रोटरी क्लब में आज सर्वश्रेष्ठ जोड़े को खूबसूरत ड्रेसिंग वाले महिला पुरुष को प्रतियोगिता के आधार पर पुरस्कार मिलने वाला है… मयंक और मै दोनों अच्छे से तैयार होकर बाकी जोड़ों की तरह बेस्ट पेयर चुने जाने की उम्मीद लिए गए थे… मन में अनगिनत झंझावात समेटे कभी कभी #दिखावे की जिंदगी #को जीते हुए इंसान अपने अंतरात्मा की आवाज को भी अनसुना कर देता है.. दुनिया को दिखाने के लिए या फिर मेरी खूबसूरती को ढाल बना समाज में अपनी प्रतिष्ठा को बढ़ाने के लिए मुझे ऐसे जगहों पर ले कर आते हैं..
अरे कितनी खूबसूरत बीबी है आपकी… दंभ से मयंक मुझे देखते.. घर आते हीं कहते तुम इतराओ नहीं ईरा.. तुम्हारी खूबसूरती मेरी हीं देन है.. तरह तरह के डिजाइनर कपड़े महंगे ब्यूटी पार्लर के खर्च और जिम का बिल सारा कुछ मै हीं भरता हूं… शादी के तीन साल हो गए.. जब कभी बच्चे की बात करती हूं तो कहते हैं कर दी न गंवारो वाली बात.. एक बच्चा होते हीं सारी खूबसूरती ढल जाएगी…. नहीं अभी मुझे कोई बच्चा नहीं चाहिए…
मैं मन हीं मन रो उठती… आप क्या जानो मां बनने से औरत निखर उठती है…साधारण परिवार की बेटी थी पर सुखी संतुष्ट और खुशहाल जिंदगी थी हमारी.…पैसे कम थे पर आपस में प्यार था.. मां पापा की जिंदगी में बच्चों की खुशी से बढ़कर कुछ नहीं था… उन लोगों ने कभी अहसास नहीं होने दिया कि हमलोग तुम बच्चों के लिए क्या कुछ कष्ट सहकर जरूरतें पूरा करते हैं….
बुआ जी की बेटी की शादी में लड़के वालों की तरफ से मयंक आए थे.. मैं गुलाबी लहंगे को संभालती कभी अपनी लंबी चोटी को चहकती दीदी के साथ स्टेज पर गई तो मयंक ने मुझे देखते हीं पसंद कर लिया… दीदी की विदाई हो गई.. हम सब वापस आ गए… दीदी जब पगफेरे के लिए आई तो साथ में मेरे लिए मयंक का रिश्ता भी ले आई…संपन्न परिवार का इकलौता कमाऊं लड़का मयंक सबको पसंद आ गया…
पापा की इच्छा थी अपने घर से शादी करते .. हल्दी मेहंदी सारी रस्में होती.. और विदाई भी अपने घर से होती पर मयंक के धनी मनी रिश्तेदार दोस्त के स्टैंडर से व्यवस्था नहीं कर पाते पापा और मयंक की इंसल्ट हो जाती इसलिए रिजॉर्ट से शादी का प्रोग्राम हुआ… मां अंदर से दुःखी हो गई.. ना घी ढारी ना घर के देवता की पूजा कर पाई ना हीं सारे विधि विधान हो पाए .. लोगों ने समझाया बेटी इतने बड़े घर में जा रही है….
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पूरी शादी में मां पापा सकुचाए से अलग थलग अपने रिश्तेदारों के साथ रहे… कोई अरमान पूरा नहीं हुआ.. मयंक के परिवार वाले सबसे कह रहे थे बस लड़की पर शादी हो रही है.. मयंक को पसंद आ गई वरना हमारा उनका कोई तुलना नहीं है.. ससुराल में जबतक रही ये अहसास कराते रहे तुम गरीब परिवार से आई हो.. पहली रात मयंक पी कर कमरे में आए तो मैं घबरा गई..
एक महीने बाद मैं मयंक के साथ आ गई जहां उनका व्यापार था…. मयंक के लिए मै सजी धजी कठपुतली थी…. जैसे कहते वैसे मुझे करना था… मैं सीधी साधी लड़की थी… मैं चाहकर भी मयंक का विरोध नहीं कर पाती… मयंक की महत्वाकांक्षाएं बढ़ रही थी.. उस हिसाब से मेरे कपड़े शॉट होते जा रहे थे… मैं मना करती तो मयंक
चिल्लाने लगते अब तुम उस छोटी सी कॉलोनी के दो कमरे में रहने वाली ईरा नहीं हो… ईरा मयंक सिन्हा हो… ऑफिस के पार्टी में मै जाना नहीं चाहती पर जबरदस्ती ले जाते…. अधेड़ उम्र की औरतें चेहरे पर गहरा मेकअप थोपे अर्धनग्न सी पीने के बाद होश खो कर किसी के साथ डांस करती.. कभी लगता बेहोश हो जाएगी…. गंदी नजरों से घूरते पुरुष… मन वितृष्णा से भर उठता.. पर मयंक के विरोध की हिम्मत नहीं कर पाती..
