बारह वर्ष बाद आज तनय से शुभा की मुलाकात हो गई मॉल में.. दो बच्चों की मां शुभा फिर से वही शुभा बन गई.. कुवारीं बारह साल पहले वाली.. दिल की धड़कने बेकाबू होने लगी.. गालों पर हल्की लाली आ गई.. तेजी से वह तनय के पास चली गई.. तनय की पत्नी लक्मे पार्लर में थी .. तनय सात साल की बेटी तन्वी के साथ खिलौने की दुकान में खिलौना देख रहा था.. अचानक से शुभा उसके पास पहुंच गई.. तनय घबड़ा सा गया.. बेटी को गोद में उठा थोड़ी दूर आकर शुभा से उसकी खैरियत पूछी.. उसे पत्नी का भी भय सता रहा था कहीं अचानक से आ न जाए.. शुभी ये मेरा फोन नंबर है तुम भी अपना नंबर दो आराम से बात करेंगे..
शुभा को बाय करता तनय आंखों से ओझल हो गया.. जितनी गर्मजोशी की आशा शुभा को तनय से थी उसे वैसा नही लगा.. पर..
घर आने पर दोनो बच्चों को मैगी बना के पकड़ा दिया और खुद कॉफी का मग लेकर बालकोनी में आ के बैठ गई.. पति सुनील एक सप्ताह के लिए ऑफिस के काम से बाहर गए थे.. शुभा अतीत के गलियारे में विचरण करने लगी.. क्लास सिक्स से तनय से दोस्ती थी.. मां की मृत्यु के बाद के खालीपन को तनय से बात करके भरने की कोशिश करती.. पापा उसे चाचा चाची के पास आसनसोल भेज दिए थे बड़ी हो रही लड़की के लिए मां का सानिध्य बहुत आवश्यक है ..दुर्भाग्यवश मां के नही होने से चाची के पास इसलिए भेज दिया गया था शुभा को..
शुभा और तनय का रिश्ता अब दोस्ती के दायरे से निकलकर प्रेम का रूप ले लिया था.. तनय की नौकरी सिंगापुर में लग गई थी और शुभी पीजी कर नेट की तैयारी कर रही थी.. चाचा चाची को तनय और शुभा के रिश्ते से कोई ऐतराज नहीं था क्योंकि तनय बेहद धीर गंभीर और जिम्मेवार लड़का था.. सिंगापुर जाने से पहले शुभा के चाचा और पापा तनय के घरवालों से बात कर रिश्ता तय करना चाहती थे.
उनकी इच्छा थी सगाई हो जाए शादी छः महीने बाद आने पर हो जायेगी.. शुभा तनय से पापा और चाचा के उसके घरवालों से रिश्ते की बात करने जाने की बात बताई.. तनय बोला कल बात करके बताता हूं.. शुभा बेसब्री से कल का इंतजार करती रही.. रात आंखों आंखों में हीं काट दिया.. तनय आया पर अपने माता पिता के साफ इंकार कर देने की बात कही.. पिता अपने दोस्त को जुबान दे चुके थे.. ये उनके इज्जत का सवाल था.. तनय भी उनका पुरजोर विरोध नहीं कर पाया..
दोनो के रास्ते अलग हो गए.. थोड़ा संभलने के बाद शुभा ने अपने घर वालों से शादी तय करने के लिए सहमति दे दुनिया गोल है… बारह साल बाद तनय को देख कर क्यों दिल में टीस सी उठ रही है.. सुनील ने अपनी जिम्मेवारी निभाने में कोई कसर बाकी नहीं रखी.. पर पति हीं बन पाया.. चांद तारों की बात करने वाला खूबसूरती पर कसीदे पढ़ने वाला और मौके बेमौके सरप्राइज़ देने वाला प्रेमी नही बन पाया.. शुभा के दिल में दबी ये इच्छा आज उभरने लगी..
