मामू की शादी में सभी बरसों बाद मिल रहे थे। मामू, मौसी और मम्मी तो कभी मुस्करा रहे थे कभी आंख भर लेते ।
नानी बार बार तीनों बच्चों को, नाती-नातिन को साथ देख बलाएं ले रही थी।
“देख रही हो सुगंधा …आज पूरा घर बच्चों के ठहाकों से गूंज रहा है” ~ नानू बोले।
“हां जी… देख रही हूं…. आज बरसों बाद फिर घर में रौनक हुई है… इन तीनों को देख मुझे इनका बचपन याद आ गया।
देखो तो आज कैसे प्यार से बाते कर रहे है बचपन में तो हमेशा इंडिया पाकिस्तान बने रहते थे। ” ~ नानी बोली
नातिन श्रेया~ “इंडिया पाकिस्तान का क्या मतलब नानी ।”
नानी श्रेया को पुचकारते हुए~ “मतलब तुम्हारी मम्मी ,मौसी और मामू खूब लड़ते थे।”
सभी नाती नातिन ~ “क्या.. क्या.. सच में, नानी.. हमारी तरह लड़ते थे ।”
नानी~ ” हां हां , बिल्कुल तुम्हारी तरह लड़ते बल्कि तुमसे भी ज्यादा।”
एक किस्सा मुझे कभी नहीं भूलता ….
बताऊं…
सभी मिल कर….बताओ बताओ नानी…
एक बार नानू चॉकलेट लाए थे। मैने तीनों में बराबर बांट दी… 1 चॉकलेट बच गई।
हे राम जी…. इन दोनों बहनों ने उस 1चॉकलेट के लिए जो युद्ध किया।
श्रेया ~ “मतलब मामू नहीं लड़ते थे तब।”
“हां ,छोटे थे न बेचारे मेरी तरह” ~छोटा चीकू बोला।
नानी~ “बेटा… तेरा मामू… छुपा रुस्तम था…. खुद नहीं लड़ता था… पर आग में तेल छिड़कने का काम बखूबी करता था।”
चीकू~”मतलब नानी?।
नानी ~”मतलब .. भड़काता था दोनों को … दूर बैठ .. दोनों बहनों की लड़ाई के मजे लेता था ….. कमेंट्री करता :~
जैसे….
“बड़ी दी… छोटी की इतनी हिम्मत आपको छू दिया ..
छोटी दी… मै ना बड़ी दी कि इतनी सहता…
दी… आपको छोटी ने ऐसे कैसे बोल दिया …
छोटी दी…. बड़ी है तो कुछ भी करने का हक है क्या……. नहीं ना
इस तरह आग में घी डाल कर लड़ाई को बढ़ावा देता ।”
सब बच्चे इन किस्सों के मजे ले रहे थे….
पीछे दोनों बहनों ने किस्सा सुन… भाई को मुर्गा बना रखा था ।
सब बच्चे ताली बजाने लगे और श्रेया इस किस्से को कमरे में कैद करने लगी।
स्वरचित
रीतू गुप्ता
विषय~ आग पर तेल छिड़कना