ऐश्वर्या का बचपन बहुत ही अभावों में गुजरा ।पिताजी एक दफ्तर में क्लर्क मां घर को संभालती
घर में दादी की हुकूमत चलती जो मां को बहु भी न समझती नौकरानी से ज्यादा हैसियत नहीं थी घर में पापा,दादी और आग में घी डाल ने बुआ भी आ जाती
कभी कभी।मां सुबह से रात तक काम करती।किसी मशीन की तरह पर कोई भी दो बोल प्यार के ना बोलता।
ऐश्वर्या भी घूट कर रहती।हमेशा डरी सहमी रहती क्योंकि कभी कभी मां के साथ उसका भी उद्धार हो जाता।
ऐश्वर्या की बारहवीं होते ही उसके पिताजी ने उसके लिए लड़का देखना शुरू कर दिया। बस यहां ऐश्वर्या की किस्मत अच्छी थी
कि उसकी शादी मनीष के साथ तय हुई ।मनीष एक पढ़ा लिखा नौजवान था।घर में मां बाप और एक बहन थी। घर में कौन कौन है
ये जानकार ऐश्वर्या डर गई उसे अपनी मां और उसके साथ होने वाली जातत्त्त्तिया याद आ गई।वो अपनी मां से बोली मां में शादी नहीं करूंगी मेरे साथ भी यही सब होगा
।मां ने समझाया और पिता के डर से वो कुछ ना बोल पाई और वो शादी होके मनीष के घर आ गई।
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मनीष के घर आकर वो बहुत डरी सहमी थी। ऐश्वर्या ने देखा मनीष उसका ध्यान रख रहा था।
अगली सुबह सभी मेहमान घर में थे । ऐश्वर्या डरी सहमी सुबह सुबह उठकर तैयार हो गई।
क्योंकि घर में वो दादी को मा पर चिल्लाता देखती थी।उसे लगा यहां भी सास चिल्लाएगी।वो जल्दी से बाहर आ गई
बाहर उसकी सास अनीता जी बैठी थीं उन्होंने कहा बेटा इतनी जल्दी क्यों उठ गई।उन्होंने ऐश्वर्या को बिठाकर चाय पिलाई
और ऐश्वर्या को तैयार होने भेज दिया। ऐश्वर्या तैयार हो कर आई वहां सब मेहमान थे ।सब ने कहा चलो अब बहु आगई तुम्हारी जिम्मेदारी खत्म।
अनीता जी बोली ये हमारी बहु रानी है तो रानी की तरह इस घर में रहेगी ये इसका भी घर है और ये अपने हिसाब से जो चाहे वो करे।
अनीता जी ने ये बात सिर्फ कही ही नहीं निभाई भी उन्होंने ऐश्वर्या को नाजों से रानी बना कर रखा
।मनीष भी उसे बहुत प्यार करता।ससुर ननद नाज उठाते वो सच में आज बहुरानी थी।और वो भी सबसे बेइंतहा प्यार करती जब वो मायके जाती
उसे देख उसकी मां भी खुश होती और कहती मैं नौकरानी रही पर तुम रानी बन गई अपने घर की बहु रानी।
स्वरचित कहानी
आपकी सखी
खुशी