आज रिश्तो में तनाव और दूरी सबसे अधिक देखने मिल रही है ।
युवा पीढ़ी की जीवन शैली बदलती जा रही है।
सामाजिक अपेक्षाओं के कारण रिश्तों की अहमियत कम होती जा रही है।
माना की विचारों और भावनाओं की उम्र नहीं होती है ।
लेकिन लोग अपने ही अपनों से दूर हो रहे हैं ।
संवेदनाएं शून्य होती जा रही हैं भावनाओं का अर्थ ही बदल गया है।
सम्मान ,ईमानदारी लगभग खत्म हो रही है ।
लोग कह रहे हैं कि रिश्ते निभाना नहीं आता है।
यही सोच कर सब कंफ्यूज रहते हैं कि रिश्तो में दरार क्यों पड़ रही है पर असल जिंदगी में ऐसा नहीं होता कभी-कभी मिसअंडरस्टैंडिंग भी बहुत ज्यादा हो जाती है।
टीना दिखने में बहुत सुंदर पढ़ी-लिखी सरकारी नौकरी में पदस्थ पर उसे शादी करने का मन नहीं था।
घर गृहस्थी में उसका बिल्कुल मन नहीं था ।
रिश्ते तो कई आ रहे थे बड़े-बड़े घरों से आ रहे थे लेकिन टीना ने बिल्कुल भी मना कर दिया था।
कि मैं जब तक अपनी लाइफ का इंजॉय नहीं कर लूंगी तब तक मैं शादी नहीं करूंगी।
मां-बाप कह कर थक गए थे एक दिन उसकी मुलाकात राम से हुई।
देखने में बहुत साधारण था बारिश बहुत तेज हो रही थी उसने टीना को घर तक छोड़ दिया था ।
रास्ते में बहुत सारी बातें हुई टीना और राम की लगभग विचारधारा एक सी थी ।
पहली मुलाकात में तो ज्यादा टीना को कुछ समझ में नहीं आया ।
लेकिन राम ने टीना से कहा कि तुम अपना नंबर दे दो और दोनों की व्हाट्सएप पर चैटिंग शुरू हो हो गई।
राम का अब घर आना जाना भी शुरू हो गया जब भी छोटा-मोटा कोई काम होता था।
टीना राम से कह देती थी एक दिन टीना के मां-बाप ने टीना से कहा कि अब तुम शादी के लिए तैयार हो।
टीना ने कहा नहीं अभी भी मैं तैयार नहीं हूं मैं जब तक राम को समझ नहीं लेती हूं।
मैं शादी नहीं कर सकती राम का व्यवहार भी इतना अच्छा था।
कि घर आते ही टीना के मां-बाप के चरण स्पर्श करता था और कोई भी बात होती थी इसका सॉल्यूशन जल्दी ही निकाल लेता था।
टीना के पापा को राम बहुत पसंद है और जब भी वह घर नहीं आता था उसे फोन कर कर बुला लेते थे ।
और बैठकर गपशप करते थे एक दिन अचानक बहुत जरूरी काम आने के उसे दूसरे शहर जाना पड़ा और काम की व्यवस्था के कारण वह टीना को फोन नहीं कर पाया।
और उसके पापा ने भी फोन लगाया तो उसने कोई रिप्लाई नहीं दिया ।
इस तरह से राम के 10 15 दिन तक ना कोई फोन आया और ना कोई बातचीत हुई।
तब उसके पापा को शक हुआ कि यह लड़का शायद ठीक नहीं है।
क्योंकि हम लोगों ने इतने कॉल करने के बाद भी उसने कोई रिप्लाई नहीं दिया।
टीना को भी शक हो गया कि शायद यह मेरे लिए ठीक नहीं है अच्छा हुआ मैं जल्दबाजी में कोई डिसीजन नहीं लिया ।
यह सोचते हुए टीना ने राम के बारे में सोचना बंद कर दिया।
एक दिन पापा ने टीना को अपने पास बुलाकर बैठाया और कहा कि टीना अब तुम राम को भूल जाओ और एक नई जिंदगी की शुरुआत करो।
