लता – गीता वाधवानी : Moral Stories in Hindi

 22 वर्षीय पल्लवी घर में घुसते समय आंगन में किसी से टकरा गई, अंधेरा होने के कारण उसे पता नहीं चला, तभी अंदर से उसकी मां ने लाइट जला दी,

तो पल्लवी ने देखा कि आंगन में रखे बड़े-बड़े गमलों के पीछे कोई छुपा हुआ है।वह डर गई मां को बुलाया और जोर से पूछने लगी “कौन है वहां बाहर आओ वरना मैं अभी पुलिस को कॉल करती हूं।” 

 जो बाहर निकल कर आई, वह थी 16 -17 साल की एक लड़की, जिसके कपड़े फटे थे और शरीर पर खरोचें थीं। उसने रोते-रोते कहा-” नहीं नहीं दीदी, पुलिस को मत बुलाना

,वरना वह मुझे मेरे सौतेले बाप के पास छोड़ आएंगे,वह मेरी इज्जत के पीछे पड़ा था इसीलिए घर से भाग कर आई हूं।यहां आकर दो गुंडे पीछे लग गए शायद यही कहीं मुझे ढूंढ रहे होंगे। मैं भागते-भागते यहां छुप गई थी।” 

 पल्लवी की माँ गेट बंद करने लगी तो देखा, वाकई में दो गुंडे किसी को इधर-उधर ढूंढ रहे थे। उन्हें देखकर एक लड़के ने उनसे पूछा-” ए आंटी, इधर किसी लड़की को देखा क्या? ” 

 पल्लवी की मां -” क्यों क्या हुआ? ” 

 दूसरा लड़का-” आंटी अपुन का बहन खो गया है दिमाग से कमजोर है, उसी को ढूंढता है अपुन। ” 

 पल्लवी की मां -” नहीं नहीं हमने तो किसी को नहीं देखा। ” 

 तब तक पल्लवी ने उस लड़की को पौधों की आड़ में छुपा दिया था, लड़के चले गए। 

 पल्लवी उसे अंदर ले गई, उसके कपड़े बदलवाए खाना पानी दिया। उसका गांव और उसका नाम पूछा। उस लड़की ने अपने गांव का नाम बताया

देवगढ़ अपना नाम लता। रात को पल्लवी के पापा आए तो उन्होंने कहा-” तुम लोग सब पर भरोसा कर लेती हो, जमाना बहुत खराब है, मैं सुबह ही पुलिस स्टेशन जाऊंगा।” 

 लेकिन उन लोगों ने सुबह उन्हें पुलिस स्टेशन जाने नहीं दिया। धीरे-धीरे लता ने अपने व्यवहार से, अपनी चुस्ती फुर्ती से, अपने काम से सबका मन मोह लिया। पल्लवी के पापा तो अब कहते थे कि मेरी एक नहीं दो बेटियां हैं। लता को यहां पूरा एक साल हो गया था।

वे सब उस पर पूरा विश्वास करने लगे थे। कहीं जाना होता तो साथ ले जाते और अगर घर का ध्यान रखना होता तो उसके भरोसे पूरा घर बार छोड़ कर जाते थे।। 

       लता खाना भी बहुत अच्छा बनाती थी और सारे घर का काम भी संभालती थी। अब पल्लवी की शादी की बातें होने लगी थी। रिश्ता ढूंढते ढूंढते समय भी लग जाता है।

कुछ समय बाद उन्हें आयुष का रिश्ता पल्लवी के लिए बहुत पसंद आया। आयुष का परिवार बहुत अच्छा था और आयुष की भी सभी प्रशंसा करते थे। पल्लवी और आयुष की शादी की तैयारियां जोर शोर से शुरू हो गई थी। 

      इस बीच लता ने पल्लवी की मां के मुंह से एक नाम पहली बार सुना अतुल। पल्लवी की मां -” सुनिए जी, अतुल से कहिएगा और मैं भी कहूंगी, बहुत समय हो गया है उसे यहां आए, हम सबको भूल गया है, कहना बहन की शादी में काम से कम 15 दिन तो आकर हमारे साथ रहे, सिर्फ पुलिस वाला बनकर रह गया है। ” 

 असल में वह लोग उसे पुलिस वाला ही रहते थे पर असलियत में वह एक स्पाई था। वह बहुत बिजी रहता था। वह बेंगलुरु में रहता था। कई लोग उससे  सेवाएं लेते थे। अपने घर के लोगों से भी 5 मिनट से ज्यादा बात नहीं कर पाता था और ना ही घर पर उसकी कोई फोटो लगी हुई थी। इसीलिए लता उसके बारे में कुछ नहीं जान सकी थी। 

 सब बहुत खुश थे कि अतुल सचमुच 15 -20 दिनों के लिए आ रहा है। जब वह आया तो लता को देखकर हैरान था कि यह कौन है। पल्लवी ने उसे पूरी बात बताई। अतुल ने कहा-” हद करते हो आप लोग भी, ऐसे किसी पर इतना विश्वास नहीं करना चाहिए और आपने आज तक पुलिस को भी इन्फॉर्म नहीं किया है यह सही नहीं है। ” 

 फिर अतुल ने लता की हरकतों पर नजर रखनी शुरू कर दी एक दिन लता ने मांँ से कहा -” मैं सब्जी ले आता हूं बता दीजिए क्या-क्या लाना है? ” 

 मां -” रहने दे लता, बाजार मत जा,कुछ भी नहीं चाहिए। ” 

 लता-” अरे हां याद आया आज ही तो टेलर से कपड़े लाने हैं मैं जाकर लाती हूं। ” 

