अब आगे …
सामने कुर्सी पर नेहा अपने पापा के पास बैठी हुई है…
तभी रोहन वहां पहुंचता है…
हेलो …
गुड मॉर्निंग नेहा…
good मॉर्निंग….
रोहन सुबह-सुबह तुम यहां ..??
ऑफिस नहीं गए..??
अभी तो हीं,,बस एक घंटे बाद निकलूंगा मैं …
फोन कर दिया है सर को …
ऑफिस की बातें छोड़ो…
ये बताओ…अंकल कैसे हैं अब..??
नेहा रोहन की तरफ देख रही थी…
कि कल तक तो कितना चिंता में लग रहा था ये …
आज इसका मूड भी बदला हुआ है…
कितना खुश होकर बात कर रहा है..पक्का चिंकी के प्यार का खुमार है …
नेहा तुमसे पूछ रहा हूं…
कहां खो गई…
रोहन ने नेहा के चेहरे के सामने चुटकी बजाते हुए पूछा…
हां, हां ,रोहन…
अब तो बिल्कुल ठीक है…
डॉक्टर ने कह दिया है कि आज डिस्चार्ज कर देंगे …
अब तुम टेंशन मत लो…
जॉब पर ध्यान दो ..
हम लोगों की वजह से डिस्टर्ब हो गए हो…
क्यों ,,तुम मेरी कुछ नहीं…
रोहन नेहा की तरफ देखकर बोला…
मेरा फर्ज है…
नेहा,,तुमसे एक बात करनी थी…
रोहन ने धीरे से बोला …
नेहा के पिता सो रहे थे…
नेहा समझ रही थी कि रोहन क्यों बुला रहा है ..
दोनों बाहर हॉस्पिटल के गार्डन में आए …
क्या कहना चाहते हो …??
मैं भी लेट हो रही हूं…
पापा के सारे डाक्यूमेंट्स कंप्लीट करने हैं…
यहां से discharge करवाना है …
तुम्हारी हेल्प कर दूंगा मैं…
बस यह बताओ कि मैंने तुमसे कुछ पूछा था फोन पर …??
इफ यू remember …
तुमने क्या डिसीजन लिया फिर…??
कौन सी बात का …??
तुम बार-बार भूल जाती हो..
मैंने इतनी बड़ी बात कही…
जो तुम्हारी खुशी है…
अच्छा वो शादी को लेकर…
हां…
अच्छा बताओ…
मेरी बीमारी की बात सुनकर तुमने क्या डिसीजन लिया …??
विल यू मैरी मी…??
रोहन नीचे घुटने पर बैठ गया…
उसके हाथ में गुलाब का फूल था …
वो नेहा को देते हुए बोला…
एज अ फ्रेंड..
मैं तुम्हारा ये फूल accept करती हूं …
बट..
रोहन शादी कोई छोटा-मोटे डिसीजन नहीं है…
इसके लिए मुझे टाइम चाहिए…
क्यों …
इतने सालों से जानती हो तुम मुझे…??
तुमने ही कहा था ….
कि तुम मुझे प्यार करती हो…
फिर तुम्हें इतना टाइम क्यों लग रहा है सोचने में…
शायद मेरी इतनी बड़ी बीमारी की वजह से तुम ऐसा बोल रही हो….
नहीं रोहन…
तुम्हारे घर में जो भी बहू बनकर आएगी …
उसे बस घर की चक्की में ही पीसकर रहना होगा…
वह घर की चाहरदीवारी में बंद होकर ही रह जाएगी…
और मैं ऐसा चाहती नहीं …
नहीं …
मेरे यहां सर्वेंट है नेहा …
मम्मी की देखभाल करनी होगी ऑफिस से आकर बस तुम्हे …
रोहन ऑफिस से आकर शरीर में जान ही कितनी बचती है…
बस मन होता है ,बेड पर लेट जाओ…
और बस सो जाओ…
मैं एक टिपिकल इंडियन लड़की नहीं हूँ…
ना ही बन सकती हूँ…
तो फिर तुमने कैसे सोच लिया कि तुम मुझसे शादी करोगी…??
रोहन बोला…
अभी तक तो तुम मुझसे शादी करने को तैयार थी…
हां थी …
धीरे-धीरे तुम्हारी मम्मी की तबीयत बिगड़ रही है …
बस इस वजह से सॉरी ,आई एम वेरी वेरी सॉरी …
हम बेस्ट फ्रेंड थे ,हमेशा ही बेस्ट फ्रेंड रहेंगे …
जैसे मिलते-जुलते थे ,वैसे ही मिलते रहेंगे …
नो इश्यू …
ओके नेहा …
अच्छा हुआ तुमने अपना डिसीजन बता दिया …
नहीं तो मैं इसी सोच में रहता कि शायद मैंने नेहा का दिल तोड़ दिया …
मन ही मन रोहन इतना खुश था कि शायद ही उसे जीवन में इतनी खुशी पहले मिली हो…
बिना किसी का दिल दुखाए आज वह एक बड़ी जंग जीत चुका था…
चलो नेहा …
तुम्हारे पापा के डिस्चार्ज की फॉर्मेलिटी पूरी करते हैं ..
नहीं नहीं रोहन..
तुम जाओ , मैं कर लूंगी…
तुम्हारी तबीयत भी तो ठीक नहीं है…
मुझे भी ऑफिस जाना है …
कोई बात नहीं..
मैं अंकल को घर तक पहुंचा देता हूं ..
रोहन ने सारी फॉर्मेलिटी पूरी की…
और नेहा के पापा को घर पर ड्रॉप कर अपने ऑफिस निकल आया …
2 दिन की छुट्टी ले ली थी उसने आखिर अगले दिन रोहन और चिंकी की सगाई जो थी…
सगाई का वह दिन भी आ चुका था…
इधर चिंकी को गुलाबी रंग का लहंगा पहनाया जा रहा था …
उधर रोहन भी इंडो वेस्टर्न पहनावा पहना हुआ था…
जिसमें वह बहुत ही सुंदर लग रहा था ..
तभी उसने चिंकी को फोन लगाया …
चिंकी फोन नहीं उठा रही थी ..
उसने कई बार कॉल किया..
तभी उसने फोन पर चिंकी का मैसेज देखा..
रोहन जी अभी बात नहीं कर सकती …
कुछ इमरजेंसी है …
वह टेंशन में आ गया…
उसने चिंकी के पापा को फोन लगाया ..
हेलो अंकल…
हां बेटा बोलो..
क्या हुआ है ..??
चिंकी फोन नहीं उठा रही हैं…
क्या बताऊं बेटा …
बहुत ही बड़ी विपदा आन पड़ी है हमारे परिवार पर…
रोहन घबरा गया..
कि शायद उसके जीवन में शादी लिखी ही नहीं है…
क्या हुआ अंकल …??
मैं अभी आता हूं….
बेटा परेशान मत हो…
आगे की कहानी जल्द…
मीनाक्षी सिंह की कलम से
आगरा