Moral Stories in Hindi : एक दिन कावेरी जी फोन पर स्वरा से बोली कि कैसे वह घर के सारे काम काज संभाल लेती हैं और बहु नेहा नौकरी पर जाती हैं !!
नेहा मुझसे बहुत प्यार करती हैं बेटा और कहती हैं सासु मां आप इस उम्र में भी कितनी एक्टिव हैं और इतना सारा काम जल्दी जल्दी कर लेती हैं और एक मैं हुं , जवान होकर भी आप जितना भाग भागकर काम नही कर पाती हुं !!
स्वरा बोली मम्मी भाभी कितनी किस्मत वाली हैं जो उसे तुम्हारे जैसी सास मिली और एक मैं हुं अभागी जो मुझे इतनी खडुस सास मिली हैं !! देखा मम्मी आप भाभी के साथ इतना प्यार से रहती हो , घर का सारा काम करती हो तो भाभी आपको कितनी इज्जत देती हैं बस यही इजजत मैं अपनी सास को कभी नहीं दे पाई !!
कावेरी जी अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बोली और तो और स्वरा बेटा तेरी भाभी तो मुझे कहीं आने जाने भी नहीं देती कहती हैं मम्मी जी आपके बिना घर काटने को दौड़ता हैं , आप होती हो तो घर में चहल पहल सी लगती है. !! अभी दो दिन पहले ही तेरे दिल्ली वाले मामाजी का फोन आया था , मामाजी मुझे यहां मुंबई लेने आने की बात कह रह थे और थोड़े दिन अपने घर रहने कह रहे थे , वे चाहते थे कि मैं थोडे दिन दिल्ली हो आऊं मगर नेहा ने तो जैसे जिद ही पकड ली मम्मी जी कही नहीं जाएंगी , मामाजी आप थोड़े दिन हमारे यहां रहने आ जाईए !!
स्वरा बोली हां मम्मी वही तो बात होती हैं एक अच्छी सास और एक बुरी सास में !!
आपको भाभी कहीं जाने नहीं देना चाहती और मैं चाहती हुं कि मेरी सास थोड़े दिन हरिदवार या काशी चली जाए ताकि मैं आराम से यहां रहुं क्योंकि उसे दिन भर यहां वहां किर्तन में जाते देख , मंदिर जाते देख मेरा खुन खौलता हैं कि इसके कितने मजे हैं और एक मैं हुं जो पहले ऑफिस में पीसती हुं और फिर अगर कामवाली बाई नहीं आई तो घर में पीसती हुं !!
कावेरी जी बोली हां बेटा , तु चिंता मत कर , एक ना एक दिन तेरी सास को भी अक्ल आएगी , उनकी अक्ल मैंने ठिकाने पर ना लाई तो देखना !!
एक दिन मैं और मेरी बहु नेहा मिलकर यह बता देंगें कि एक सास बहु का रिश्ता कैसे बेहतर बनाया जा सकता हैं ??
स्वरा बोली हां मां आप दोनों सास बहु की मिसाल तो मेरी सास को मुझे देनी ही होगी ताकि उनकी घास चरने गई अक्ल वापस ठिकाने आए !!
एक दिन स्वरा बहुत घमंड से अपनी सास गायत्री जी से बोली मेरी मां तो मेरी भाभी की शादी के बाद भी घर के सारे काम करती हैं क्योंकि भाभी नौकरी पर जो जाती हैं , मेरी मां की सोच बहुत अच्छी हैं उसपर गायत्री जी ने पहले तो कोई प्रतिक्रिया नहीं दी , फिर धीरे से बोली बस बेटा यही बात तु साल भर बाद मुझसे वापस दोहराना तो मैं भी समझ जाऊंगी कि बहु आराम से ऑफिस जाए और सास को सारा घर का काम करना चाहिए !!
थोड़े महिनों बाद जब स्वरा ने उसकी मां को फोन किया तो कावेरी जी रो रही थी और रोने का कारण भी नहीं बता रही थी मगर स्वरा ने जब जोर देकर पूछा तो कावेरी जी बोली बेटा , तेरी भाभी सुबह रोज देर से उठती हैं , घर का कुछ काम नहीं करती और बस बैठे बैठे हुक्म चलाती हैं , पहले तो मुझसे भी सारे काम हो जाते थे पर अब इतना काम करके मैं भी बहुत थक जाती हुं , आखिर मेरी भी तो उम्र हो रही हैं !! एक दिन तो मेरे जोड़ों का दर्द ऐसा उठा कि मुझसे सहन नहीं हो पाया और मैं घर का कुछ काम नहीं कर पाई उस पर तुम्हारी भाभी बोली मम्मी जी आप रोज रोज ऐसे नाटक करेंगी तो कैसे चलेगा ?? आप तो जानती हैं मुझे घर का कुछ काम करना नहीं आता , मैंने कभी घर का कोई काम नहीं किया तो कैसे आएगा भला मुझे काम करना , आप कैसे भी जल्दी ठीक हो जाइए क्योंकि काम तो आखिर आपको करना ही पड़ेगा !!
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आत्मग्लानि (भाग 4)
आत्मग्लानि (अंतिम भाग) – स्वाती जैंन : Moral Stories in Hindi
आत्मग्लानि (भाग 2)
आपकी सखी
स्वाती जैंन