आसमान पर उङना – विधि जैन : Moral Stories in Hindi

भवानी बहुत होशियार और समझदार लड़की थी उसकी दसवीं में 90 परसेंटाइल है उसे अपने ऊपर बहुत घमंड था वह अपने नोट्स किसी से शेयर नहीं करती थी।

 पढ़ने में होशियार होने के साथ है दिखने में बहुत सुंदर थी।

 मम्मी और पापा के कहने पर उसने मैथ साइंस ले लिया।

 जब 11वीं कक्षा में उसने अपनी पढ़ाई शुरू की है तो वह किसी से बात नहीं करती थी।

 और सिर्फ अपनी पढ़ाई पर ध्यान देती थी ।

मम्मी ने भी उसकी फिजिक्स केमिस्ट्री और मैथ्स की कोचिंग लगा  दी थी। पढ़ाई में इतनी तालीम रहती थी कि घर में कोई मेहमान आ जाए या शादी पार्टी में जाना हो तो वह कभी नहीं जाती थी ना किसी से बात करना ना फालतू में समय व्यर्थ दबाना यह देखकर मम्मी पापा बहुत खुश होते थे कम से कम भवानी का मन पढ़ाई में लगा रहता है क्लास में भी अब्बल आती रहती थी जितने भी टेस्ट कोचिंग में होते थे उसमें भी वह 99 नंबर लेकर पास होती थी कोचिंग में भी उसका रुतबा बढ़ता ही जा रहा था एक दिन भवानी की सहेली सीमा ने कहा कि भवानी मुझे तुम्हारे नोट्स चाहिए मुझे तुमसे फिजिक्स समझना है भवानी में टूर्नामेंट का दिया कि मेरा समय तुम व्यर्थ मत दबाना मैं इंजीनियर बनना चाहती हूं और मैं किसी से अब दोस्ती नहीं रखना चाहती हूं सीमा ने कहा कि आसमान में उड़ना भी अच्छा नहीं है।

 भवानी मैं मानती हूं तुम बहुत होशियार हो और तुम्हें हर एक सब्जेक्ट का नॉलेज अच्छा है।

 तुम्हारे बेसिक क्लियर है लेकिन जो घमंड करता है वह गिरता भी जरूर है ।

इसलिए भवानी तुम ज्यादा घमंड मत किया करो ।

भवानी ने 11th में अच्छा स्कोर किया और 12th में आ गई।

 जब 12th में आई तो उसकी मम्मी की इतनी तबीयत खराब हो गई।

 कि उन्हें डॉक्टर ने बेड रेस्ट करने बोल दिया।

 भवानी अपनी मम्मी की केयर करने के साथ पढ़ाई करती थी।

 लेकिन वह जितना 11वीं कक्षा में पढ़ती थी उतना 12वीं में नहीं पढ़ पा रही थी।

 और उसे टेंशन होता जा रहा था कि अब मैं क्या करूं।

 तब उसको याद आया कि मैं कुछ नोट्स नहीं बना पा रही हूं ।

तो मैं सीमा को फोन कर कर बुला लेती हूं और हम दोनों साथ में कंबाइंड स्टडी कर लेंगे।

 लेकिन भवानी अपनी बात भूल गई कि मैं सीमा के साथ कैसे व्यवहार किया था।

 लेकिन सीमा को यह बात याद थी और सीमा भी लगातार मेहनत करती जा रही थी ।

जैसे ही उसने भवानी का फोन देखा और उसने पहले तो कोई रिप्लाई नहीं दिया।

 लेकिन कुछ देर बाद सीमा ने भवानी से कहा कि मैं तुम जैसी नहीं बन सकती हूं ।

मैं भी अपने नोट्स बना लिए हैं तुम आकर मेरे घर से ले सकती हो।

और भवानी सीमा के घर जाकर नोट्स लेकर आ गई। 

दोनों अच्छी दोस्त फिर से बन गई तब भवानी को अपने किए पर पछतावा होने लगा ।

और वह सोचने भी लगी कि मैं सीमा के साथ 11वीं कक्षा में कितना गलत किया था।

 और आज वही लड़की मेरे पढ़ाई में इतना सहयोग कर रही है ।

हे भगवान उसे मेरे से ज्यादा नंबर दे देना।

 भवानी और सीमा ने दोनों ने एक साथ टॉप किया और दोनों का इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन हो गया ।

आज दोनों पक्की सहेलियां है ….इसलिए कहते हैं कि जीवन में घमंड नहीं करना चाहिए हमें एक दूसरे की मदद जरूर करना चाहिए हमें नहीं पता होता कब कौन किस रूप में काम आ जाए।

लेखिका : विधि जैन 

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