खुशियां कभी पैसो से नहीं खरीदी जा सकती !! – स्वाती जैंन : Moral Stories in Hindi

शीनम , तुमने मुझे बताया क्यूं नहीं कि पापा ने फोन किया था तुमको कल , वहां मम्मी की तबीयत इतनी खराब हैं और तुमने मुझे बताना भी जरूरी नहीं समझा गुस्से में बोला रोहित !!

रोहित , पहली बात तो यह कि वह तुम्हारी मम्मी हैं और आए दिन उनकी तबीयत खराब होती रहती हैं , तुम्हारे पापा ने तुमको दो- तीन बार फोन ट्राय किया था मगर तुम्हारा फोन का नेटवर्क शायद खराब था इसलिए उन्होंने मुझे फोन कर दिया था मगर मैं किट्टी पार्टी में बिजी थी इसलिए मैं उनसे ज्यादा बात नहीं कर पाई थी और फिर रात को घर आकर इतना थक गई थी कि तुम्हें बताना भूल गई , अब इतनी सी बात के लिए इतना भड़कने की जरूरत नहीं हैं समझे शीनम रोहित से भी ज्यादा तेज आवाज में बोली !!

रोहित बोला – मैं कल सुबह की फ्लाईट से ही गांव जा रहा हुं , कोई बात नहीं तुम मुझे बताना भूल गई  मगर कल साथ तो चल सकती हो ना , तुम्हें देखकर मां – पिताजी खुश हो जाएंगे !!

 तुम्हारा देहाती गांव तुम्हें ही मुबारक हो रोहित , एअरपोर्ट से कोसो दूर तुम्हारा गांव जहां जाने के लिए कार तक नहीं मिलती , जैसे तैसे भीड़- भाड़ वाली बस में जाना पड़ता हैं जिसमें लो क्लास के लोग भी सफर करते हैं और फिर तुम्हारा वह देहाती घर जो पुरुखों की निशानी के नाम पर बस एक उजड़ा मकान सा लगता हैं !! तुम ही जाओ वहां और हां दो चार दिन वहीं रह जाना ताकि तुम्हारे मम्मी पापा को मेरी कमी ना खलें , शीनम एक सांस में ही बहुत सारा बोल गई !!

रोहित को वैसे भी शीनम से कोई ज्यादा उम्मीद नहीं थी मगर सोचा कि शायद शीनम हां कह दें !! 

दूसरे ही दिन रोहित ने सुबह की फ्लाईट ली और अपने गांव पहुंच गया !! उसके मम्मी पापा उसे देखकर बहुत खुश हुए !! रोहित की मां कांता जी और पिता राजेन्द्र जी बहू के ना आने पर थोड़े से उदास हुए पर कहीं ना कहीं अंदर से जैसे उनका मन जानता था कि बहू शीनम यहां नहीं आना चाहती इसलिए उन्होंने बेटे रोहित से ज्यादा सवाल नहीं किए !!

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रोहित भी मां पिताजी की चुप्पी को समझता था !! दो दिन बाद रोहित की मां की तबीयत बिल्कुल ठीक थी , रोहित भी उनकी तबीयत ठीक होने से वापस मुंबई के लिए निकल पड़ा !!

आते वक्त रोहित को एयर पोर्ट पर उसका दोस्त निखिल मिल गया !! दोनों दोस्त एक दूसरे को देखकर गले लग गए !!दोनों कॉलेज के जमाने के दोस्त थे और एक समय में दोनों जिगरी दोस्त हुआ करते थे मगर शादी के बाद बस जिम्मेदारियों में उलझे रह गए थे जिस वजह से आज ऐसे मिले थे जैसे बिछड़े राम और भरत मिल रहे हो !! दोनों ने एक दूसरे को अपना फोन नम्बर ट्रांसफर किया , थोड़ी ही देर में निखिल की फ्लाइट की अनाउन्समेंट हुई जिस वजह से  दोनों दोस्त ज्यादा बात नहीं कर पाए , बस निखिल ने बताया कि वह कारोबार के सिलसिले में बाहर जा रहा हैं !!पांच मिनट की वह मुलाकात और फिर दोनों अपने अपने रास्ते चल दिए !!