तुम्हारे लिए मैंने एक बहुत अच्छा लड़का देखा है आईएएस ऑफिसर है और तुम्हें भी बहुत पसंद आएगा।
टीना ने तुरंत मना कर दिया कहा की पापा मुझे तो राम ही पसंद था।
लेकिन उसने मुझे अपना नहीं समझा इसलिए मैं अब जीवन भर कुंवारी ही रहूंगी।
मुझे शादी-वादी नहीं करनी है पापा ने बहुत समझाने की कोशिश की टीना को लेकिन टीना को बिल्कुल भी इंटरेस्ट नहीं आया ….इन सब बातें मैं और वह अपनी नौकरी पर अधिक ध्यान देने लगी… काम अधिक बढ़ गया काम में ही बहुत व्यस्त रहने लगी।
अभी भी राम की कोई खबर नहीं थी…
लगभग 3 महीने हो गए थे टीना के पापा को बहुत टेंशन थी टीना की इकलौती बेटी होने के कारण उनको यह भी लग रहा था कि मेरे बाद टीना का कौन ख्याल रखेगा समय बिता गया दिन नहीं महीने बीत गए यहां तक की 1 साल हो गया राम टीना के घर हमेशा आता था
लेकिन टीना कभी राम के घर नहीं गई आज भी वही दिन था 1 साल बाद बहुत तेज बारिश हो रही थी और राम इस बस स्टैंड पर एक छोटे से बच्चे को लेकर खड़ा था टीना ने देखा राम की गोदी में एक छोटा सा बच्चा है।
और उसने वहां से नजरे फैली लगभग 10 मिनट बाद राम का ध्यान टीना की ओर गया।
लेकिन राम नज़रे मिलाने लायक नहीं था दूसरे दिन फिर राम इस बस स्टैंड पर आकर खड़ा हो गया।
जहां पर टीना बस के लिए खड़ी होती है उसे दिन टीना नहीं आई टीना ने दो दिन के लिए छुट्टी ले ली।
और घर में बैठ गई उसको बहुत दुख हो रहा था कि राम ने शादी कर ली और मुझे बताया भी नहीं मेरे पापा ने इतनी बार फोन किया तब भी राम ने नहीं बताया।
जब तीसरे दिन टीना उसे बस स्टैंड पर पहुंची राम भी वहीं खड़ा था राम आज घर से सोच कर आया था।
कि टीना से बात जरूर करेगा लेकिन हिम्मत नहीं कर पाया ।
लेकिन आज बस में चढ़ी थी उसी बस में राम भी चढ़ गया ।
और अपनी गाड़ी वहीं छोड़कर टीना के साथ बस में इस सीट पर बैठ गया ।
टीना के साथ और वह टीना को छोड़ने के लिए घर तक गया लेकिन टीना ने बिल्कुल भी इंटरेस्ट नहीं लिया ।
और घर जाकर राम ने टीना की मां पापा के चरण स्पर्श किया।
टीना के पापा ने भी राम से बिल्कुल बात नहीं की लेकिन साधारण सी टीना की मां के मन में कुछ भी नहीं था ।
और उन्हें राम की सर में हाथ फेरते हुए कहा कि बेटा तुम इतने दिनों तक कहां थे तुमने हम लोगों का कोई रिप्लाई नहीं दिया।
मैं मानती हूं कि तुम्हारी शादी हो गई है टीना ने मुझे बताया है लेकिन एक बार तो तुम्हें हम लोगों को बताना था।
राम सब कुछ नीचे नजरे करते हुए सुनता रहा और उसकी आंखों से आंसू निकलने लगे ।
और कहां मम्मी आप मेरे बारे में कुछ गलत ही सोच रही हैं मेरे साथ एक दुर्घटना घट गई थी।
मैं जब टीना से मुलाकात करके अपनी नौकरी के संबंध में दूसरे शहर जा रहा था तो मेरा एक्सीडेंट हो गया।
तब मेरा फोन गुम हो गया और मेरी जब आंखें खुली तो मैं हॉस्पिटल में था ।
मैं लगभग 3 महीने तक अस्पताल में रहा ना मैं चल पा रहा था ना कुछ खा पी रहा था ।
