आपको तो अपनी बहू की अच्छाई के आगे कुछ दिखाई ही नहीं पड़ता है…. – विधि जैन : Moral Stories in Hindi

दरवाजे पर घंटी बजते ही सभी लोग चौंक गए इतने समय पर कौन आया होगा…

 रात के 9:00 बजे थे पंखुड़ी अपने मायके आए हुए थी उसने सबको सरप्राइज दे दिया पंखुड़ी को देखकर सभी लोग आश्चर्यचकित हो गए हैं.. कि इतनी रात में तुम मायके कैसे आ गई ..पंखुड़ी ने कहा- कि मुझे दिन भर से अच्छा नहीं लग रहा था मैंने मम्मी को और पापा को देखा नहीं था ….इसलिए मैं आ गई और बच्चों के एग्जाम भी खत्म हो गए थे …\

तो मैंने सोचा आज जाकर सबको सरप्राइज दे दूं… मम्मी सुशीला ने पंखुड़ी को कहा- कि बेटा एक फोन तो कर दिया होता… तो खाना बना कर रख देते …पंखुड़ी ने कहा- नहीं मम्मी बच्चों के एग्जाम खत्म हुए हैं..

और हम लोगों ने सोचा कि बाहर से ही कुछ खाकर चलते हैं क्यों??? आपको परेशान करें ..और हम लोग आपके घर आ गए ..पंखुड़ी का ससुराल कुछ ही दूर पर था जब मन आता पंखुड़ी आ जाती मायके मैं भैया भाभी और मम्मी पापा रहते हैं.

 पंखुड़ी का अक्सर आना जाना लगा रहता है भाभी सुशील, पढ़ी-लिखी और घर से ही पार्लर का काम करती है, दिन भर बिजी रहती हैं।

पंखुड़ी भी पढ़ी-लिखी समझदार ससुराल में अपना दबदबा बनाए रखी है.. पर जब भी मायके आई  उसका बिल्कुल काम में मन नहीं लगता.. हमेशा वह आर्डर चलाती रहती ..भाभी लाली अपना काम ईमानदारी से करती एक दिन सुबह के टाइम पार्लर में कस्टमर 9:00 बजे ही आ गए।

नाकाम आशिक की डायरी – संजीव कुमार : Moral Stories in Hindi

 और लाली कस्टमर अटेंड करने के लिए पार्लर में चली गई लगभग 2 घंटे उसको लग गए ..तभी पंखुड़ी सोकर उठकर आई ..और देखा कि बच्चे यहां वहां खेल रहे हैं ..बच्चों से पूछा तो उन्होंने कहा- कि मामी ने अभी मुझे नाश्ता नहीं दिया है .

.पंखुड़ी किचन में जाकर देखने लगी तो कुछ भी नाश्ते में नहीं बना हुआ था ..गुस्से में आकर वह सोफे पर बैठ गई गुस्सा दिखाते हुए कहा- मन में इतने दिन बाद तुम आई हूं और सोच भी रही थी कि थोड़ा आराम कर लूंगी पर यहां आकर मुझे लगता है कि मुझे ही काम करना पड़ेगा ।

भाभी को तो टाइम ही नहीं है वह अपने पार्लर चलाने में लगी हुई है।

 सुबह से कौन पार्लर चलाता है तब मां सुशीला ने कहा कि बेटा उनके कस्टमर का आर्डर बहुत दिन पहले था उनके घर में शादी है.. इसलिए वह सुबह से आ गई है तैयार होने के लिए पंखुड़ी ने मुझे बताया था.. लेकिन मैं बच्चों के लिए नाश्ता बनाना भूल गई हूं.. अरे !!मम्मी यह कौन सी बात हुई आपको तो अपनी बहू की अच्छाई के आगे कुछ दिखाई ही नहीं पड़ता है

बेटी से तो आपको कोई मतलब नहीं रहता है इतने दिनों बाद बेटी आई है और आप बहू का पक्ष ले रहे हैं भाभी को जब पता था कि कस्टमर 9:00 बजे आने वाला है तो वह सुबह उठकर नाश्ता तैयार कर सकती नहीं… अरे! बेटा तुम ही लोग तो कहते हो ठंडा खाना नहीं खाया जाता नाश्ता नहीं किया जाता फिर वह बनाकर क्या? करती जब तुम लोग सब उठकर आ जाओगे।

 तब वह बनाती अब वह थोड़ा सा लेट हो गई है तो तुम बात का बतंगड़ बना रही हो.

 आसमान सिर पर उठा रही हूं मां मुझे नहीं पता था कि आपका नेचर इतना चेंज हो जाएगा।

अपना सम्मान कराना भी एक कला है – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

 बहू के आते ही.. बेटा ऐसी कुछ बात नहीं है जो आप अपने मन में लगा रहे हो ठीक है मैं अभी आपके लिए नाश्ता तैयार कर देती हूं बच्चों के लिए पंखुड़ी ने कहा- नहीं मां मुझे कुछ नहीं खाना अब मैं खाना भी नहीं खाऊंगी मैं अपने ससुराल जा रही हूं बेटा इतनी इतनी सी बातों पर गुस्सा होगी तो कैसे रिश्ते निभाओगी।

कुछ देर तक पंखुड़ी गुस्सा बैठी गई और पंखुड़ी को देखकर सभी के मन में यही आ रहा था कितनी इतनी सी बातों पर गुस्सा होगी ।

तो फिर कैसे आगे भाभी और नंद के रिश्ते चलेंगे कुछ देर बाद लाली अपना काम खत्म करके आई हाथ पैर धोकर जल्दी से किचन में चली गई ..और उसने बढ़िया केक मलाई कोफ्ता नान और पुलाव बनाया और डाइनिंग टेबल पर लगा दिया इतना अच्छा खाना देखकर बच्चे खुश होकर डाइनिंग टेबल की तरफ दौड़ कर आ गए।

और खुशबू खाने की चारों तरफ फैल गई तुरंत ही सुंदर तरीके से थाली लगाकर लाली पंखुड़ी के पास देने चली गई और कहा सॉरी दीदी अब आगे से ऐसा नहीं होगा मुझे समझ में आ गया है कि मैं पहले घर का काम खत्म कर लूंगी।

फिर अपने कस्टमर अटेंड करूंगी आज मेरी गलती है मैंने आपको नहीं बताया था मेरे दिमाग में अच्छा खाने बनाने का था।

 और मैंने सोचा कि यह यह सब चीज गरमा गरम अच्छी लगती हैं इसलिए मैंने नहीं बनाया था।

 लेकिन आगे से मैं ध्यान रखूंगी कि जब भी मुझे कस्टमर अटेंड करना होगा उसके पहले मैं किचन का सारा काम खत्म कर दिया करूंगी।

 यह सब सुनकर पंखुड़ी ने कहा- नहीं भाभी मुझे आज समझ में आ गया की नौकरी करना कोई आसान बात नहीं होता है ।

और मैं गुस्सा हो गई तो मां मुझे भी समझा रही थी मैं भी आपके साथ हाथ बटा लिया करूंगी ..और दोनों यह कहते हुए गले लग गए।

 सच में हम जब किसी के घर जाते हैं तो हमें उसका साथ देना चाहिए ना कि उसके ऊपर गुस्सा निकालना चाहिए।

विधि जैन

#आपको तो अपनी बहू की अच्छाई के आगे कुछ दिखाई ही नहीं पड़ता है….

Leave a Comment

error: Content is protected !!