इजा  – अनुपमा

एक गांव मैं एक बहुत ही प्यारी सी लड़की जिसका नाम इजा था रहा करती थी , उसकी सुंदरता इतनी की जो देखे वो उसे देखता ही रह जाए , बहुत ही चमकदार त्वचा , सुनहले बाल और नीली आंखों वाली , सब उसे कहते की तुम जलपरी हो क्या जो इतनी सुंदर हो और वो हस देती खिलखिला कर ,

ऐसा लगता उसकी हंसी की आवाज से जैसे हजारों मोती बिखर गए हो , एक साथ बहुत सारे फूल खिल गए हो , उसकी सुंदरता के चर्चे दूर दूर तक थे ।

इजा बहुत साधारण से रहती थी उसके मां बाबा की गांव के बाहर की तरफ छोटी सी चाय की दुकान थी , दूध के लिए ईजा के बाबा ने दो बकरियां भी पाल रखी थी और इजा उन्हे चराने को रोज जंगल जाया करती थी , एक दिन इजा जंगल मैं बकरियां चरा रही थी

,उसे दूर कहीं से संगीत की आवाज सुनाई दी और इजा उसे सुनते सुनते दूर निकल गई , घना जंगल आ गया था तभी इजा को सामने दो पेड़ दिखाई दिए आपस मैं मिलते हुए जैसे कोई दरवाजा सा बना हो और उसे लगा आवाज वहीं से आ रही है ,इजा बेसुध सी आगे बढ़ती रही ,

पेड़ो के आगे पहुंची तो वो जगह बहुत सुंदर थी इतने सुंदर फूल और फल इजा ने कभी नही देखे थे , इजा को फल देख कर भूख लगने लगी और इजा ने एक फल तोड़ कर खा लिया ।

फल खा कर इजा को नींद आ गई और उसे पता ही नही चला की वो कब सो गई , इजा की जब आंख खुली तो उसने अपने आपको कुछ लोगो से घिरा पाया वो लोग दिखने मैं अजीब थे सभी ने अपने शरीर को पीले रंग से रंगा हुआ था और उस पर डिजाइन बनाए थे

कोई तितली बना था कोई बग और कोई मगरमच्छ ,एक तो शेर के जैसा डिजाइन बनाए था  , वो बहुत डर गई , और रोने लगी और अपनी बकरियों को ढूंढने लगी , तभी एक उम्रदराज सुंदर सी महिला उसके पास आती है और उससे बात करती है और पूछती है

की तुम कौन हो और यहां कैसे आ गई , इजा उसे संगीत वाली बात बताती है की कैसे उसे संगीत सुनाई दिया और वो उस आवाज के पीछे पीछे आ गई , वो महिला इजा को उस जगह ले जाती है जहां से संगीत की आवाज आ रही थी , और सोचती है की इस लड़की को बाहर की दुनिया मैं हमारे संगीत की आवाज कैसे सुनाई दी होगी ।

इजा वहां पहुंच कर देखती है की एक बहुत ही सुंदर लड़का बैठ कर बांसुरी बजा रहा होता है और उसके आसपास बहुत लोग आंखें बंद करके बैठे है, वो लड़का इतना सुंदर था की इजा की नजरें उससे हटी नही रही थी , बहुत ही सुनहला शरीर , घुंघराले बाल ,

शरीर से चमकीली सी रोशनी बिखरती हुई , और बहुत सुंदर पंख थे उस लड़के के , इजा की पलकें भी नही झपक रही थी ,और वो भी वहीं बैठ गई । जब लड़के ने बांसुरी बजाना बंद किया तब उस महिला ने उसका परिचय इजा से कराया और बताया

की पेड़ों के उस पार से ये लड़की आई है तुम्हारी बांसुरी की आवाज सुनकर , इजा को देख कर वो लड़का भी आश्चर्यचकित हो गया की कैसे पेडों के पार भी कोई यहां की आवाज सुन सकता है और 


इजा की सुंदरता ने भी उसे विस्मित कर दिया । 

उस लड़के ने उस महिला से कहा की इजा को यहां आने दिया जाए जब भी वो आना चाहे किंतु अभी उसे जाने का रास्ता बता दिया जाए ।

इजा के जाने के बाद राजकुमार ने अपनी मां को कहा की पता लगाए क्या कभी कोई अपनी बच्ची को गलती से या जान कर दूसरी दुनिया मैं छोड़ आया था क्या ! 

इधर इजा जब वापिस आई तो उसे पेड़ो के पास ही अपनी बकरिया मिल गई और वो उन्हे लेकर घर आ गई पर उसने किसी से कुछ नही कहा क्योंकि उस महिला ने मना किया था की अगर वो ये बात किसी से भी कहेगी तो वापिस यहां नही आ पाएगी । 

  उसे तो समझ ही नही आया की वो कहां थी और किस्से मिली थी पर वो राजकुमार को भूल नही पा रही थी और न ही उस जगह को , इतनी सुंदर जगह उसने कभी नही देखी थी ।

इजा अब रोज ही उस जगह जाने लगी और वो राजकुमार का संगीत सुनने लगी , राजकुमार भी उसे पसंद करने लगा था , राजकुमार को पता चला की उसके ही राज्य का एक परिवार जब बाहरी दुनिया मैं घूमने गए थे तब वहां के कुछ लोग उनकी सुनहली त्वचा की चमक देखकर उन्हे दूसरी दुनिया का समझ बैठे थे

और उन्हें मारने के लिए उनके पीछे थे और भागते हुए जब वो वापिस आ रहे थे तो उनकी बच्ची उसी दुनिया मैं रह गई थी , जब वो उसे वापस लेने गए तो उन्हे अपनी बच्ची कहीं नहीं मिली थी तो वो समझ बैठे थे की शायद वो लोग उनकी बच्ची को उठा ले गए ।

इजा जब इस बार आई तो राजकुमार की मां ने उसे सच्चाई से अवगत कराया और कहा की अगर वो हमेशा के लिए यहां आकर रहना चाहती है और राजकुमार से शादी करना चाहती है तो उसे अपनी दुनिया को भूलना होगा । इजा की असली दुनिया तो यही थी ,पर उसका पालन पोषण बाहर दुनिया मैं हुआ मैं हुआ था , उसने अपने मां बाबा से अपने जन्म के बारे मैं पूछा तो उन्होंने उसे सच बता दिया की वो उसे जंगल से लाए थे । 

इजा को सच पता चलते ही वो अपने मां बाबा से विदा लेकर अपनी दुनिया मैं वापिस आ जाती है और राजकुमार से शादी कर लेती है ।

 

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