टका सा मुंह लेकर रह जाना – निमिषा गोस्वामी : Moral Stories in Hindi

अरे कहां है आप ?कब से पुकार रही हूं।चाय है कि ठंडी हुई जा रही है।अनिका ने अपने पति अनय को आबाज लगाते हुए कहा और चाय लेकर बरामदे की तरफ आई।आप यहां चहलकदमी कर रहे हैं और मैं गला फाड़कर आपको पुकार रही थी।अनिका ने चाय की प्याली को पास की मेज़ पर रखते हुए कहा। फिर वह अनय की ओर देखते हुए बोली

अरे जनाब क्या हुआ इतना परेशान क्यों दिख रहे हो। क्या अनि ?अनय अनिका को प्यार से अनि कहकर ही बुलाया करता है। तुम्हें याद नहीं आज हमारी अनु का का रिजल्ट आने वाला है कमबख्त ये पेपर वाला अभी तक क्यों नहीं आया।अनय ने कुछ झुंझला कर कहा। अरे बाप रे मैं तो बिल्कुल भूल ही गई थी।भाई साहब पेपर ले लो,तभी न्यूज पेपर वाले ने पेपर फेंकते हुए आवाज दी।आ गया अनय ने झट से पेपर उठाया और पास पड़ी कुर्सी पर जाकर बैठ गया।

हरे कृष्ण हरे कृष्ण क्या खबर पढ़ रहा है बेटा इतनी उत्सुकता से अनय की मां ने बरामदे में आते-आते पूछा।आ हा ये बात हुई अनय ने अपनी जांघ पर जोर से हाथ मारते हुए ठहाका लगाकर कहा। मांजी अपनी अनु ने आईएएस की परीक्षा में अब्बल आई है।आ हा हा हा क्या बात है देखा अनिका मैं कहता था न कि मेरी बेटी मेरा नाम रोशन करेगी।

अनय की खुशी का तो ठिकाना ही नहीं था।अनिका ने अपनी आंखों से खुशी के आंसू पोंछते हुए कहा आप ठीक ही कहते थे। तभी अनु की दादी बीच में बोल पड़ी अरे बेटी के लिए इतना खुश होने की जरूरत नहीं है बेटा थोड़े है और क्या कलेक्टर बन गई जो उछल रहे हो दादी यह कहकर हाथ झटकते हुए एवं बड़बड़ाते हुए वहां से चली गई।अनु कल ट्रेनिंग के लिए जा रही है तुम उसका सामान पैक कर दो ठीक है अनिका ने खुशी से सिर हिलाया।

कुछ महीनों बाद अनु घर वापस आ रही थी वो भी एक आईएएस अफसर बनकर।अनय ने उसके स्वागत की सारी तैयारियां कर ली थी।अनय की मां को अभी भी खुशी नहीं थी क्योंकि उन्हें तो पोते की ख्वाहिश थी। बैंड बाजे के साथ बीच में अनु वर्दी में जैसे ही अपने दरवाजे पर आई सभी ने फूलों की वर्षा की उसकी मां-बाप की खुशी का ठिकाना नहीं था। उसकी दादी वहीं पर खड़ी थी अनय ने अपनी मां से कहा देखा मेरी बेटी बन गई न अफसर इतना सुनते ही अनय की मां टका सा मुंह लेकर रह गई।

 

निमिषा गोस्वामी 

कालपी जिला जालौन उत्तर प्रदेश 

मौलिक एवं स्वरचित

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