समाधान – ननु नरेंद्र

  जमुना प्रसाद को रात को नींद नहीं आई ,कई बार ऐसा होता है। चित्त अशांत होता है लेकिन कारण अज्ञात।अपना स्वास्थ्य ठीक, व्यापार का स्वास्थ्य ठीक, पत्नी बच्चे ठीक, देनदारी कोई नहीं ,मुकदमा कोई नहीं ,पर कुछ तो है ।घुटने से नीचे पिंडली से भी थोड़ा नीचे या आस-पास कभी-कभी खुजली सी होती है, जिसका निश्चित स्थान पता नहीं होता कि खुजलाना कहां है ।बस ऐसे ही किसी अस्पष्ट कारण के साथ चित्त अशांत है ।

           आज मकर राशि वाले वाहन ध्यान से चलाएं।सुबह-सुबह कभी टीवी खुलता नहीं है ,पर आज एक तो नींद और दूसरा बच्चों की छुट्टी ।भविष्य कौन किसका बता सकता है ? भविष्य सिद्ध नहीं होता ,यदि सिद्ध हुआ तो तब तक वह वर्तमान हो चुका होता है । पर जो महिला टीवी  पर यह बता रही थी उसकी बात तो बस सुनते जाने का मन होता है ,

लेकिन कितनी देर सुनता। उकताकर जमुना प्रसाद ने एक लंबी अंगड़ाई ली ।हाथ से लगकर जग और पैर से लगकर चाय का कप गिरा। टूटा कुछ नहीं ,दोनों ही चीजें बच गई ।जमुना के होठों पर मुस्कुराहट आ गई ,मकर राशि वालों को आज अंगड़ाई भी ध्यान से लेनी चाहिए।

    चाय नाश्ता कर जब दुकान को निकला तो स्कूटर में किक मारते ही ज्योतिषीनी आंखों के आगे आ गई ।मुस्कुराई ,पलकें झपकाईं ,बालों पर हाथ फेरा और बोली मकर राशि वालों को आज वाहन ध्यान से चलाना है। वाहन तो रोज ही ध्यान से चलाना चाहिए, जमुना प्रसाद ने सोचा और मकर राशि वालों को ही क्यों, हर राशि वालों को ध्यान से चलाना चाहिए। चलाते भी हैं ,टक्कर मारने की ठान कर तो कोई भी घर से निकलता नहीं ।यही सोचता जा रहा था कि ध्यान

आया दुकान का नौकर धनीराम कल आया नहीं था ,कारण जानने को उसके घर की ओर स्कूटर मोड़ लिया ।बंदर वाली गली में सौ मीटर अंदर जाकर धनीराम का अपना घर है ।गली तंग है लिहाजा स्कूटर बाहर ही छोड़ दिया। कुछ अंदर जाने पर ठिठक गया। एक घर के बंद दरवाजे पर दो कुत्ते सो रहे थे ।काट तो ना लेंगे ? डर ने सर उठाया । दबे पांव निकल जा, हिम्मत ने कहा। दबे पांव निकलने की ठानी पर “जो भी चाल चले निहायत गलत चले ” की तर्ज पर कुत्ते से कटवा बैठे।


       औरतों की मूर्खता का कोई सानी नहीं है। यूं तो जमुना की पत्नी सदगृहणी गिनी जाती है ।घाव धोया, हल्दी तेल गर्म करके लगाया, पर उसे यह पूछने की क्या आवश्यकता थी कि तुम्हें ही कुत्ते क्यों काटते हैं । दिमाग खराब हो गया। अब इस बात का कोई क्या जवाब दें ।दुकान की तो छुट्टी हो गई और आवारा कुत्तों से दुश्मनी भी ।

         स्कूटर उठाया और सीधा गया मुनिस्पालिटी। पालिका अध्यक्ष सोम प्रकाश जी से उसका व्यक्तिगत परिचय था ।जमुना ने उन्हें खरी खोटी सुनाई ।सोम प्रकाश जी गंभीर व्यक्तित्व के स्वामी हैं, बोले यह मामला संज्ञान में है।

जमुना प्रसाद : तो आप कुछ करते क्यों नहीं ? मुझे खुद दूसरी बार आवारा कुत्ते ने काटा है।

सोम प्रकाश  : हम कर रहे हैं ।आवारा कुत्तों की गणना लगभग पूरी हो चुकी है ।

जमुना प्रसाद( बीच में ही बात काट कर ) : गणना करने से क्या होगा ?

सोम प्रकाश:  सुनो तो ! हमने योजना बनाई है,अगले दो वर्ष के अंदर तमाम आवारा कुत्तों की नसबंदी कर दी जाएगी।

जमुना प्रसाद :  नसबंदी करने से क्या होगा ? मेरी शिकायत है कि आवारा कुत्ते ने मुझे काटा है , का … टा , कुछ और नहीं किया। इनके दांत तोड़ो, दांत।

सोम प्रकाश जी और अन्य मौजूद दो व्यक्ति ठठाकर हंस दिए।

ननु नरेंद्र

 

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