तेनाली और उसकी पत्नी सोनाली घूमने निकले तभी बहुत बड़ा ग्रैंड फाइव स्टार होटल दिखा।
“देखो लगता है इसमें कोई बहुत बड़ी पार्टी चल रही है।” सोनाली ने बोला।
“अरे तुमको बोर्ड नहीं दिख रहा है; ये कितनी बड़ी कंपनी है, पी. आई. एल. उसकी पार्टी चल रही है, और शायद अंदर मैजिक शो भी है…….”
“वाह काश हम भी मैजिक शो देख पाते, लेकिन इसमें तो वही लोग जा सकते हैं जिनके पास एंट्री पास हो; हम तो नहीं जा सकते।” सोनाली निराशा से बोली।
“चलो तुम भी क्या याद करोगी कुछ चक्कर चलाते हैं।” तेनाली बोला।
वह गेट के अंदर घुसने लगा तो तुरंत दरबान ने पूछ लिया। “कहां जा रहे हो, तुम्हारा एंट्री कार्ड दिखाओ?”
“अरे मैं तो मालिक का खास हूँ, मुझे पास की जरूरत नहीं।” तेनाली बोला।
“ऐसी बात…” दरबान हंसने लगा।
“ये सही बात है और तुम मुझे अंदर जाने दो।” तेनाली ने कहा
“ऐसे नहीं जाने दूंगा, बिना पास के…….”
“देखो आज वहां मुझे बहुत अच्छा पुरस्कार भी मिलने वाला है तुम अगर मुझे जाने दो तो मैं तुम्हें उसमें से आधा दे दूंगा।”
थोड़ा सोच विचार के बाद दरबान ने उन दोनों को अंदर जाने दिया।
मुख्य हाल में जाने से पहले फिर दो लोग मिले वो एम्पलाई थे कंपनी के उन्होंने सवाल किया, “पास कहां है?”
तेनाली ने उनको भी लालच दे दिया और अंदर चला गया।
अंदर इतना भव्य समारोह हो रहा था कि तेनाली और सोनाली की आंखें चकाचौंध हो गई, वहाँ एक जोरदार मैजिक शो चल रहा था।
कभी किसी की लंबाई छोटी करी जा रही है कभी किसी की बड़ी करी जा रही है, किसी को हवा में लटकाया जा रहा है सब खूब तालियां बजा रहे हैं।
इतने में जादूगर ने कहा, “यहाँ इतने लोग मौजूद है, क्या किसी में मेरा सामना करने की हिम्मत है, अगर किसी में हिम्मत है तो आगे आए मैं उसका स्वागत करूंगा।”
कंपनी के मालिक की तरफ मुंह करके तेनाली बोला, “साहब मैं अपना स्वागत करवा लूंगा इनसे।”
सब अचंभित हैं कि ये जादूगर के सामने क्या करेगा ऐसा जो वो नही कर पायेगा।
मालिक ने पूछा, “तुम कौन हो?”
“मेरा नाम रामकृष्ण है सब मुझे तेनाली कहते हैं…….”
“ठीक है बोलो तुम क्या करना चाहते हो…….”
तेनाली बुद्धि से बहुत ही चतुर था उसने अपनी चतुर बुद्धि का प्रयोग किया और जादूगर से बोला, “जो काम मै बंद आंखों से कर सकता हूं वह काम आप को खुली आंखों से करके दिखाओ।”
जादूगर जोर से हंसने लगा, “जो काम तुम बंद आंखों से कर सकते मैं खुली से नहीं कर पाऊंगा……..वाह यह भी क्या बात कही; ठीक है मैं तैयार हूं।”
कुछ देर रुकने के बाद तेनाली ने एक बॉक्स मंगाया उस बॉक्स में मिर्ची पाउडर था उसने दोनों हाथ की मुट्ठियों में मिर्ची पाउडर भरा अपनी आंखें जोरदार बंद करी और उसके ऊपर लाल मिर्च का पाउडर डालने लगा फिर नीचे मुंह झुका कर सारा पाउडर झाड़ने के बाद आंखें खोल दी और जादूगर से बोला, “अब आपकी बारी, आप करके दिखाइए।”
मौजूद सभी लोग हतप्रभ रह गए सब को यह लग रहा है जादूगर तो कुछ भी कर सकता है। जादूगर परेशान सा इधर-उधर देखने लगा और जल्दी से वहां से भाग गया और एक जोरदार ठहाका हाल में गुंजा।
कंपनी के मालिक बहुत खुश हुए बोले, “हम तुमको पुरस्कार देना चाहते हो बोलो क्या मांगते हो तुम?”
तेनाली बोला, “मुझे सौ डंडे मारे जाए।”
“क्यों यह क्या मांग रहे हो? मैं तो तुम्हें रुपया पैसा देने को तैयार हूं तुम डंडे क्यों मरवाना चाहते हो? वचनबद्ध हूं जो तुम मांग रहे हो मुझे देना ही पड़ेगा……”
तेनाली बोला, “याद आया सर मैं भी वचनबद्ध हूं मुझे भी किसी को कुछ देना है। आप के बाहर मेन गेट पर खड़े और फिर अंदर के हॉल के बाहर खड़े तीनों गेट कीपर से मैंने वादा किया था कि मुझे जो भी पुरस्कार मिलेगा मैं उन को बांट दूंगा पर अंदर जाने दे मुझे।”
तीनों गेटकीपर को बुला लिया गया उन्होंने लालच के बल पर किसी अनजान को अंदर आने दिया इसलिए उसे उन्हें दंडित किया जाएगा। लालच बुरी बला है का सबक भी मिलेगा उनको।
कंपनी के मालिक ने कहा तुम्हारी वजह से तीन लालची लोग सामने आए जो हमारी कंपनी में अब तक काम कर रहे थे इस बात से बहुत खुश हैं और इसलिए हम तुम्हें अपने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में शामिल करते हैं तुम हमें उचित सलाह देने का काम करोगे।
शालिनी दीक्षित