आंखों में खटकना – राजेश इसरानी : Moral Stories in Hindi

वो अभी 25 वर्ष का था।

उसके पिताजी ने बहुत मुश्किल और कठिनाइयों से उसकी पढ़ाई  करवाई थी। अपनी क्षमता से ज्यादा खर्चा कर उसको पढ़ाया था। 

उसकी अच्छी जगह नौकरी लग गई थी। और पैकेज भी अच्छा था। जैसे कि आप जानते है ऐसे लड़कों को लड़की वाले ढूंढते ही रहते है। 

उसी की कंपनी में सहकर्मी थी वो, उसने अपने पिताजी को एक दो बार मिलाया था, पिताजी को भी लड़का अच्छा लगा था।

लड़की के पिता शहर के जाने माने व्यापारी थे।

उन्होंने देर न करते हुए लड़के के परिवार के सामने अपनी बेटी की बात रखी और बेटी के लिए लड़के का हाथ मांग लिया।

लड़के के पिता के लिए ये रिश्ता बराबरी का नहीं था। पर बेटे के भविष्य और सामने से आए अच्छे रिश्ते को ठुकराना सही नहीं होगा ये सोच कर शादी के लिए हां कह दिया और कुछ ही दिनों में बहु को घर ले आए।

दोनों एक ही कंपनी में नौकरी करते थे तो दोनों सुबह साथ जाते और शाम देर तक घर आते। अक्सर खाना बाहर हे खा के आते।

धीरे धीरे वो हमसे कटने लगे,वो दोनों अपनी ही दुनिया में रहते।

मै अब रिटायर हो चुका था।

तो पत्नी के साथ ज्यादा समय घर पर ही कटता था।

मै जब भी बेटे को कुछ लाने के लिए कहता वो कोई न कोई बहाना कर टाल देता।

मैने उसकी पढ़ाई के लिए खुद पे खूब कर्जा कर लिया था।

 बेटे से और बहु से कहा कि कर्जदार रोज पैसे मांगने आते है। तो अब तुम उन सबके पैसे ब्याज सहित लौटा दो।

बेटे ने और बहु ने अभी नहीं होगा बाद में देखेंगे और टालमटोल करते रहे ।

बार बार मै उन्हें कहता रहता इसलिए अब उन्हें आंखों में खटकने लगा था।

बहु को तो हम दोनों फूटी आंख नहीं सुहाते थे।

अब मेरी आंखों में अंधेरा सा छाने लगा। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करू।

अब तो वो दोनों मुझे भी खटकने लगे थे। मैने अपने दोस्त से एक दिन बात की उसे भी अच्छा नहीं लगा। दोनों मिल कर सोचने लगे,क्या करे तभी पत्नी घर के कागजात ले आई और कहा घर बेच दो जो पैसा आए उससे कर्जा चुका दो बाकी बचे पैसे बैंक में fd करा दो।

हम कोई किराए के घर में शिफ्ट हो जाएंगे। उनसे कह दो तुम अपना बंदोबस्त कर लो।

शाम को जैसे ही दोनों घर आए तो मैंने उनको ये बात बता दी कि मैंने ये घर बेच दिया है और कर्जा सब चुका दिया है।

हम दोनों थोड़े दिन के लिए मेरे दोस्त के यहां रह लेंगे जब तक किराए का घर नहीं मिलता। तुम भी अपना सामान सब उठाओ और कही भी चले जाओ अपने दोस्त या अपने ससुराल ।

2 दिन हे तुम्हारे पास। पिताजी आप ऐसे कैसे कर सकते हो।

मैने क्या किया, क्या ये मेरी गलती है कि मैने तुम्हे इतना पढ़ाया लिखाया। ब्याह करवाया। तुम दोनों कमाने क्या लगे हम तो तुम्हारी आंखों में खटकने लगे।

अब तो सब हो चुका तुम अपना बंदोबस्त जल्द से जल्द कर लो।

इसलिए कहते है मां बाप को कभी सताना नहीं चाहिए। 

 

राजेश इसरानी

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