श्रेया!कहां हो तुम,तैयार नहीं हुई अभी?पुलकित कमरे में आता बोला।
पुलकित ने देखा कि उसकी पत्नी श्रेया अभी भी मोबाइल में लगी हुई थी…घर के ही कपड़े पहने थे अभी
उसने..उसका पारा चढ़ गया…
मैं बेवकूफ हूं क्या जो तुम मेरी बात को सुनती ही नहीं कभी?जब देखो मोबाइल में घुसी रहती हो…अब क्या कर
रही थीं इस में?
सॉरी जानू!बस दो मिनट में तैयार होती हूं,जरा आज की इवेंट अपलोड करने में लगी थी,नीलम जल भुन
जाएगी मेरी खबर सुनकर…आखिर शहर के सबसे महंगे बैंकेट हाल में जा रही हूं मैं,सबको तो निमंत्रण भी नहीं
मिला उस स्पेशल वैडिंग का।श्रेया इठलाई।
उफ्फ!तुम लेडीज भी !!न जाने अक्ल होती भी हैं इनमें या नहीं,कम से कम वहां से लौट ही आती तब डाल
ये दिखावा है या प्यार …? – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi
लेती फोटो,अभी से क्या करने में जुटी हो?
तुम नहीं समझोगे …श्रेया मुस्कराई…लोगों को जला कर राख करने में मुझे बड़ा मजा आता है।
किसको राख कर रही हो श्रेया?सरगम,उसकी जेठानी कमरे में आते बोली।
कुछ नहीं भाभी…बस यूं ही..आपके देवर मेरी क्लास ले रहे थे,उन्हें ही कुछ समझा रही थी।
सरगम हंसी…अब क्या किया मेरी देवरानी ने जो तुम उसके पीछे पड़े हो भैया।
दिखावा ,दिखावा,दिखावा…और इन महारानी को आता ही क्या है?
बच्ची है…छोटी है अभी,कितने दिन हुए शादी को तुम्हारी…धीरे धीरे सीख जाएगी,करने दो मौज मस्ती
उसे…फिर तो गृहस्थी के चक्कर में फंस ही जाएगी हमारी तरह।
मैंने कब मना किया है भाभी लेकिन उसकी इस तरह दिखावे की आदत किसी दिन कोई मुसीबत न खड़ी कर
दे हमारे परिवार के लिए…डरता हूं मैं।
बेवजह संदेह कर रहे हैं आप…सरगम बोली,जाइए और आउटिंग एंजॉय कीजिए और हां!कुछ फोटोग्राफ्स ले
कर आना आज की सेलिब्रिटी की…
जी जरूर…पुलकित ने कहा और हंस दिया मन में…सब लेडीज शायद एक सामान ही होती हैं,भाभी को भी
कितना क्रेज है सेलिब्रिटी की शादी का और वहां के फोटोग्राफ्स का।
थोड़ी ही देर में,श्रेया सज संवर के चलने को तैयार थी।
पुलकित ने प्रशंसा से उसे देखा,सुंदर लग रही हो…कहे बिना नहीं रह सका वो और श्रेया ने इठला के उसका
हाथ पकड़ा और बोली..रुको! दो चार फोटो क्लिक कर लूं,फिर चलेंगे।
पुलकित की फिर गुस्सा आ गया था…ऐसा है तुम यहां रुको,फोटो क्लिक करो, मैं चला।
अरे नाराज़ क्यों होते हो…बस दो चार फोटो खींच के पोस्ट करूंगी फिर चलते हैं न…
उफ्फ..तौबा!!अभी पोस्ट भी करने हैं..तुम नहीं सुधरोगी।
बेशर्मी से हंस दी थी श्रेया और मोबाइल पर उसकी उंगलियां थिरकती रही थीं और पुलकित आज सच में डर
गया था कि इसकी ये दिखावे की आदत किसी दिन कोई बड़ा नुकसान न करा दे उनका।
रास्ते में वो उसे समझाने के इरादे से बोला..देखो श्रेया!बुरा मत मानना लेकिन अनुभवों से बता रहा हूं कि इस
तरह फोटो अपलोड करना बेवकूफी समझी जाती है,मेरे कई फ्रेंड्स भी जब तब दबे सुर में तुम्हारी इस
कमजोरी पर मेरी मजाक उड़ाते हैं,मैंने तुम्हें नहीं कहा क्योंकि तुम बुरा न मान जाओ लेकिन अब बात हद से
ज्यादा बाहर हो रही है।
तुम भी यार…कितने बड़े बूढों की तरह बोल रहे हो…श्रेया ने पुलकित की बात हवा में उड़ाते हुए कहा…सारा दिन
घर में बोर हो जाती हूं,कुछ देर दिल बहला लेती हूं ऐसे तो तुम्हें बुरा लगता है?
लेकिन अब तो कितनी देर से मैं तुम्हारे साथ था…तब भी तुम इसी में लगी थीं,मुझे इग्नोर करके।
लल्लो चप्पो करना – प्रतिमा श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi
ओहो!तुम दो मिनट अकेलापन नहीं झेल सके, मैं तुम्हारे बिन पहाड़ सा दिन बिताती हूं,उसका कुछ नहीं…हाऊ
मीन!हाऊ सेलफिश!!
