वो लड़की – रेणु सिंह राधे

सुगंधा भागी चली जा रही थी बस के पीछे, घर का काम बच्चे संभालना उस पर नौकरी करना, सब कुछ में वो अपने आप को जैसे भूल ही गई थी।

किसी तरह बस पकड़ी ,खचाखच भरी हुई बस में जैसे तैसे खड़े होने की जगह बना पाई ।

कुछ आवारा जैसे दिखने वाले लड़कों ने उसे देख कर एक दूसरे की तरफ कुटील मुस्कान के साथ इशारा किया

सुगंधा उनकी नजरों की गंदगी को अपने बदन पर महसूस कर रही थी उसने सकुचाते हुए अपनी साडी ठीक की ओर थोड़ा आगे की तरफ सरक गई ।

ये तो रोज का काम था बस में आते जाते कितने ही ऐसे लोग मिल जाते थे वो बस मन ही मन कुड के रह जाती ।आखिर वो करती भी क्या ,

धीरे धीरे बस खाली होने लगी उसका स्कूल घर से बहुत दूर था जहां वो नोकरी करने जाती थी आते वक़्त तो स्कूल के प्रिंसपल ,जो उसके पिता की उम्र के थे अपनी कार में आधे रास्ते तक ले आते थे ,मगर जाते वक़्त उसे बस से उतर कर पैदल ही जाना पड़ता था , सुगंधा को देर हो गई थी वो मन ही मन ,

बड़ बड़ाती हुई लगभग भागी जा रही थी तब ही अचानक उसे लगा कि कोई उसका पीछा कर रहा है उसने पीछे मुडकर देखा तो वहीं बस वाले लड़के थे वो ओर तेज क़दमों से चलने लगी ।तब ही वो दोनो लड़कों में से एक आगे आ गया और दूसरा पीछे ,सुगंधा ने ईधर उधर भागने की कोशिश की मगर वो सफल नहीं हो पाई ,

एक ने सुगंधा को धक्का दे कर नीचे गिरा दिया , दूसरे ने सुगंधा के बदन को अजीब तरीके से सहलाते हुए अपने साथी को हाथ पकड़ लेने को कहा

,सुगंधा दोनों के बीच बीन पानी के मछली जैसे तड़प रही थी एक ने अपनी जेब से चाकू निकाल लिया और सुगंधा की ओर तान दिया अब तो सुगंधा को अपनी छोटी मासूम सी बेटी आंखो के सामने आ गई उसे लगा आज ये मेरे साथ हो रहा है कल ये ही मेरी गुडिया के साथ भी होगा ,

अचानक सुगंधा को अपने शरीर में अपार शक्ति का संचार होता हुआ लगा और उसके हाथ में पास में पढ़ा पत्थर आ गया उस ने पूरी ताकत के साथ वो पत्थर एक के सिर पर दे मारा ,ओर उसी तरह लगातार मारती रही दूसरे को कुछ समझ नहीं आया उस ने सुगंधा पर लगातार  तीन ,चार बार चाकू से गोदा , ओर वहा से भाग गया मगर सुगंधा ने भी एक को बहुत बुरी तरह घायल कर दिया था

स्कूल की तरफ जाते कुछ लोगो ने घायल पढ़ी सुगंधा को देखा तो पुलिस को बुलाया तब सुगंधा और एक बदमाश को अस्पताल ले जाया गया , , मगर खून ज्यादा  बह जाने की वजह से सुगंधा की रास्ते में ही मृत्यु हो गई ,किसी को विश्वाश ही नहीं हो रहा था कि सुगंधा अब उनके बीच नहीं रही हर कोई उसकी बहादुरी की तारीफ कर रहा था दो दिन बाद उस अपराधी की भी मृत्यु हो गई ।

अब बची थी तो सुगंधा की बहादुरी और अच्छा ई ।

एक ही बात कि वो लड़की बहुत अच्छी थी

पर क्या ये बाते उसके परिवार में उसकी कमी को पूरा कर सकती है ।।।।

 

©रेणु सिंह राधे 

Leave a Comment

error: Content is Copyright protected !!