Moral stories in hindi : आज जब सोनू की नानी ने सोनू को सविता को सौंपा और सोनू जब मां बोलकर सबिता के गले लगा तो आज सबिता को महसूस हुआ की आज वो सच मैं मां बनी है क्योंकि अभी तक मां होने का कर्तव्य तो निभा रही थी पर अधिकार आज मिला है.
बिना अधिकार के एक दिखावा लग रहा था दोनों का रिश्ता सविता की आंख मैं आंसू आ गए नानी ने उसके सर पर हाथ फेर कर कहा माफ करना बेटी तुम्हे गलत समझा पर अपनी बेटी की निशानी को किसी पर विश्वास किए बिना कैसे सौंप देती
सबिता बोली मैं समझ सकती हूं आपकी बेटी के जाने के बाद तो इस से आपको और ज्यादा मोह होगा पर अब आप निश्चिंत रहिए अब मैं इसकी मां हूं प्यार भी करूंगी और गलती पर डाटूंगी भी
और सबिता अपने पति विकास के साथ सोनू को ले कर आने लगी सोनू के माना मामी दुखी हो रहे थे लेकिन वो भी खुश थे की सोनू को अपना परिवार मिल गया
रास्ते में विकास ने सविता का हाथ पकड़ कर उसे धन्यवाद कहा की उसकी वजह से बेटा वापस मिल गया सबिता ने भी आश्वासन दिया
सोनू को एक मां का प्यार मिलेगा
रास्ते मै सविता उस दिन को याद करने लगी जब मां ने बताया था विकास का रिश्ता आया है उसकी पत्नी एक तीन साल के बेटे को छोड़ कर गुजर गई है वो तो शादी करना नही चाहता पर बेटे के कारण राजी हुआ है सबिता के भी एक बेटी के बाद पति गुजर गए थे दोनो के लिए साथ सही था.
सविता ने हां कर दी और शादी हो कर आ गई आते ही उसने सोनू को अपनाने की कोशिश करी लेकिन दो दिन बाद ही सोनू की नानी आ गई बोली मैं अपने नवासे को सौतेली मां के पास नहीं छोड़ सकती पिताजी तो नौकरी पर चले जायेंगे जाने कैसा व्यवहार करेगी और खुद के भी एक बेटी है तो मेरे नवासे को क्यों प्यार करेगी मैं आज ही इसे लेकर जाऊंगी
सविता और विकास ने बहुत समझाया पर नहीं मानी हार कर सविता ने कुछ शर्त के साथ जाने दिया
अब हर त्योहार पर सोनू अपनी नानी के साथ आता सविता दोनों का जी जान से ख्याल रखती
और हर छुट्टी पर उस से नानी के मिलने जाते
सबिता का व्यवहार देख नानी का दिल पिघल रहा और सबिता ने भी ठान लिया था की अपना अधिकार ले कर रहेगी नानी की धारणा को बदल देगी समय गुजर रहा था सबिता सोनू की हर जरूरत का ख्याल रखती रोज फोन पर बात करना मिलने जाना चेहरे पर कोई शिकन नहीं
अब नानी को महसूस हुआ की अगर सबिता को
प्यार नही होता तो वो तो खुशी खुशी छोड़ देती पर ज्यादा प्यार भी कहीं दिखावा तो नही
आज जब सबिता मिलने आई तो उसने देखा सोनू ढेर सारी चॉकलेट खा रहा है सबिता के मना करने पर जिद्द करके रोने लगा तो सबिता जोर से डांटते हुए बोली तुम्हे समझ नही आता कब से मना कर रही हूं और चॉकलेट ले ली थोड़ी देर सोनू रोता रहा नानी सब देख रही थी अब उन्हे यकीन हो गया की सबिता सच मैं प्यार करती है और उन्होंने सोनू को समझाया और सबिता को सौंप दिया
घर आ गया था आज सबिता और विकास दोनों खुश थे आज उनका परिवार पूरा हो गया था सविता को उसका अधिकार मिल गया था सोनू और मिनी खेलने चले गए सबिता सोनू का समान जमाने लगी ।
स्वरचित
अंजना ठाकुर
#अधिकार