हिन्दी मे सुविचार

जरा सी बात से मतलब बदल जाते हैं,
उंगली उठे तो बेइज्जती, और अंगूठा उठे तो तारीफ

मतलबी नहीं मैं बस दूर हो गयी हूँ..
उन लोगों से जिन्हे मेरी कदर नहीं.

कैसे कह दूँ कि थक गया हूँ मैं
न जाने किस-किस किस का हौंसला हूँ मैं|


‘रिश्ते’ और रास्ते’ के बीच,
एक अजीब रिश्ता होता है
कभी ‘रिश्तों‘ से ‘रास्ते’ मिल जाते है

और कभी ‘रास्तों’
में ‘रिश्ते’ बन जाते हैं! इसीलिए
चलते रहिये और रिश्ते निभाते रहिये

दुनिया का सबसे खूबसूरत पौधा
विश्वास का होता है” जो
जमीन पर नही,
दिलों मे ऊगता है.

हजारो फूल चाहिए एक माला बनाने के
लिए,
हजारों दीपक चाहिए एक आरती सजाने के
लिए..
हजारों बून्द चाहिए

समुद्र बनाने के
लिए
पर’ ‘स्त्री “अकेली ही काफी है.. घर को स्वर्ग बनाने के
लिए|

फुरसत में ही याद कर लिया करो
दो पल मांगते ..
पूरी जिंदगी तो नही .


ज़िन्दगी में अगर बुरा वक़्त नहीं आता
तो अपनों में छुपे हुए गैर और गैरों में छुपे हुए
अपनों का कभी पता न चलता।

किसी को लात मारने से पहले हम खुद कहाँ खडे हे…
उसका पता होना चाहिए.

बेजान चीज़ो को बदनाम करने के तरीके कितने आसान होते है..
लोग सुनते है
छुप
छुप के बाते

और कहते है
कि दीवारो के भी कान होते हैं.!

शोर की तो
उम्र होती है,
ख़ामोशी सदाबहार है.

नजाकत तो देखिये,
कि सुखे पत्ते ने डाली से कहा, चुपके से अलग करना वरना लोगो का रिश्तों से भरोसा उठ जायेगा

मकान जले तो बीमा ले सकते हैं।
सपने जले तो क्या किया जाए…

आसमान बरसे तो छाता ले सकते हैं।
 आँख बरसे तो क्या किया जाए.

शेर दहाड़े तो भाग सकते हैं।
अहकार दहाड़े तो क्या किया जाए.
काँटा चुभे तो निकाल सकते हैं।
कोई बात चुभे तो क्या किया जाए.

दर्द हो तो गोली (MEDICINE) ले सकते हैं।
वेदना हो तो क्या किया जाये.

एक अच्छा मित्र एक दवा जैसा ही होता है
परखता तो वक्त है,
कभी हालात के रूप में कभी मजबूरियों के रूप में

भाग्य तो बस आपकी काबिलियत देखता है ! जीवन में कभी किसी से, अपनी तुलना मत करें, आप जैसे हैं,
सर्वश्रेष्ठ हैं

जब टूटती थी प्लेट, बचपन में तुझसे,
अब मां से टूट जाये,
तो कुछ मत कहना

जब मांगता था गुब्बारा, बचपन में मां से,
अब मां चश्मा मांगे तो
ना मत कहना

जब मांगता था
चॉकलेट, बचपन में मां से
अब मां दवाई मांगे
तो तू ना मत कहना
जब डाटती थी मां, शरारत होती थी
तुझसे, अब वो सुन ना सके तो, बुरा उसे मत कहना.

जब चल नहीं पाता था
मां पकड़ के चलाती थी, अब चल ना पाए वो,
उसे सहारा तुम देना

जब तू रोता था
तब, मां सीने से लगाती थी,
जब सह लेना दुःख तुम, मां को रोने मत देना

जब पैदा हुए थे
तुम, तब मां तुम्हारे पास थी,
जब अंतिम वक्त हो तो, तुम उसके पास रहना।

अहसास बदल जाते बस और कुछ नहीं
वरना मोहब्बत और नफरत एक ही दिल से होती है

हे कान्हा हो अगर तुम अजनबी
तो लगते क्यों नहीं
और अगर मेरे हो,
तो मिलते क्यों नहीं
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