रोहित के घर से ड्राईवर कार लेकर एअरपोर्ट पहुंच चुका था !! रोहित कार में बैठा और खो गया अतीत के गलियारे में !!

रोहित और निखिल कॉलेज के हॉस्टल में साथ रहा करते थे !! दोनों मध्यम वर्गीय परिवार से थे !! जहां एक तरफ रोहित हरदम पढ़ाई करता वहीं निखिल क्रिकेट , फुटबॉल खेलने में व्यस्थ रहता और उल्टा रोहित को भी ज्ञान देता कि भाई , इतना पढ़ लिखकर क्या करेगा ?? मगर रोहित का सपना था कि वह एक उच्छ आधिकारी बने और अपने माता पिता की गरीबी हटाए इसलिए वह निखिल को भी समझाता और कहता पढ़ोगे लिखोगे तो बनोगे नवाब

खेलोगे कूदोगे तो बनोगे खराब मगर निखिल उसका ध्यान कभी पढ़ने में ना लगा !!

आज उसे कोर्ट पैंट जैसे कपड़ों में देखकर रोहित को हैरानी हुई थी और कारोबार के सिलसिले में उसका बाहर जाना मतलब उसका दोस्त भी एक रईस आदमी बन चुका था रोहित इसी सब सोच में था कि 

साहब , घर आ गया !! ड्राईवर की आवाज से रोहित की तंद्रा टूटी !!

रोहित अपना सामान लेकर अंदर पहुंचा तो देखा शीनम अपनी सहेली के घर किट्टी पार्टी में जाने तैयार हो रही थी !!

शीनम रोहित को देखकर बोली – मैंने कुक से कह दिया हैं उसने तुम्हारा खाना बनाया हैं , तुम खाना खा लेना !! मेरा खाना तो आज रीटा की किट्टी पार्टी में हैं , भगवान से प्रे करो कि आज ताश के पत्तो में जीत मेरी हो , पिछले तीन हफ्तों से हार रही हुं , चलो बॉय डॉर्लिंग कहकर शीनम घर से निकल गई !!

रोहित सोफे पर उदास सा बैठ गया , शीनम ने उसकी मां की तबीयत पूछना भी जरूरी नहीं समझा और  रोहित के पास दो मिनट बैठने तक का टाईम नहीं हैं शीनम को !! अपनी आजादी के लिए दोनों बच्चों को भी बाहर पढ़ने भेजने दिया हैं !!

एक समय पर जो परिवार बहुत खुशहाल हुआ करता था , आज वह विभिन्न हिस्सों में बंट गया था , बच्चे बाहर पढ़ने क्या गए थे , वहीं के होकर रह गए थे !!

रोहित बच्चों को कभी बाहर नहीं भेजना चाहता था मगर शीनम की जिद के आगे उसकी एक ना चली थी और फिर वहीं हुआ जो शीनम चाहती थी !!

शीनम अपना ज्यादातर समय पार्टीस , ताश के पत्ते खेलने या मूवी जाने में निकालने लगी थी !! 

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शीनम अपने स्वार्थ की खातिर किसी ओर को कभी तवज्जो ही नहीं दे पाई और यही वजह थी कि रोहित को अब अपना ही घर अकेले में काटने दौड़ता !!

कितनी मेहनत की थी , तब कहीं जाकर रोहित उच्छ अधिकारी के पद पर पहुंचा था और फिर इतना बड़ा बंगला बनवाया था जिसमें अब घरवालो को ही रहने का समय नहीं था !!

सच कहा हैं किसी ने खुशियां पैसों से नहीं खरीदी जा सकती !!

रोहित गहरी सोच में डुबा हुआ था कि अचानक उसके फोन की घंटी बजी !!

निखिल का फोन देखते ही रोहित के उदास चेहरे पर मुस्कान आई और उसने जैसे ही फोन रिसीव किया – निखिल बोला रात की फ्लाइट से वापस आ जाऊंगा , कल मिलने का प्लान करते हैं यार , बरसों बाद दो बिछडे यार मिलेंगे क्या बोलता हैं ??

