*”दामिनी का दम”* (भाग-31) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

राजेश के घर जैसे ही दामिनी का काफिला पहुंचा वहां उसकी मां और बहन बड़ी बेसब्री से राजेश का इंतजार कर रही थीं और टीवी पर न्यूज भी देख रहे थे।न्यूज पर सब कुछ लाइव चल रहा था।

दोनो को दामिनी का साहस और बुद्धिमानी देखकर दोनों बहुत गर्व महसूस कर रही थी।

उन्हें राजेश का हौसला भी अच्छा लगा था।

दोनो ने दामिनी और राजेश का बड़ी गर्मजोशी से स्वागत किया ।उस समय शाम के चार बज चुके थे।राजेश की मां ने पूछा तुम दोनो ठीक तो हो न ।

राजेश ने कहा _ मैडम के रहते सब ठीक ही रहता है मां तुम चिंता मत करो ।

और नहीं तो क्या रागिनी ने खुश होते हुए कहा।हमारी दामिनी दीदी हजारों  में नहीं बल्कि लाखों में एक है ।

तुम दोनो हाथ मुंह धो लो तब तक मैं खाना लगा देती ही।राजेश की मां ने कहा ।

हा आंटी बड़ी जोर की भूख लगी है ।

खाना खाकर मुझे ऑफिस भी जाना है।दामिनी ने कहा।

दोनो तैयार होकर नीचे बैठ गए जहां रागिनी ने चटाई बिछा दिया था।मंजू देवी ने दोनों के लिए खाना लगा दिया।दामिनी ने कहा _ आंटी आप दोनो भी अपना खाना ले आओ साथ में ही खवा खायेंगे।

मंजू देवी ने कहा _ तुम तीनो खा लो कुछ घंटे बढ़ेगा तो कौन देगा ।लेकिन दामिनी ने जिद कर उन दोनो का खाना भी मंगा लिया।

मंजू देवी ने कहा _ बेटी तुमने वो काम किया है जो आजतक किसी ने किया है और न सोचा भी होगा ।

लोग तुम्हारी बहुत तारीफ कर रहे हैं।

कुछ ही दिनों में तुमने पूरे जिला की पुलिस का हुलिया और रंग रूप ही बदल दिया ।अब लोग पुलिस का सम्मान कर रहे हैं और उनपर विश्वाश भी कर रहे हैं।

इसने मेरा ही  योगदान नहीं है आंटी बल्कि आम जनता और ईमानदार पुलिस ऑफिसरों का भी सहयोग है तभी यह सब संभव हो पाया है।दामिनी ने कहा

बिल्कुल मैडम अगर हर विभाग के लोग अपनी अपनी जिम्मेवारी पूरी ईमानदारी और निष्ठा पूर्वक निभाए तो  पूरा तंत्र ही सुधर जाएगा।

लेकिन इसके लिए हिम्मत ,ईमानदार ,कर्तव्यनिष्ठा , त्याग और निडरता का होना बहुत जरूरी है ।राजेश ने कहा ।

वाह राजेश तुमने लाख रुपए की बात कहा है।एक बात बताओ राजेश माना कि मैने सभी टेक्सी ड्राइवर और होटल वालो को अपराधियों के बारे में सूचना देने को कहा था लेकिन तुम्हारे पास एकदम सटीक और पुख्ता खबर कैसे आती थी ।ऐसा तो कोई एक्सपर्ट  इंटेलिजेंस ही कर सकता है।

मैडम मैने पुलिस के मुखबिरों से जानकारी लिया था कि किस तरह वे खबरें प्राप्त करते है ।बस मैने भी वही तरीका अपने टिम के लोगो को अपनाने को कहा था बस और कुछ नहीं ।मुझे भी सटीक खबर मिलते रहती थी जो आपके काम आती थी।

वाह राजेश लेकिन मुझे लगता है तुमको तो देश की खुफिया विभाग में होना चाहिए ।दामिनी ने हंसते हुए कहा।

रागिनी और उसकी मां भी हंसने लगी ।

दीदी चाहे जो भी हो भईया ने जो किया आपके लिए किया ।आपको तो इनको इनाम देना चाहिए ।रागिनी ने हंसते हुए कहा।

बोलो राजेश तुमको क्या इनाम चाहिए ।ऐसा करो तुम इनाम के रूप में मुझे ही अपने पास रख लो।दामिनी ने हंसते हुए कहा।

उसकी बात सुनकर सब चुप हो गए ।राजेश ने कहा _ मैडम ये कैसा मजाक है ।मैं आपकी बहुत इज्जत करता हूं।पूरी ईमानदारी से आपका साथ निभाता हूं ऐसा मत बोलिए ।

मैने क्या गलत कह दिया ।मुझे तुम बहुत पसंद हो ।तुम मुझसे शादी कर लो ।मैं अपने पापा से बात कर लूंगी ।

बेटी ऐसा मजाक मत करो ।कहा तुम एसपी हो और मेरा बेटा एक ड्राइवर है ।दोनो का कहीं कोई बराबरी नहीं है।आपको एक से बढ़कर एक लड़के मिल जाएंगे।तुम्हारे पापा केंद्रीय गृह मंत्री और नाना डीजीपी है ।बोलो तुम्हारे सामने हमारी कोई औकात है।

