शीला एक गृहणी थी।जिसका समय अपने घर में कम गैलरी में ज्यादा बीतता था। गली में क्या चल रहा है कौन आया कौन गया उसे सब पता था और फिर वो लोगों को नमक मिर्च लगा कर बताती।उसके सामने वाले घर में राजीव ,नीति और उसकी सास विद्या रहने आई।दोनो बेटा बहु नौकरी करते थे।विद्या घर में रहती शीला ने उनसे दोस्ती कर ली।
वो सारा दिन उन्हीं के घर बैठी रहती खाना पीना और उनके घर की बाते निकलना ।एक दिन बातों बातों में विद्या ने बताया कि मेरी बेटी आने वाली थी पर घर में कोई नहीं होता तो इसलिए वो नहीं आई।शीला ने ये बात आस पड़ोस में फैला दी कि नीति घर में झगड़ा करती।है।और कुछ काम नहीं करती सास सारा काम करती है
इसलिए अपनी ननद को भी आने से मना कर दिया।नीति के पड़ोस में रजनी रहती थी उसे अपनी काम वाली से जब ये बात पता चली तो उसने नीति को सारी बात बताई।नीति बोली तभी लोग मुझे अजीब तरीके से देखते हैं।नीति ने घर आकर सारी बात विद्या और राजीव को बताई।राजीव बोला मां आज तक
कभी हमने सुमी को आने से मना किया नीति तो उसके लिए छुट्टी भी लेती है फिर आपने ऐसा क्यों कहा।विद्या बोली मैने कहा था कि वो आना चाहती थी पर कोई घर पर नहीं होगा क्योंकि हम सब अगले हफ्ते शादी में तुम्हारे चाचाजी के यहां जा रहे है।उसने ये बात ही सुनी और फैला दी।नीति बोली मां में सारा काम करके जाती हूं।
गरम रोटी भी आपको शांति बना कर देती है फिर भी मै बदनाम हु की आप सारा काम करती है में कुछ नहीं करती।विद्या बोली बहु मुझे नहीं पता था अब मैं उस औरत को घर में नहीं आने दूंगी। नीति बोली राजीव आप दूसरा घर देखे अब हम यहां नहीं रहेंगे।अगले दिन नीति घर पर ही थी
वो और रजनी उसके कमरे में थे।शीला को लगा विद्या अकेली है वो उसके घर आई बोली आंटीजी में आप के लिए पराठा लाई थी खा लीजिए पता नहीं नाश्ता किया भी होगा कि नहीं।फिर बोली कल आपके घर से बड़ी तेज तेज आवाजें आ रही थीं क्या महारानी लड़ रही थी।
शीला के पीछे रजनी और नीति खड़े थे और वो बोलती जा रही थी।नीति बोली भाभी मै बताती हूं आपको अच्छे से ताकि आप बढ़ा चढ़ा कर सबको बता सकें।तो सुने हम अगले हफ्ते यहां से जा रहे है आपकी वजह से ये आप खुद बताएगी सबको या हम सबको मसाला लगा कर बताए।
शीला अपना सा मुंह लेकर जाने लगी तभी विद्या बोली शीला ये पराठे भी ले जाओ।मेरी बहु मुझे भर पेट नाश्ता करवा चुकी हैं। हमारी चिंता छोड़ दो।शीला बाहर निकली और अन्दर से हंसने की आवाजें आ रही थीं।
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