रोहित बोला – नेकी ओर पूछ – पूछ , कल मिलता हुं तुझे !!

दोनों के बीच दूसरे दिन मिलने का प्लान बना !!

निखिल बोला- भाभी को साथ लाना ना भूलना !!

दूसरे दिन रोहित सुबह शीनम से बोला – आज हम दोनों को मेरे दोस्त निखिल ने लंच पर इनवाइट किया हैं , तुम तैयार हो जाना !!

पहले तो शीनम ना – नुकुर करने लगी फिर रोहित के मनाने पर मान गई !!

रोहित और शीनम ने निखिल के घर के आगे अपनी कार रोकी !!

बड़ा सा बंगला , बाहर तीन खड़ी गाड़ियां और अंदर की चकाचौंध देखकर रोहित और शीनम के तो होश उड़ गए !!

निखिल का बंगला किसी स्वर्ग से कम ना था !! रोहित यह सब देखकर बहुत हैरान था क्योंकि हमेशा खेलने कूदने वाला निखिल आखिर इतना बड़ा आदमी कैसे बन गया था यह रोहित की समझ से परे था !!

निखिल ने रोहित और शीनम को बैठाया जहां पहले से ही कुछ ठंडे पेय पदार्थ मौजूद थे !! भरी गर्मी के मौसम में ठंडे पेय पदार्थ पीकर रोहित और शीनम को शांती हुई !!

शीनम बोली – भाभी , नजर नहीं आ रही निखिल जी !!

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बस वह आती ही होगी निखिल बोला !!

उतने में निखिल की पत्नी भी आ गई !!

निखिल बोला आभा यह मेरा दोस्त रोहित और यह उसकी पत्नी शीनम हैं !!

आभा ने मुस्कुराकर दोनों का स्वागत किया !! सांवली – सलोनी , बालों में सीधी चोटी सिंपल सी दिखने वाली आभा को देखकर रोहित को लगा मानो पहले रोहित ने उसे कहीं देखा हो मगर याद नहीं आ रहा था !!

फिर सभी लोग साथ में लंच करने बैठे !! शीनम जो कि आभा की सिंपलिसिटी देखकर अपने आप पर गर्व कर रही थी , अपने बालों को झटकते हुए बोली खाना अच्छा बना हैं आभा जी , आप तो एक हाउस वाईफ होंगी ना ??

निखिल बोला – शीनम जी , आभा की सिंपलिसिटी पर मत जाईए , मेरा पुरा कारोबार आभा ही संभालती हैं !! यहां तक कि कौन सी डील हमें कैसे करनी चाहिए ?? यह सब आभा का ही दिमाग हैं जो मैं आज यहां तक पहुंचा हुं और हां खाना बनाने में भी हमारी मैडम का कोई जवाब नहीं !! इन्हें तो कुक पर भी विश्वास नहीं , जब तक यह खुद सारा किचन का मुआयना ना कर दें और अपने हाथ से मसाले ना डाले इनको चैन नहीं आता !!

इतने में आभा को एक फोन आ जाता हैं आभा निखिल से कहती हैं दो व्यापारी हमारे ऑफिस में शाम को आने वाले हैं , हम दोनों कब जा पाएंगे ऑफिस ?? ताकि सेक्रेटरी उनको अपाइंटमेंट दे दे !!

निखिल बोला शाम पांच बजे बोल दो !!

रोहित की यह हैरानी अब जाकर खत्म हुई थी कि कैसे निखिल ने इतनी जल्दी तरक्की कर ली ?? उसकी पत्नी आभा का बहुत योगदान था इन सब में !!

थोड़ी ही देर में उनके दोनों बच्चे कॉलेज से आ गए , आते ही उन्होंने रोहित और शीनम के पांव छुए और सभी के साथ उसी कमरे में बैठ गए !!

आभा और निखिल के संस्कार उनके बच्चों में भी साफ झलक रहे थे !! 

निखिल बोला रोहित मम्मी की तबीयत कैसी हैं अब ?? उन्होंने मुझे भी तुम्हारे जैसा ही प्यार दिया हैं !! तुम्हें जानकर हैरानी होगी कि मेरी पत्नी आभा भी तुम्हारे गांव पुनाली से ही हैं !!