 अतुल को ऐसा लग रहा था कि लता बाहर जाने के बहाने बना रही है इसीलिए वह कुछ दूरी बनाकर उसके पीछे हो लिया। 

 अतुल ने देखा कि वह किसी लड़के से बात कर रही थी, तभी वहां एक और लड़का आ गया। अतुल ने तुरंत तीनों की फोटो ले ली। उनसे बात करने के बाद वह टेलर के पास गई, लेकिन टेलर ने कपड़े नहीं दिए एक हफ्ते बाद आना,कह दिया। 

 अतुल ने लौट कर घर में सबको फोटो दिखाई। फोटो दूर से ली गई थी,इतनी साफ नहीं थी,पर मां को यह लड़के वही लग रहे थे,जो उस दिन लता को ढूंढ रहे थे पर वह पक्का नहीं कह पा रही थी। 

 विवाह में अभी 9 -10 दिन बाकी थे। घर में नकदी, जेवर, कीमती कपड़े सब कुछ था। ” अचानक लड़के वालों ने हमें कुछ बात करने के लिए क्यों बुलाया है समझ नहीं आ रहा और फिर यह भी बोल रहे थे की पल्लवी को भी साथ लाना,” 

 पल्लवी के पापा ने कहा। 

 अतुल-” चलो कोई बात नहीं, चलते हैं उनके यहां आप टेंशन मत लो  ” 

 सब लोग लता को घर की देखभाल के बारे में समझ कर चले गए और कहा कि एक चाबी हमारे पास है एक तुम रख लो,अगर हमें रात को देर हुई तो तुम्हें जागना नहीं पड़ेगा और हां शाम को याद से टेलर से सारे कपड़े ले आना क्योंकि वह परसों गांव जा रहा है महीने भर बाद वापस आएगा। 

 लता-” आप आराम से निश्चिंत होकर जाइए,मैं कपड़े ले आऊंगी। ” 

 शाम को जब वह घर से निकली तो रास्ते में वही दोनों लड़के मिले। उन्होंने लता का हाथ पकड़ कर कहा -” आज तो रास्ता साफ है, घर में माल भी बहुत होगा, अंधेरा होते ही हम आएंगे, तुम दरवाजा खोल देना।” 

     लता ने उनका हाथ झटक दिया और चली गई। उसने पल्लवी को फोन किया” पल्लवी दीदी आप लोग कितने बजे तक आओगे? ” 

 पल्लवी-” क्यों क्या हुआ, हमें दो ढाई बज जाएंगे। ” 

 लता” अच्छा ठीक है” 

 लगभग रात को 12:30 बजे घंटी बजी। लता दरवाजे पर आई। 

 लड़के” जल्दी दरवाजा खोल” 

 लता-” नहीं मैं नहीं खोलूंगी, पहले मेरी बात मानोगे, वादा करो, मैं नहीं खोलूंगी चले जाओ यहां से” 

 लड़के-” अच्छा ठीक है मान लेते हैं तेरी बात, वादा पक्का वादा, चल अब अंदर तो आने दे, कम से कम कोल्ड ड्रिंक तो पिला दे। ” 

 लता ने उन्हें कोल्ड ड्रिंक दी। ठंडा पीने के बाद दोनों बोले-” चल अब जल्दी बता सारा माल कौन से कमरे में रखा है? ” 

 लता-” पर तुमने तो वादा किया था, कोल्ड ड्रिंक पी ली, अब जाओ यहां से। ” 

 एक लड़का-” हम वादा इसीलिए करते हैं, ताकि तोड़ सके। ” 

 ऐसा कहकर उन्होंने लता को बांधकर बिठा दिया। लता कहने लगी -” मैंने तुम्हें समझाया था ना कि यह लोग बहुत अच्छे हैं, इन्होंने मुझे बेटी की तरह प्यार दिया है, मुझ पर बहुत भरोसा करते हैं, इतना प्यार तो मुझे कभी गांव में भी नहीं मिला,

और तो और इन्होंने मुझे पढ़ाई करने के लिए भी बोला था, मैंने ही मना कर दिया, मैं उनके साथ विश्वास घात नहीं कर सकती, मैं तुम्हें भी कुछ नहीं करने दूंगी और तुम्हारा साथ भी नहीं दूंगी, मैं जोर-जोर से सीख कर मोहल्ले को इकट्ठा कर लूंगी। ” 

 और जैसे ही वह थोड़ा सा चीखी, एक लड़के ने तुरंत उसके मुंह में कपड़ा ठूंस दिया और उसके पेट पर एक जोरदार लात मारी। लता दर्द से करते हुए दोहरी हो गई। 

 वे दोनों कीमती सामान वाले कमरे में घुस गए, तभी बाहर से किसी ने दरवाजे की कुंडी लगा दी। वह अतुल था। यह सारा प्लान उसी का था। वे लोग कहीं नहीं गए थे। सब स्टोर रूम में छिपे हुए थे। अतुल ने लता की सच्चाई जानने के लिए अलग-अलग दिशाओं में अलग-अलग टाइप के कैमरे रख दिए थे और जब लता टेलर के पास गई थी तब वह दूसरी चाबी से घर का दरवाजा खोलकर अंदर छुप गए थे। 

     दोनों लुटेरों को पुलिस के हवाले कर दिया गया। पल्लवी का विवाह हंसी खुशी धूमधाम से हुआ। कुछ घरों में लूटपाट के दौरान लता ने उनका साथ दिया था, इसीलिए उसे 6 महीने की कैद हुई। शर्मिंदा होने के कारण वह जेल से छूटकर सीधा अपने गांव चली गई थी और उसके दोनों साथियों को लंबी सजा हुई। 

 अप्रकाशित स्वरचित गीता वाधवानी दिल्ली

#विश्वासघात

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