आओ ना रिया। इतनी दूर क्यों खड़ी हो? सभी मोहित का संगीत इंजॉय कर रहे है और एक तुम हो कि एक तरफ कोने मे बैठी हो।तुम्हे तो देखकर लग ही नहीं रहा है कि तुम्हे अपने देवर की शादी की कुछ ख़ुशी भी है।चलो भी अब सभी डिस्को थेक पर तुम्हारा इंतजार कर रहे है, कहते हुए रोहित रिया का हाथ पकड़ कर डांस फ्लोर पर ले गया जहाँ सभी एकदूसरे के साथ मस्ती मे नाच रहे थे।
रिया के पहुंचते ही उसके चचेरे नन्दोई ने उसका हाथ पकड़ कर उसे अपनी तरफ खींचते हुए कहा आइये दूल्हे की भाभी सभी को आप ही का इंतजार था। भाई डी जे वाले कोई तड़कता भड़कता गाना बजाओ दूल्हे की भाभी नाचेंगी। तभी रिया के देवर ने कहा भाभी तो सिर्फ मेरे साथ डांस करेंगी। आओ भाभी आओ हमदोनो डांस करते है।
पूरा परिवार डांस फ्लोर पर इकट्ठा था। सभी डांस करने मे इतने तल्लीन थे कि किसी मे भी रिश्ते की मर्यादा ही नहीं बची थी। बाप- बेटी, सास -दमाद, चाचा – भतीजी, भाई- बहन किसी का कोई भेद ही नहीं था। सभी एकदूसरे के साथ कमर मे हाथ डाले डांस कर रहे थे।रिया एक छोटे शहर की लड़की थी जिसका विवाह मुंबई मे रहने वाले रोहित से हुआ था।
रोहित के परिवार वाले भी रिया के शहर के ही थे, जो कि नौकरी के कारण मुंबई मे बस गए थे। रिया के दादा ससुर अपनी पत्नी और तीन बेटा और एक बेटी को साथ लेकर नौकरी करने मुंबई आए थे। उन्होंने तो आजीवन नौकरी किया, पर उनके बड़े बेटे को नौकरी करना पसंद नहीं था तो उन्होंने उसके लिए दुकान खोल दिया। बाद मे उनके और दोनों बेटों ने भी व्यापार मे ही मन लगाया
और तीनो भाई मिलकर व्यापार करने लगे। बेटों का विवाह उन्होंने अपने गृह शहर की लड़कियों से किया, पर बेटी का विवाह भाइयो ने यह कहकर कि बहन हमेशा मुंबई मे रही है तो छोटे शहर मे कैसे रहेगी उसका विवाह मुंबई मे ही एक व्यापारी से कर दिया। बहूए भी मुंबई के रंग मे रंग गईं थी। पैसो की कोई कमी थी
नहीं और अपने को आधुनिक दिखाने के चक्कर मे वे लोग थोड़ा ज्यादा ही दिखावा करने लगे थे। रिया के विवाह को अभी एक वर्ष ही हुआ था अभी वह यहाँ के महौल मे नहीं ढली थी। सभी उसके बोलने बतियाने, उसके पहनावा आदि का मज़ाक बनाते थे। रिया घर मे हमेशा सलवार कुर्ती पहनती थी. बाहर जाने पर भी साड़ी या सलवार कुर्ती ही पहनती थी
जबकि उसके ताया ससुर की बेटीयाँ और बहुए लोअर और गंजी घर मे पहनती और बाहर जाने पर स्कॉट टॉप, हॉट पैंट या जींस पहनती थी। रिया को इस तरह के कपड़े पहनना पसंद नहीं था जिसके कारण आए दिन उसकी जेठानिया उसका मज़ाक बनाती थी। आज उसके अपने देवर का संगीत है । कल विवाह होगा । पूरे परिवार के साथ नातेदार रिश्तेदार भी इकट्ठा हुए थे।
सभी को रिया पर हसँने का मौका मिलना था यह सोचकर उन्होंने उसे डांस फ्लोर पर बुलाया था क्योंकि उन्हें पता था कि रिया डांस करेगी नहीं फिर सब मिलकर उसका मजाक बनाएंगे। किसी के भी बुलाने पर जब वह नहीं आई तो उन्होंने उसके पति रोहित को उसे जबरदस्ती बुलाकर लाने के लिए भेजा था।रिया ने देवर का मन रखने के लिए उसके साथ डांस किया फिर नन्दोई के कहने पर वह उनके साथ भी डांस करने लगी।वह नहीं चाहती थी
कि उसके कारण विवाह के घर का माहौल खराब हो। अभी वह नन्दोई के साथ डांस कर ही रही थी कि नन्दोई के पिताजी ने उसकी तरफ हाथ बढ़ाया जिसे उसने झटकते हुए कहा अंकल मै आपके साथ डांस नहीं कर सकती। इस बात से वे नाराज होते हुए, उसके ससुर से बोले- आपकी बहू ने मेरा अपमान किया है इसलिए मै अभी अपने बेटा बहू को लेकर अपने घर जा रहा हूँ।
जिस घर की बहू ने मेरा अपमान किया है वहाँ के विवाह मे मै या मेरे परिवार का कोई नहीं रुकेगा। उनको गुस्साते देखकर सभी रिया को डांटने लगे और कहने लगे यह क्या तरीका है घर आये मेहमान के साथ व्यवहार करने का? जाओ जाकर माफ़ी मांगो और कहो कि आपलोग विवाह का आयोजन छोड़कर नहीं जाइये।
आइंदा मुझसे ऐसी गलती नहीं होंगी। यह सुनते ही लगा जैसे रिया के मन का एकवर्ष का गुबार फुट पड़ा।उसने चिल्लाते हुए कहा हाँ, मै आधुनिक नहीं हूँ। यदि आधुनिक होने का अर्थ आधे अधूरे कपड़े पहनना है तो मै आधुनिक नहीं हूँ। यदि आधुनिक होने का अर्थ रिश्तो मे किसी मर्यादा को नहीं मानना है तो मै आधुनिक नहीं हूँ।
ससुर के साथ डांस करने से मना करना यदि ससुर का अपमान करना है तो मै इस अपमान के लिए माफ़ी नहीं मांगूगी। मुझे इस तरह की आधुनिकता मे कोई दिलचस्पी नहीं है। मै ऐसी आधुनिक बनूंगी भी नहीं। मुझे अपना संस्कार प्रिय है। मै हमेशा रिश्तो मे मर्यादा का पालन करूंगी।
वाक्य — रिश्तो की मर्यादा
लतिका पल्लवी