इतना कहते ही रोहित के सामने आभा की वह फोटो आ गई जो मां ने बीस साल पहले दिखाई थी और बोली थी लड़की बहुत होशियार हैं , पढ़ाई के साथ साथ अपने पापा का पुरा कारोबार भी संभालती हैं मगर उस समय रोहित की आंखों पर एक मार्डन और आधुनिक लड़की की धुन सवार थी जो दिखने में बहुत सुंदर और आकर्षक हो इसलिए उसने आभा के फोटो पर सिर्फ एक नजर डाली थी और मां से शादी के लिए इंकार कर दिया था !! रोहित ने तब सिर्फ अपना स्वार्थ चाहा था तनिक यह भी नहीं सोचा कि क्या वह मार्डन लड़की उसके परिवार , उसके मां बाप को कभी अपना पाएगी ??

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आज आभा और शीनम में उसे फर्क साफ नजर आ रहा था !!

रोहित कुछ देर रुककर थोड़ी हिचकिचाहट के साथ बोला निखिल , मां अब बिल्कुल ठीक हैं !!

आभा आज इतने सालों बाद भी वैसी ही थी जैसी उस समय तस्वीर में दिखाई दे रही थी क्योंकि उसने आज भी मेहनत को तवज्जो दे रखी थी और शीनम मोटी और भद्दी होती जा रही थी क्योंकि उसने अपना समय सिर्फ खाने और घूमने में लगाया था !!

आज रोहित को अपने फैसले पर पश्चाताप हो रहा था !! निखिल और आभा का घर सिर्फ दिखने में ही स्वर्ग नहीं था , उस परिवार की खुशहाली देखकर प्रतीत होता था कि उनका घर सच में र्स्वग हैं जिसे मिलकर उन सबने संवारा हैं !!

कभी कभी कुछ लोग पत्नी का चुनाव सही तरीके से नहीं कर पाते और फिर उसकी सजा उम्र भर भुगतते हैं !!

रोहित को भी आज कुछ ऐसा ही प्रतीत हो रहा था !!

रास्ते भर वह शीनम से कुछ ना बोला !!

शीनम बोली – आभा जी , कितनी प्रतिभाशाली महिला हैं , इतना सब कुछ अकेले संभालती हैं और वह भी चेहरे पर मुस्कुराहट के साथ !!

मैं होती तो कब से छोड़ देती काम करना , जब इतना पैसा हैं तो खुद काम करने की क्या जरूरत हैं भला ??

रोहित बोला बस यही फर्क हैं तुममें और आभा जी में !!

सभी को साथ लेकर चलना , तालमेल बनाना और रसोई और कारोबार भी संभालना हर किसी के बस की बात नहीं होती !!

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तुमने हमेशा सिर्फ तुम्हारे बारे में ही सोचा हैं , सिर्फ अपने स्वार्थ की पूर्ति की हैं इसलिए तो आज हम चारों सिर्फ नाम के साथ हैं !! बच्चे वापस आना नहीं चाहते , तुम घर पर रहना पसंद नहीं करती और मैं आधे से ज्यादा समय अपने ऑफिस में बिताना पसंद करता हूं !!

हमारे घर में वह संस्कार ही नहीं जो निखिल और आभा के घर में हैं !!

रोहित का ऐसा जवाब सुनकर शीनम की बोलती बंद हो गई थी !!

शायद आज इतने सालों बाद शीनम को भी अपनी गलती नजर आई थी !!

दोस्तों , कभी कभी आधुनिकता की हौड़ में कुछ लड़के पत्नी का चुनाव करने में असफल हो जाते हैं क्या आपको भी यहीं लगता हैं !! अपने जवाब कमेंट सेक्शन में जरूर दें !!

दोस्तों आपको यह कहानी कैसी लगी कृपया कमेंट में जाकर जरूर बताएं तथा ऐसी अन्य रचनाएं पढ़ने के लिए हमारे पेज को फॉलो जरूर करें !!

आपकी सहेली 

स्वाती जैंन

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