अरे जिज्जी कहां हो सुनो तो हमारा पेट खौल रहा है तुमको एक बात बताने के लिए तुमको बता दें तो थोडी ठंडक मिले…श्यामा की तेज आवाज सुनते ही बाबूजी ने आ गया मोहल्ले का आज तक चैनल कहते हुए अपने कमरे का दरवाजा बंद कर लिया तो अम्मा हंसने लगीं तो आपको काहे की चिढ़ हो रही है।
अम्मा हंसो नहीं आपको पता नहीं ये श्यामा जिज्जी पूरी नारद मुनि है सबको भड़काना और भिड़ाना ही इनका काम हैं आप सावधान रहना मेड रामी ने अम्मा के घुटने की मालिश करते हुए धीरे से बताया।
यहां बैठे हैं हम धूप में यहीं चली आओ श्यामा बताओ क्या बता रही हो अम्मा ने चटाई को पूरी खोलते हुए आवाज लगाई ।
यहां नहीं भीतर चलो तब बताएंगे बात ही ऐसी है श्यामा ने चारों तरफ नजर दौड़ाते हुए कहा।
क्यों ऐसा क्या है अम्मा ने अचरज जताया।
अरे तुम्हें पता भी है तुम्हारी बहू के बारे में मोहल्ले में क्या क्या बातें हो रही हैं वही बताना था ।पहले चाय पिलाओ और भीतर चलो वहीं चुप्पे से बताएंगे यहां बताने से कहीं वह सुन ना ले श्यामा ने आवाज दबाकर कहा।
सिम्मी बहू ….एक कप चाय और बढ़ा दे और यहीं ले आ श्यामा मौसी तेरी कोई बात बताने आई हैं!!अम्मा ने बहू को जोर से आवाज लगाई तो श्यामा सकपका ही गई ।
अरे जिज्जी सुनो तो ….जब तक श्यामा कुछ समझ पाती सिम्मी चाय लेकर आ गई ।
जी नमस्ते मौसी ये लीजिए चाय ।बताइए क्या बात है मेरे बारे में सिम्मी ने अम्मा की ओर देखा।
हां श्यामा अब ठीक से जोर से बताओ मोहल्ले में मेरी बहू के बारे में क्या बातें हो रही हैं जो मुझे नहीं पता हैं दिया तले अंधेरा है अम्मा ने चाय उठाते हुए कहा।
श्यामा की गति सांप छछूंदर सी हो गई।अरे ऊ मोहल्ले वाले हैं कुछ भी बोलते रहते हैं अब बहू बिटिया के सामने कैसे बताएं हम तो आपसे …..कहते हुए वह अटक सी गई।
श्यामा अगर वे कुछ भी गलत बोल रहे हैं जो तुम्हे भी गलत लग रहा है तब तो बहू का सुनना ज़रूरी है और अगर वे सही बोल रहे हैं तब भी बहू का सुनना ज़रूरी है जिसके बारे में बात है उसका ही सामने सुनना जरूरी है ।और अगर वे कुछ भी नहीं कह रहे है तुम्हारी मनगढ़ंत बात है तब कान खोल कर सुन लो अपनी बहू की बुराई उसके पीठ पीछे मैं तुमसे सुनूंगी और मजा लूंगी ये तुमने कैसे सोच लिया अम्मा की दो टूक बात सुनकर श्यामा #अपना सा मुंह लेकर रह गई ।
चुपचाप चाय पीकर जाओ और आइंदा पेट में ऐसी खौल मचे तो पहले मेरी बहू से बात कर लेना अम्मा ने कहा तो मेड हंसने लगी हां सही तो कह रही हो अम्मा जी लेकिन बहू जी की चाय तो पेट को और खौला देगी जैसे अभी…तब तक तो श्यामा चाय का कप छोड़कर वहां नौ दो ग्यारह हो गई थी।
अपना सा मुंह लेकर रह जाना#लज्जित होना मुहावरा आधारित
लतिका श्रीवास्तव