राधा और मोहन दोनों बनारस से ताल्लुक रखते थे पर मोहन के पिताजी का असमय देहांत होने के कारण 3 बहने और घर में एक छोटा भाई सुनील था।मोहन ने बस पढ़ाई पूरी कर ली थी वो एक मैकेनिकल इंजीनियर था।रोजगार के लिए उसे शहर आना पड़ा और इसी कारण से राधा और मोहन शहर आ गए।नई नई गृहस्थी में तालमेल बैठाने लगे।राधा के लिए मुश्किल था क्योंकि मायके में उसने कभी कुछ किया ही नहीं पिताजी का एक छत्र राज्य होने के कारण कॉलेज से घर ,घर से कॉलेज बस इतना ही पता था।
पर यहां मोहन सुबह ही ऑफिस चला जाता तो बैंक ,बच्चो के स्कूल आना जाना सब सब काम राधा को सीखने पड़े।राधा और मोहन के दो बच्चे थे आदित्य और अनिकेत दोनो पड़ने में होनहार थे ।धीरे धीरे मोहन ने अपनी मेहनत से अपना खुद का काम शुरू कर दिया,भाई बहनों को पढ़ा उनकी शादी हो गई।छोटे भाई को भी अपने काम में लगा लिया।सब कुछ ठीक चल रहा था अपनी मेहनत से खुद का घर भी तैयार कर लिया।बच्चे बड़े हो गए आदित्य मल्टीनेशनल कंपनी में अच्छी पोस्ट पर था अब उसके लिए लड़की देखी जाने लगी
और जल्द ही उन्हें जैसे मध्यम परिवार की लड़की अस्मिता अपने आदित्य के लिए पसंद आ गई। अस्मिता ने फाइन आर्ट्स किया था तो वो एक आर्ट एंड क्राफ्ट टीचर के रूप में एक अच्छे स्कूल में कार्यरत थी।बस सुबह जाती दोपहर 3: 00 बजे तक घर आ जाती।घर परिवार की और सब जिम्मेदारी वो ढंग से उठा रही थी।शादी के एक साल बाद वो प्यारी सी बेटी पूजा की मां बनी। सब घर में खुश थे। अब तक अनिकेत की पढ़ाई भी पूरी हो गई और वो भी एक बड़ी कंपनी में अच्छी पोस्ट पर लग गया।अब उसके लिए भी लड़की देखना शुरू करना चाहते थे।
पर अनिकेत ने कहा कि मैं अपने साथ काम करने वाली रिया को पसंद करता हूं मै उससे ही शादी करना चाहता हूं सबने कहा ठीक है और इतवार को सब रिया के घर पहुंचे।रिया अपने माता पिता की इकलौती बेटी थी उसके पिताजी बिजनेस मेन थे और मां भी incometax डिपार्टमेंट में बड़ी पोस्ट पर थी।रिया और अनिकेत की सगाई की तारीख तय हो गई।
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घर आकर राधा ने मोहन से कहा मुझे रिया के माता पिता थोड़ा दिखावा करने वाले लगे।मोहन बोले कोई बात नहीं बच्चो को प संद है ना वैसे भी रिया को अपने घर आना है। तय समय पर सगाई हुई रिया के माता पिता ने भर भर कर सामान दिया जबकि राधा और मोहन ने स्पष्ट रूप से मना किया था।
शादी की तारीख पक्की हों गई। शादी से पहले ही मोहन ने मना कर दिया था कि कुछ भी सामान ना भेजे क्योंकि घर में भगवान की दया से सब कुछ है।बस बच्चे खुश रहे और क्या चाहिए।बड़ी ही धूमधाम से शादी हुई और रिया उनके घर आ गई। मना करते करते भी रिया बहुत सामान ले कर आई थी। घूमने फिरने में शुरू के दिन निकल गए अब सब अपने अपने काम पर जाने लगे रिया भी कभी कभी अपनी बातों से वो अस्मिता को जताती भी की मै बहुत अमीर घर से हूं। रिया के माता पिता उसे कुछ न कुछ भेजते ही रहते ।
इसी बीच अस्मिता के दुबारा मां बनने की खबर आई राधा ने फूल टाइम मैड पहले से ही लगाई हुई थी पर खाना अस्मिता और राधा ही बनाती पर इस बार अस्मिता को कुछ कॉम्प्लिकेशन होने की वजह से डॉक्टर ने कंप्लीट बेड रेस्ट बोला था तो सभी की सहमति से एक कुक रखने के बारे में सोचा जाने लगा।अगले दिन सुबह रिया की मां अपने साथ दो कुक ले कर आई बोली एक कांटिनेंटल बनाएगा और दूसरा बाकी खाना मना करने के बाद भी वो नहीं मानी।आज राधा को बड़ा ही गुस्सा आ रहा था।आज उन्होंने अनिकेत को बोला बेटा इतना दिखावा
अच्छा नहीं।
अस्मिता की गोद भराई का कार्यक्रम था उसमें भी रिया की मां अस्मिता के माता पिता से ज्यादा तोहफे लेकर आई और अस्मिता और उसके माता पिता को नीचा दिखा रही थीं आज राधा से रहा नहीं गया वो बोली बहन जी हमारे खानदान में लेन देन से ज्यादा रिश्तों में अपनापन और प्यार हो इस बात पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है और मेरी अस्मिता ने पिछले पांच सालों में मेरे घर में प्यार से भर दिया है मेरे घर को बांध कर रखा है मेरी बगिया में इसी की वजह से महक रही है आप अपने घर से सम्पन्न है ईश्वर आपको और दे
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पर अब रिया हमारी इज्ज़त है तो हम चाहते है कि अब आप उसे देना लेना बंद करे क्योंकि वो अनिकेत की और हमारी जिम्मेदारी है और वो खुद भी सक्षम हैं अगर मेरी बात बुरी लगी हो तो माफ कीजिएगा परंतु यदि कोई मेरी बेटियों अस्मिता या रिया का दिल दुखाएगा तो मै सहन नहीं कर पाऊंगी।तभी रिया के पापा आगे आए और बोले बहन जी आपने जो कहा वो सही है हम बेटी के प्यार में ये भूल गए कि वो अब आप की अमानत हैं।
रिया बेटा तुम भी वही करो जो तुम्हारे माता पिता और अनिकेत चाहते हैं वहीं करो।रिया बोली जी पापा
और बोली मॉम आप कांटिनेंटल कुक भी ले जायेगा।
और राधा के गले लग बोली मै और मम्मी अस्मिता दी का ध्यान रखेंगे और अस्मिता के गले लग बोली दी अपनी बहन को माफ कर दो ।
फोटोग्राफर के क्लिक कहने पर सब स्माइल करते हुए
हैशटैग प्यार कहने लगे।
स्वरचित कहानी
आपकी सखी
खुशी