हर्षित अपनी माँ की ओर देखता हुआ आहत स्वर में बोला ।
सबिता जी उसकी बातें सुनकर दहाड़ उठीं , तुम्हें अपनी पत्नी और अपनी ससुराल के अतिरिक्त कुछ नहीं दिखता।
रिद्धि सारी बातें सुन रही थी , उसने अपने आंसुओं पर काबू रखते हुए कहा कोई बात नहीं मम्मी जी मैं छोटे की शादी में जाने से मन कर दूँगी। हर्षित तड़पकर बोला , तुम्हारी इसमें क्या गलती है , रिद्धि ?
बात ये थी कि रिद्धि के पापा ने उसे और उसके छोटे भाई को बहुत मेहनत से पाला था , रिद्धि से पाँच साल छोटा। अभिनव था , माँ बचपन में गुजर गई थी । अभिनव के साथ पढ़नेवाली काव्या से उसकी शादी अप्रैल में होनेवाली थी, रिद्धि को मायके की सारी तैयारियां देखनी थी,किंतु सासु मां इसके लिए राजी नहीं थी,
उनका कहना था, पोते के स्कूल में परीक्षा है । उस दिन घर में खाना बना, किंतु किसी ने नहीं खाया । हर्षित परेशान था उसे बहुत ग्लानि हो रही थी,अपनी ससुराल में ससुर जी को कहकर आया था , वो संभाल लेगा ,रिद्धि आकर कुछ दिन रहेगी ।
अगले दिन बोझिल मन से ऑफिस गया , सारी बातें अपनी छोटी बहन गरिमा को बताया ।
रात करीब आठ बजे सबिता जी मनपसंद सीरियल देख रहीं थीं, तभी फोन की घंटी बजी, गरिमा का नाम देखकर उनकी बाँछे खिल गई थीं , उसने कहा ,आप कैसी हैं मम्मी? मेरी नन्द को लड़का हुआ है , ढेर सारी सौगात लेकर वहां जाना है , मेरी कमर दर्द से परेशान हूँ, इधर ऑफिस के काम से राज भी बाहर जा रहे ।
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उसकी बातें सुनकर सबिता जी चिंतित हो गई ,उन्होंने कहा, बस तू कल ही यहां चली आ।
राज को बोलो पहुंचा देगा , यहां रिद्धि है , तुम्हे कोई कम नहीं करना पड़ेगा। लेकिन मम्मी भाभी के भाई की शादी है न?? वो गई नहीं हैं? उन्होंने खुश होते हुए कहा नहीं मैं जाने दूं तब न! मैंने परीक्षा का बहाना कर उसे रोक लिया ,।वो मान भी गई ,ये आपने बहुत बुरा किया मम्मी ,मेरी सास भी मुझे वहां जाने से मना की हैं ,ऐसा वो नहीं कर सकती गरिमा मेरी बात कराओ।
वाह! मम्मी अपनी बेटी की बात आई तो आप तड़प गई , आप तो ऐसी नहीं थीं। मैं भी मायके नहीं आऊंगी , मैने सोचा था नन्द के घर से लौटकर मिलने आऊंगी ।
तीसरे दिन गरिमा राज के साथ मायके आ गई, उसने भाभी से गले मिलके कहा ,आप निश्चित रहिए मैं आ गई हूं।
दूसरे दिन मम्मी को समझाया , मैं अभिनव की तैयारी करवा दूंगी मम्मी ।
भाभी थोड़ी शॉपिंग करने मायके जाएंगी , मैं अभी एक सप्ताह रहकर घर की देखभाल कर लूंगी और जब भाभी शादी में जाएगी उस समय तक तो सभी की परीक्षा हो जाएगी, है न भाभी ?
उसने हल्के पीले रंग की साड़ी देते हुए कहा ,भाभी ये आपके लिए लाई हूँ।
सबिता जी मन ही मन सोचने लगी,।आखिर गरिमा इतनी समझदार कब हो गई ।
उन्हें अपनी गलती का एहसास था ,उन्होंने हँसते हुए कहा ,दअरसल गरिमा तुम्हारे जाने के बाद मैं इतनी अकेली हो जाती पूछो मत।
ये रिद्धि के बिना रह नहीं पाती हूँ,इसने अपनी आदत लगवा दी है, लेकिन मम्मी भाभी की जिंदगी की खुशियों का ख्याल भी हमें ही रखना है।
बाहर से हर्षित ने आवाज लगाई ,गरिमा टैक्सी आ गई है,आओ भाई,हां जाकर फोन जरूर करना ,सबसे पहले गरिमा को ,जिसके कारण तुम जा पाई , सभी खिलखिला उठे,और खुशी से रिद्धि हाथ हिलाती हुई मायके की ओर चल पड़ी ।
सिम्मी नाथ