पापा में जूडो कराटे सीखना चाहती हूं।
अभी बेटा तुम इन सबके लिए बहुत छोटी हो
थोड़ी बड़ी हो जाओ फिर सीखना जूडो कराटे
पापा मै बड़ी ही हूं।
देखिए मै आपके पेट तक आ जाती हूं।
हेहेहे हस्ते हस्ते पापा ने कहा अरे वाह मेरी गुड़िया तो इतनी बड़ी हो गई।
पापा अब मै कराटे सीखूंगी।
पर बेटा तुम्हे कराटे क्यों सीखने है?
पापा मैने टीवी में देखा था एक लकड़ी को लड़के बेड टच कर रहे थे तो लड़की डर रही थी, कुछ कर ही नहीं पा रही थी बस रो रही थी और कह रही थी मुझे छोड़ दो छोड़ दो।
पर वो गंदे लड़के उसे बेड टच कर रहे थे।
फिर पापा पता है क्या हुआ?
क्या हुआ बेटा? पापा ने जिज्ञासावश पूछा
एक दूसरी लड़की आई वहां, उसे कराटे आते थे।
उसने उन लडको को बहुत मारा और मार मार के भगा दिया।
और उनके जाने के बाद लड़की को समझाने लगी कि विरोध करना सीखो
खुद के लिए लड़ना सीखो
और हां अपनी आत्मरक्षा के लिए खुद को तैयार रखो।
तो उसने पूछा कैसी तैयारी?
तब लड़की ने कहा कराटे आज हर लड़की को सीखने चाहिए।
ताकि ऐसे पापियों के आगे बेबस होकर रोना ना पड़े बल्कि उनका विरोध कर उन्हें ही पछाड़ दे।
मुझे उसकी बात बहुत अच्छी लगी पापा!
मै भी लड़की हूं और मै रोके डरना नहीं चाहती।
इसलिए कराटे सीखकर विरोध करना है मुझे और अगर कल किसी के साथ कोई बेड टच करता है तो मै उसका विरोध कर उसे बचा तो सकती हूं ना पापा
अपनी 5 साल की बेटी के मुंह से ये बाते सुन पिता गर्वित भी हुए कि हां ये है आज कि नारी जो अन्याय को सहेगी नहीं बल्कि उसका विरोध करेगी।
नताशा हर्ष गुरनानी
भोपाल