पुलकित समझ चुका था इसे कुछ भी कहना भैंस के आगे बीन बजाना है,चुप ही रहता हूं,क्यों अपना और
इसका मूड खराब करूं?
ओके एंजॉय द रूट…पुलकित ने कहा तो श्रेया मुस्करा दी और उसके करीब सरक आई।
बहुत एंजॉय किया दोनो ने उस शानदार शादी समारोह को,रात का दो बज गया था लौटते हुए।
बहुत नींद आ रही है..पुलकित ने जंभाई लेते कहा,लैंप बंद कर दो,कल सुबह ऑफिस जाना है।
बस थोड़ी देर..श्रेया मनुहार करती और धकाधक फोटो फेसबुक,इंस्टा पर शेयर करती रही।
अगले दिन, जैसे ही पुलकित ऑफिस से लौटा,श्रेया ने चहक कर उसे बताया…पता है मेरे इंस्टा के हजार से
ऊपर फॉलोवर्स ही गए हैं।कल की पोस्ट पर अभी तक दो हजार लाइक्स,सौ से ज्यादा कमेंट आ गए हैं। मेरी
सहेलियां तो जल भुन गई जब मेरी फोटो उन्होंने विरुषका के साथ देखी।
विरुष्का??ये कौन है?पुलकित आश्चर्य से बोला।
अरे विराट और अनुष्का…तुम भी नहीं जानते इन्हें??श्रेया ने खिल्ली उड़ाते कहा।
वो जो तुमने उनके कट आउट के साथ ली थीं वो??पुलकित आश्चर्य से बोला।
चुप्पप…श्रेया ऐसे घबराई जैसे उसके फ्रेंड सर्किल को उनकी आवाज अभी सुनाई न दे गई हो।
कितनी दिखावटी दुनिया में जीती हो तुम…तुम्हें सबको ये बता के क्या मजा मिलता है कि तुम्हारा उतना बैठना
बड़े मशहूर लोगों में है?
इससे ही तो सबमें धाक जमती है,सब इज्जत करते हैं और जल जाते हैं दिल में,वो अलग…श्रेया खुश होते
बोली।
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अच्छा..मेरी एक बात सुनो..पुलकित गंभीर होता बोला…आज मेरी एल टी सी मंजूर हो गई हैं,अगले हफ्ते हम
घूमने के लिए हिमाचल चलेंगे।
तो इतने गंभीर होकर क्यों बोल रहे हो?श्रेया चहकी..ये तो खुशी की बात है।
गंभीर इसलिए हूं कि जाने से पहले कुछ भी अपलोड मत करना,जब लौट आएं वहां से तभी कुछ शेयर
करना…समझी!
क्यों?ऐसा क्यों?श्रेया को इसमें कोई लॉजिक समझ नहीं आ रहा था।
खामख्वाह लोग जल भुन कर बातें बनायेंगे,फिर घर में भाभी भैया भी नहीं है,अकेला हो जाएगा घर,कहीं कोई
चोरी बोरी हो जाए।
तुम भी कितने डरपोक हो और न जाने क्या क्या सोच लेते हो…श्रेया ने कंधे उचकाए और पैकिंग में लग गई।
अगले ही हफ्ते वो दोनो घूमने चले गए थे।श्रेया ने अपनी आदत मुताबिक फेसबुक पर डालना शुरू कर दिया
था…हाऊ रोमांटिक!ये उनका दस दिन का ट्रिप है,सपनीला,सजन के साथ बस हम तुम!अकेले,वादियों
में…फीलिंग एक्साइटेड, ब्लेस्ड,अब चार दिन और…पहाड़ों की गोद में,और न जाने क्या क्या?
चौथे ही दिन,पुलकित पर उनके पड़ोसी का फोन आया कि आपके घर के सारे ताले टूटे मिले हैं आज,जल्दी
आ जाएं।
पुलकित का दिल धक से रह गया…जिसकी आशंका थी वही हुआ.. उसने श्रेया की तरह शिकायती नजरों से
देखा और बोला एक शब्द नहीं…हड़बड़ी में वो दोनो ट्रिप के बीच से ही लौट आए…
चोरों ने पूरे इत्मीनान से घर खाली किया था,एक एक छोटी बड़ी चीज ले गए थे…एकाध जगह नोट भी
मिले…थैंक्यू श्रेया जी!इतनी सहायता करने के लिए,वैसे आज कहां जाना है डलहौजी से आगे?
पुलकित बोला,लो मोबाइल!अपडेट करो कि तुम्हारे घर में क्या हुआ है?
सॉरी!अब और जलील मत करें पुलकित, मैं शर्मिंदा हूं अपनी दिखावे की आदत से,कान पकड़ती हूं,आगे से
ऐसा कुछ नहीं करूंगी।मेरी इस बुरी आदत के चलते आज हम सब कुछ खो बैठे।
कोई बात नहीं…ये सामान फिर आ जाएगा पर जो तुम्हें अक्ल आई है,वो बेशकीमती है श्रेया।अब पछताओ
मत,वादा करो,आगे ये बचपना नहीं करोगी।
समाप्त
डॉक्टर संगीता अग्रवाल
#दिखावा जिंदगी का