आत्मग्लानि (भाग 2) – स्वाती जैंन : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : स्वरा की सासू मां गायत्री जी बोली कि उन्हें स्वरा के नौकरी करने से कोई आपत्ति नहीं बस फिर क्या था स्वरा और राहुल का रिश्ता तय हो गया , शादी के बाद पंद्रह दिन तो घूमने फिरने और रिश्तेदारों के यहां आने जाने में निकल गए इसलिए स्वरा के उपर घर के कामों का बोझ नहीं पड़ा और गायत्री जी भी बेटे -बहु की नई नई शादी हैं यह जानती थी इसलिए उन्हें पुरी छुट दे रखी थी ,

थोड़े दिनों बाद गायत्री जी ने रसोई से छुट्टी ले ली और स्वरा घर का काम संभालने लगी मगर जैसा कि स्वरा से घर के काम होते नही थे , मन मारकर वह घर के काम कर तो लेती मगर मन ही मन अपनी नौकरी के ज्वाइनिंग लेटर का इंतजार करती रहती आखिर उसकी दिली तम्मना पुरी हुई और थोड़े महिनों बाद स्वरा का जाइनिंग लेटर भी आ गया !!

स्वरा ने जैसे ही यह बात ससुराल में बताई सास गायत्री जी बोली बहु तुम नौकरी करना चाहती हो करो मगर मुझसे घर के काम की कोई अपेक्षा मत करना , मुझसे गर्म रोटी के आस मत रखना क्योंकि अब बुढ़ापे में मैं घर का ज्यादा काम नहीं कर पाऊंगी , तुम चाहो तो एक खाना बनाने वाली रख दो ताकि तुम पर भी नौकरी के साथ घर के कामों का बोझ ना पडे !!

यह सुनकर स्वरा के चेहरे की हवाईयां उड़ गई , उतने में राहुल बोला मां आप स्वरा की शादी के पहले भी तो घर का सारा काम किया करती थी फिर अब क्यूं मना कर रही हो ??

गायत्री जी बोली राहुल , तु ज्यादा बीवी की तरफदारी मत कर , मैंने जो कहा वह मेरा आखरी फैसला हैं !!

स्वरा ने भी सासू मां का आईडिया अपना लिया क्योंकि उसे नौकरी हर हालत में करनी थी !!

दूसरे दिन से राहुल और स्वरा ने बर्तन , कपड़ों , घर की साफ सफाई और खाने बनाने के लिए कामवाली बाई लगा दी !!

अब स्वरा रोज नौकरी पर जाने लगी मगर दिक्कत तब हो जाती जब कामवाली बाई छुट्टी कर देती , तब स्वरा को नौकरी से आकर घर का सारा काम करना पड़ता !!

स्वरा को मन ही मन अपनी सास पर बहुत गुस्सा आता और मन मारकर उस दिन वह सारा काम करती !!

एक दिन स्वरा अपनी मां कावेरी जी से फोन पर बोली मां मेरी सास दिनभर महारानी की तरह बैठी रहती हैं मगर कुछ काम नहीं करती , सारा काम मुझे ही करना पड़ता हैं !!

जिस दिन से शादी हुई हैं ऐसा लग रहा हैं नितिन के घरवालों से तो जैसे तैसे बच गई पर राहुल के घरवालों से बचकर कहां जाऊं ??

कामवाली बाईयों का तो कुछ भरोसा भी नहीं हैं , कभी भी छुट्टी मार देती हैं और उस दिन मुझे सारा काम करना पड़ता हैं !! मां तुम भाई की शादी के बाद भाभी के साथ ऐसा सौतेला व्यवहार मत करना , भाभी भी तो नौकरी वाली होगी , उसे पुरा आराम देना वर्ना बिचारी भाभी की हालत मेरे जैसी हो जाएगी !!

कावेरी जी को भी बेटी की सारी बातें सुन बेटी के लिए दुःख हुआ और वे बोली बेटा , मैं तो तेरी भाभी के साथ कभी ऐसा नहीं करूंगी !!

उसे रानी बनाकर रखुंगी ताकि वह पीठ पीछे कभी मेरी बुराई ना करें जैसे तु तेरी सास की करती है !!

थोड़े ही दिनों बाद स्वरा के भाई मुकेश की शादी भी पक्की हो गई , लड़की का नाम  नेहा था और वह भी नौकरी करती थी !!

नेहा भी स्वरा की तरह सिर्फ नौकरी करना चाहती थी , घर के कामों से उसे भी परहेज सा था !! कावेरी जी तो सगाई में ही बोली कर चुकी थी कि वे घर का सारा काम काज संभाल लेंगी और नेहा आराम से नौकरी कर सकती हैं !!

मुकेश और नेहा की शादी की तैयारियां जोरों में चल ही रही थी कि एक दिन स्वरा के पापा गिरधारी जी की अकस्मात मत्त्यु हो गई !! शादी की तैयारियों के बीच यह झटका असहनीय था मगर स्वरा और कावेरी जी को दिल पर पत्थर रख थोड़े दिन बाद वापस शादी के कामों में जुटना पडा !! थोड़े दिन बाद मुकेश और नेहा की शादी हो गई और शादी के बाद मुकेश और नेहा नौकरी पर जाने लगे और कावेरी जी खुशी खुशी घर के सारे काम करने लगी !! 

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आत्मग्लानि (भाग 3)

आत्मग्लानि (भाग 3) – स्वाती जैंन : Moral Stories in Hindi

आत्मग्लानि (भाग 1)

आत्मग्लानि (भाग 1) – स्वाती जैंन : Moral Stories in Hindi

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स्वाती जैंन

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