जब मोबाईल में रिंग होता लगता तनय तो नही… पति से भी फोन पर अनमने ढंग से बात की.. आखिर बर्दाश्त नहीं हुआ तो तनय को फोन किया और कल कॉफी शॉप में मिलने का वादा लिया..
शाम पांच बजे शुभा पीले रंग का खूबसूरत ड्रेस पहन नवयौना सी तैयार हुई.. बालों को खोल दिया.. कमर तक लहराते बाल उफ्फ.. पूरी तैयारी तनय के अनुसार की …
तनय से खूब सारी बातें हुई.. सिंगापुर से एक साल के लिए इंडिया आया है एक बेटी है तन्वी पत्नी फैशन डिजाइनर है..
तनय और शुभा सप्ताह में एक बार मिल हीं लेते.. शुभा के पति सुनील मजाक मजाक में हीं अक्सर कहते तुम कुछ बदली बदली सी लग रही हो.. शुभा ने एक दिन पति को तनय के इंडिया आने के विषय में बताया.. क्योंकि सुनील को शुभा ने शादी के पहले हीं अपने और तनय के रिश्ते के बारे मे बताया था.. उन्हे कोई ऐतराज नहीं था.. शादी के पहले की जिंदगी से उन्हें कोई शिकायत नहीं थी..
पति पत्नी दोनों के बीच अगर कोई तीसरा चाहे वो पुरुष हो या स्त्री अगर आ जाए तो उन्हे स्पर्श बदले व्यवहार और अंतरंग पलों में गुजरा वक्त बहुत अच्छे से इसका अहसास करा देते हैं.. सुनील को इसका अनुभव हो रहा था..जिस रिश्ते को वह ठंडी राख समझ कर हां कहा था शादी के लिए उसमें सुलगती चिंगारी होने का उसे बिलकुल भी एहसास नहीं था..
सुनील की बेरुखी उदासी शुभा को दिख रहा था पर…
कल तनय का जन्मदिन था शुभा उसे स्पेशल बनाना चाहती थी और सिर्फ तनय और शुभा हीं उसे सेलिब्रेट करे ऐसी उसकी इच्छा थी पर तनय सुबह से फोन स्विच ऑफ कर दिया था .
अगले दिन तनय से मिलने गई तो गुस्से से कल के बारे में पूछा.. तनय बोला मैं शादी के बाद श्रेया के साथ हीं पर्व त्योहार जन्मदिन सेलिब्रेट करता हूं.. और मैं कोई नही तुम्हारी! तनय बोला वो मेरी पत्नी है … तभी श्रेया का फोन आ गया और तनय चला गया..
शुभा रातभर उधेड़बुन में रही सुबह होते होते उसने #फैसला #ले लिया. सुनील से कहा आज हमलोग मूवी देखने चलेंगे और खाना भी बाहर खायेंगे.. सुनील को थोड़ा आश्चर्य हुआ..
आज दृढ़ निश्चय कर शुभा तनय से मिलने गई सपाट शब्दों में कहा आज हमलोग अंतिम बार मिल रहें हैं.. हमे अब अपने घरों लौट जाना हीं उचित होगा.. तनय बोला ठीक कह रही हो हमलोग मृगतृष्णा के पीछे भाग रहें है जबकि हकीकत कुछ और है.. जिस दिन मेरी पत्नी को इस रिश्ते के बारे में पता चल जाएगा मेरा क्या हस्र करेगी ये सोच के मैं कांप जाता हूं.. एक बेटी है उसका क्या होगा.. शुभा सोचने लगी सुनील कितना अच्छा इंसान है सब जानते हुए भी मेरे उपर इतना भरोसा है.. अब हमे लौटना हीं होगा मेरे बच्चे मेरा पति.. यही अब मेरी दुनिया है .. अपने #फैसले #से संतुष्ट सधे हुए कदमों से घर की ओर लौटती शुभा गुनगुना उठी आजा पिया तोहे प्यार दूं…..
❤️🙏🙏✍️
Veena singh..फैसला #
This story should have a proper ending.