जीवन साथी के प्यार में ताक़त होती है – के कामेश्वरी

राघवेंद्र और अलवेलु साठ साल से अपना जीवन साथ गुज़ार रहे थे । कल रात अलवेलु की तबियत अचानक बिगड़ गई थी । राघवेंद्र ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया बच्चों को सूचित कर दिया ।सब आ गए पर अलवेलु आँखें नहीं खोल रही थी । बाहर बैठे राघवेंद्र सोच रहा था कि जब से ब्याह कर उसे अपने घर लेकर आया तब से लेकर अब तक वह सिर्फ़ मुझे और मेरे ग़ुस्से को ही झेल रही थी । मैंने कभी भी उससे प्यार से बात नहीं किया । मुझे लगता था कि और दोस्तों की पत्नियों के समान प्यार जताने से सर पर चढ़ जाएगी । मैंने कभी भी तुमसे प्यार नहीं जताया । मुझे और मेरे ग़ुस्से को झेलते हुए ही तुमने इतने साल गुजार दिए हैं ।एक बार अपनी आँखें खोलो अलवेलु मैं तुमसे माफ़ी माँगना चाहता हूँ । बच्चों ने कहा पापा आप चिंता मत कीजिए हम हैं न माँ को कुछ नहीं होगा ।उन्हें नहीं मालूम कि राघवेंद्र प्रायश्चित करना चाहते हैं ।

डॉक्टर ने कहा देखिए हम जितना कर सकते हैं हमने किया अब ईश्वर ही कुछ कर सकते हैं । बच्चों के चेहरे मुरझा गए । उन्हें अपनी माँ से बहुत प्यार था ।वे कहते नहीं थे पर उन्होंने पिता का व्यवहार माँ के साथ देखा था पर माँ उन्हें कुछ कहने नहीं देती थी चुप करा देती थी । पिता की मर्यादा कम नहीं होने देती थी इसलिए वे सब आज भी पिता को मान देते हैं । राघवेंद्र ने डॉक्टर से कहा मैं मिल सकता हूँ क्या? डॉक्टर ने कहा बेशक आप मिल सकते हैं ।कल तक देख कर इनकी हालत में सुधार नहीं हुआ तो मैं उन्हें डिस्चार्ज कर दूँगा ।एक एक करके जाइए और मिल लीजिए ।

राघवेंद्र आइ सी यू में गए ।अलवेलु को आँखें बंद कर सोते हुए देखा तो उनके आँसू नहीं रुके । अलवेलु का हाथ अपने हाथों में लेकर कहा अलवेलु मुझे माफ कर देना तुम्हारे आँख खुलने के बाद सबके सामने मैं तुमसे माफ़ी माँगना चाहता था । मैं बहुत बुरा हूँ अलवेलु सबसे पहले मुझे तुम्हारा नाम पसंद नहीं था फिर तुम अनपढ़ हो यह मुझे पसंद नहीं था ।दादी और पापा के ज़बरदस्ती करने से मुझे तुमसे शादी करनी पड़ी । मेरे दोस्त की पत्नियों के सामने मुझे तुम्हें ले जाना पसंद नहीं था । इसलिए हमेशा मैं तुम्हें एक इंसान भी नहीं समझता था । कभी भी मैंने तुम्हारे फीलंग्स को नहीं समझा पर तुमने मुझसे शिकायत नहीं की हमेशा मुझे खुश रखने की कोशिश ही की थी । बच्चों को इतनी अच्छी परवरिश दी है आज वे इतने संस्कारी और कामयाबी के मुकाम पर हैं तो वह तुम्हारी वजह से मेरा तो एक पैसे का कॉन्ट्रिब्यूशन नहीं था । अपने दोस्तों के सामने फक्र से सिर ऊँचा करके बच्चों के बारे में बताता हूँ पर दिल के अंदर से एक टीस सी उठती है कि यह सब एक गँवार और अनपढ़ पत्नी के कारण हुआ पर मेरा स्वाभिमान मुझे तुम्हारे सामने झुकने नहीं देता था । आज मैं अपनी सभी ग़लतियों की तुमसे माफी माँगना चाहता हूँ ।प्लीज़ अलवेलु मुझे माफ कर देना आँखें खोलो प्लीज़!!!

राघवेंद्र को लगा अलवेलु की उँगलियाँ हिल रही हैं । अलवेलु ने धीरे से अपनी आँखें खोली और कहा आप यहाँ ।।।बच्चे कहाँ हैं तभी बड़े बेटे ने माँ को बात करते हुए सुना भाग कर डॉक्टर को बुला लाया । डॉक्टर दौड़ते हुए आए और अलवेलु के हाथों को राघवेंद्र के हाथों में देखा और कहा यह तो चमत्कार है राघवेंद्र जी आज प्रूव हो गया है कि जीवन साथी के प्यार में वो ताक़त होती है जो डॉक्टर की दवाओं में भी नहीं । आप सब बहुत खुश क़िस्मत हैं कि अलवेलु जी मौत के मुँह से बाहर आ गई हैं । बस अब इन्हें कुछ भी नहीं होगा कल तक मैं इन्हें डिस्चार्ज कर देता हूँ आप घर ले जाइए । अब कोई ख़तरा नहीं है

के कामेश्वरी

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