बाद अपनी प्रिय सहेली के मुख से अपना नाम सुनकर उसे होश आया की यही तो है

उसका नाम जो की उसकी माँ ने बड़े प्यार से रखा था और वो खो गयी अपने पुराने दिनों की याद में |

सब बोलते थे की जब उसका जन्म हुआ तब ही उसके पिता को व्यवसाय में बहुत बड़ा घाटा हुआ और वो

उस सदमे को बर्दाश्त नहीं कर सके और परलोक सिधार गए बस तब ही सबने बोलना शुरू कर दिया की

कैसी अभागन बेटी पैदा हुई की पिता ही नहीं रहे | 

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घर में और बाहर सभी उसको अभागन ही बुलाते , कोई भी उसे प्यार करने वाला नहीं था सिवाय उसकी

माँ के पर वो भी सबके आगे विवश थी और चाहकर भी अपनी बेटी को प्यार नहीं कर पाती थी | इसी तरह

समय व्यतीत होता रहा और वो समय के साथ सबकी दुत्कारों के साथ बड़ी होने लगी | उसकी माँ का मन था

की उसकी बेटी विद्यालय जाये खूब पढ़े पर उसको किसी ने भी विद्यालय में पढ़ने नहीं भेजा बस घर का काम

करवाते और जली – कटी सुनाते | उसके पड़ोस में ही रूचि रहती थी जिस से वो बातें करती थी और रूचि

उसकी पक्की सहेली बन गयी |

थोड़ी कर बड़ी होने पर उसकी शादी घरवालों ने एक ऐसे लड़के से कर दी जो की न तो कुछ कमाता था

और बहुत ही निम्न दरजे का इंसान था | शराबी था | शराब पीकर आता और उसको मारता – पीटता था |

ससुराल में भी उसकी कोई इज़्ज़त नहीं थी , वहां भी उसके साथ नौकरों जैसा ही बर्ताव होता था क्यूंकि जब

उसका पति ही उसकी इज़्ज़त नहीं करता था , कमाता नहीं था तो सबके ऊपर वो बोझ ही थे | इसी तरह से

समय बीत रहा था , वो बस सबके काम में व्यस्त रहती और अकेले में रोती रहती | मायके से भी कोई उसका

हाल- चाल पूछने वाला कोई नहीं था पर उसको माँ को उसकी बहुत फ़िक्र रहती थी इसलिए उसकी सहेली

रूचि को भेजा था उसके समाचार जानने को |

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आज अचानक अपनी सहेली को सामने देखकर वो बहुत खुश हुई पर रूचि ने उसका ये हाल देखा तो वो

बहुत दुखी हुई और समृद्धि से बोली तूने क्या हाल बना रखा है अपना और उसके लिए कुछ करने का

सोचने लगी तब ही उसे याद आया की समृद्धि का स्वर बहुत अच्छा है और वो भजन बहुत अच्छे गाती है |

उसने समृद्धि के बारे में अपने दोस्तों को बताया फिर सबने मिलकर उसके नाम से भजन संध्या का

आयोजन किया जिसमे समृद्धि ने अपने मधुर स्वरों से सबका मन मोह लिया | उसके भजन जब सब जगह

प्रसारित हुए तो उसको जगह – जगह गाने के लिये आमंत्रित किया जाने लगा और इसमें उसको पैसा भी

मिलने लगा और समृद्धि को अहसास हुआ की वो अभागन नहीं बल्कि बहुत भाग्य शाली है की उसको

इतनी अच्छी सहेली मिली जिसने उसकी तकदीर ही बदल दी | अब घर में भी सब उसको इज़्ज़त और प्यार

देने लगे | ये सब देखकर उसकी माँ भी बहुत प्रसन्न होती है और भगवान का बहुत धन्यवाद देती है की मेरी

बेटी अभागन नहीं बल्कि सौभाग्यशाली है |

यदि कोई रास्ता दिखाने वाला मिल जाये तो हम अपनी तकदीर को और लोगों की खराब सोच को बदल

सकते हैं |

धन्यवाद्

हेमलता

#अभागन

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