फिर मेरे मम्मी पापा मुझे घर लेकर आ गए लगभग में घर में भी 3 महीने ऐसा ही पढ़ रहा ।
और मुझे टीना की बहुत याद आई लेकिन मैं कुछ भी नहीं कर सकता था मेरा फोन भी गुम हो गया था।
अब जाकर मैं चलने फिरने लायक हो पाया हूं मैं तो उठकर खाना भी नहीं खा पा रहा था मैं पूरे समय बिस्तर में रहता था।
और इस समय अचानक मेरी बुआ जी की लड़की मेरे घर आकर रहने लगी उसके पति ने उसे छोड़ दिया था।
और मेरे मां-बाप की जिम्मेदारी और बढ़ती जा रही थी उसने मेरी देखभाल की और उसका छोटा सा बच्चा है मैं उसे बच्चों को डेली स्कूल लेकर जाता हूं ।
और स्कूल से लेकर आता हूं टीना ने लगता बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया वह बच्चा मेरा नहीं क्योंकि वह 3 साल का है ।
दिखने में थोड़ा सा छोटा है इसलिए उसे समझ में नहीं आया वह दीदी मेरे घर पर ही रहती है।
और मेरी नौकरी भी मेरे हाथ से चली गई है एक साल हो गए हैं मैं बहुत परेशान हो गया हूं अब मेरा स्वस्थ बिल्कुल ठीक है।
और टीना का नंबर भी मेरे से गुम हो गया क्योंकि मेरा मोबाइल गुम हो गया था आप लोगों से इतना घुल मिल गया था।
कि मैं आप लोगों से कैसे बात नहीं करता मुझे तो पता भी नहीं था कि मैं कहां पर हूं मेरे मां पापा ने मेरी बहुत सेवा की और मैं आज उनके कारण चल फिर पा रहा हूं ।
मैं भी टीना को बहुत पसंद करता था लेकिन नौकरी के सिलसिले में मुझे बाहर जाना पड़ गया।
और मेरे साथ इतनी बड़ी दुर्घटना हो गई मैं आप लोगों से क्षमा याचना करता हूं लेकिन मेरी कोई गलती नहीं थी।
यह सुनकर टीना की मां की आंखों में आंसू आ गया और उन्होंने गलत समझा था उसके लिए वह भी हाथ जोड़कर माफी मांगने लगी।
और कहने लगी कि मत भूलो बेटा तुम भी इस घर के एक सदस्य हो यह घर भी तुम्हारा है पीछे से टीना आकर कहने लगी की मुझे तुम्हारी यह बकवास नहीं सुनानी है।
ऐसा किसी के साथ नहीं हो सकता है और यह सब कहानी तो मेरे सामने मत बताओ मेरा और तुम्हारा रिश्ता कभी नहीं था टीना का गुस्सा आसमान चढ़ गया था।
उसने जीवन में किसी को लाइक किया था राम ने भी कुछ देर टीना से बातें नहीं की और आराम से सोफे पर बैठा रहा।
टीना भी गुस्से में उल्टा सीधा कह रही थी राम आराम से उसकी बातें सुन रहा था और कोई रिएक्शन नहीं दे रहा था ।
राम ने कुछ देर बाद कहा कि मुझे विश्वास था कि तुम मेरे बिना कभी शादी नहीं करोगी और मैं जीत गया मत भूलो कि यह भी मेरा परिवार है।
मैंने जब से तुमसे दोस्ती की है और मैं इस परिवार को अपना ही परिवार माना है यह सब कहकर राम उठकर चलने की कोशिश कर रहा था।
तभी लड़खड़ा कर गिर पड़ा तब टीना को विश्वास हुआ कि सच में उसका एक्सीडेंट हो गया था ।
और टीना ने उससे हाथ बढ़ाकर उठाया इस तरह से टीना और राम में एक बार फिर से दोस्ती हो गई और कुछ दिनों बाद दोनों शादी के बंधन में बंध गए।
विधि जैन