वक्त गुजर रहा था.. बगल के खाली पड़े बंगलों में एक महिला रहने आई.. एक आठ साल के बच्चे के साथ.. कभी नजरें मिलती तो आत्मीयता से मुस्कुरा देती… एक दिन अचानक मॉल में मुलाकात हो गई…मयंक फोन पर थे.. मैं इधर उधर टाइम पास कर रही थी.…वो अपने बच्चे को लेकर गेम जोन आई थी.. अचानक पास आई मुस्कुरा कर कहा मै मेघना.. सीनियर एडवोकेट… महिला और बाल विकास मंत्रालय के सौजन्य से संचालित एक एनजीओ से भी जुड़ी हूं… कभी घर आईए..तभी मयंक आ गए… कौन थी ये मोटी काली सी सुंदरी.. मैं चुप रह गई..
एक महीने से मयंक मुझे समझा रहा था मुंबई से एक बहुत बड़े बिजनेसमैन आ रहे हैं… फाइव स्टार होटल में पार्टी है.. हो सकता है तुम्हारे साथ डांस करे या थोड़ा नजदीक आएं… तुम संभाल लेना… अगर वो खुश हो गए तो मुझे बहुत बड़ा ऑर्डर मिल जाएगा.. हमारी लाईफ बन जाएगी.. फिर हम बच्चे के लिए भी सोचेंगे.. मैं अवाक हो गई… तुम्हारे लिए एक स्पेशल ड्रेस भी बुटीक में बनवा रहा हूं…
मयंक से दो तीन बार दबे शब्दों में पार्टी में नहीं जाने की बात की पर मयंक मेरी सुनते तब ना….. मुझे अपनी बेबसी पर रोना आ रहा था… आखिर मैं इतनी दब्बू क्यों हूं… मां बाप शादी कर के इसी बात से खुश और संतुष्ट हो गए कि बड़े घर में बेटी गई है… दामाद बहुत पैसे वाले हैं पर बेटी सोने के जंजीरों में जकड़ी……
काले रंग की ड्रेस स्लीवलेस गला भी डीप घुटने के ऊपर स्कर्ट उफ्फ… ब्यूटीपार्लर वाली मेकअप कर रही थी और बीच बीच में बोल रही थी सर मैम तो अप्सरा लग रही हैं…. डायमंड के सेट के साथ मेरा मेकअप खतम हुआ… बेबसी के आसूं पीती पार्टी में गई.. वहां का माहौल देखकर उबकाई आने लगे… सब की नजरें मुझपर थी.. कुछ लोग मयंक के भाग्य से ईर्ष्या कर रहे थे… तभी मिस्टर अनूप देव का आगमन हुआ.., जिनका इंतजार सभी को था.. मयंक उनके इर्द गिर्द हीं घूम रहा था.. थोड़ी देर बाद मुझे बुलाया…
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सर ये मेरी वाइफ है ईरा मयंक सिन्हा और ये सर जिनके बारे में मैने तुम्हे बताया था.. उन्होंने हाथ बढ़ाया तो मैने हाथ जोड़ दिया.. मयंक धीरे से मेरा हाथ दबाया.. अनूप देव की कामुक नजरें मेरे जिस्म का ऊपर से नीचे तक जैसे एक्स-रे कर रही हो… धीरे धीरे पार्टी का रंग गहराता जा रहा था… पीने का दौर चालू था… अनूप देव ने मुझे ड्रिंक ऑफर किया.. मैने इनकार कर दिया… मयंक थोड़ी तेज आवाज में कहा ले लो ईरा सर बोल रहे हैं… फिर रोशनी धीमी हो गई.. हाथ में ग्लास लिए डांस का दौर शुरू हुआ…. अनूप देव मेरे कमर में हाथ डाल कर डांस करने की कोशिश की, मैने झटक दिया… फिर पूरी ताकत लगा कर मुझे अपनी ओर खींच लिया.
. पता नहीं मुझ दब्बू में कहां से इतनी ताकत आ गई कि मैने उन्हें धकेल कर एक चांटा उनके गालों पर लगा दिया… तिलमिला कर मयंक को आवाज दी देखो तुम्हारी बीबी कितनी बदतमीज है… सबका नशा काफुर हो चुका था… मयंक अनूप देव से माफी मांगते हुए मुझे घसीट कर गाली देते हुए गाड़ी में धकेल दिया और कहा घर चल कुतिया तुझे बताता हूं..
जिस चेहरे पर तुझे इतना घमंड है उसे हीं झुलसा देता हूं… गाड़ी का दरवाजा खुलते हीं मेरी नजर मेघना जी पर पड़ी मैं दौड़ती हुई उनके पास गई और रोते हुए बोला मुझे बचा लीजिए.. मयंक भी पीछे पीछे दौड़ते हुए आए… बहुत चिल्लाए और मेघना जी को धमकी दी तुझे देख लूंगा दुष्ट औरत… अगले दिन मेघना जी मुझे थाने ले गई…
पंद्रह दिन लगे मयंक को सलाखों के अंदर पहुंचाने में.…. मेघना जी के प्रयास से मुझे दूसरे शहर के एनजीओ में नौकरी मिल गई… साथ हीं रहने की व्यवस्था भी मेघना जी ने करा दिया… मैं आज #दिखावे की जिंदगी #को बाय बाय कर दिया है…. मेरा वजूद मेरा आत्मसम्मान मेरी पहचान ये सब मै आज महसूस कर रही हूं… अब मेरी जिंदगी शुरू हुई है दिखावे से दूर हकीकत के मजबूत कदमों के साथ….
वीणा सिंह