राजेश की मां ने गंभीर हो कर कहा ।

आंटी मै सच कह रही हूं।राजेश मुझे शुरू से बहुत पसंद है ।इसके जैसा शरीफ और ईमानदार लड़का मिलना मुश्किल है।मैं पहली बार रात भर इसके साथ इसकी कार में अकेले घूमती रही लेकिन एक बार भी इसने मेरे साथ कोई गलत हरकत नहीं किया ।न कोई अपशब्द कहा।बल्कि हर कदम पर मेरा साथ देता रहा।जबकि ये मुझे पहचानता भी नहीं था कि मैं कौन हूं।

बस तभी से मैने इसको अपना मान लिया और इसे अपने विभाग में प्राइवेट ही सही जगह दे दिया।लेकिन जल्दी ही इसे सरकारी नौकरी दिला दूंगी ।

दामिनी ने गंभीर होकर कहा।

राजेश हैरानी से उसका चेहरा देखता रह गया ।उसके मुंह से कोई शब्द नहीं निकला ।

मंजू देवी ने कहा_ बेटी मै बताना ही भूल गई कल इसको लड़की वाले देखने आ रहे हैं।अगर सब कुछ ठीक रहा तो इसी लगन में इसकी शादी करनी है।ऐसा मत बोलो ।कल शाम को तुम भी आना ।तुम आओगी तो लड़की वाले के सामने हमारा सम्मान और बढ़ जायेगा।उनका आज ही फोन आया था।

आंटी आप रिश्ता टाल दो क्योंकि इसको मैने अपना मान लिया है ।राजेश अब किसी और लड़की का नहीं हो सकता है।यही है जो मेरे हर सुख दुख और लड़ाई में साथ देता आया है और आगे भी देगा ।

दामिनी ने कहा।बेटी पागल मत बनो लोग सुनेंगे तो क्या कहेंगे कि एसपी दामिनी को अपने ड्राइवर से प्यार हो गया है।

मंजू देवी ने समझाते हुए कहा ।

लोगों को जो कहना है वो कहने दे आंटी मैने जो फैसला कर लिया है तो कर लिया अब वो टल नहीं सकता।बाकी आप लोगो को जो निर्णय लेना है ले सकते है ।मेरा कोई दबाव नहीं है आप लोगो पर ।कोई जल्दी बाजी नहीं है।बाद में सोचकर बता देना ।

अब मैं चलती हूं ।

इतना कहकर दामिनी सबको हैरान परेशान छोड़कर चली गई ।

उसका काफिला वहां से निकल गया ।मोहल्ले वाले दामिनी को बड़े गर्व से देख रहे थे।

रास्ते में उसने अपने नाना डीजीपी को फोन किया और पूछा नानू क्या पुलिस विभाग में दरोगा और सिपाहियों की बहाली नहीं होने वाली है ।मुझे राजेश को दारोगा और कुछ बेरोजगार नौजवानों को पुलिस में बहाल करना है।

बहाली तो होनी है क्योंकि जवानों की बहुत कमी है मेरे विभाग में लेकिन बहाली की फ़ाइल मुख्य मंत्री के पास फंसी हुई है ।खैर मैं कोशिश करता हूं मुख्य सचिव से बात कर के बहाली जल्दी हो ।उसके नाना ने कहा ।

ठीक है नानू कोशिश करना जल्दी हो मुझे बहुत जरूरत है ।

तुम इतनी जल्दीबाजी क्यों कर रही हो ।उसके नाना ने पूछा ।

वो सब मै आपके पास आकर नानी को बताऊंगी नानू ।दामिनी ने कहा।

अच्छा एक बात सुनो आज तुमने जो पप्पू सिंह और विधायक चरणदास को   जेल भेजा है उससे राजधानी में बड़ा हंगामा मचा हुआ है। सीएम साहब बहुत नाराज है तुमसे और आज रात आठ बजे मुझे ,गृह सचिव,गृह मंत्री और मुख्य सचिव को अपने आवास पर बुलाया है मीटिंग के लिए ।

जो भी होगा मैं तुम्हे बताऊंगा।अगर तुम्हारा ट्रांसफर हुआ तो तुम सीधे कोर्ट चली जाना।सारे आईपीएस अफसर तुम्हारा साथ देंगे ।उसके नाना ने गंभीर होकर कहा ।

ठीक है नाना।दामिनी ने कहा और प्रणाम कर फोन काट दिया।फिर उसने अपने पापा को फोन लगाया।

फोन उठाते ही उनको प्रणाम कर कहा _ पापा आप मेरी शादी के लिए हमेशा चिंतित रहते थे।मैने आपकी चिंता दूर कर दिया है और एक लड़का पसंद कर लिया है।

अरे वाह यह तो बड़ी खुशी की बात है बेटी लेकिन वो लड़का कौन है कहा से है और क्या करता है बताओ जल्दी ।में भी उसे देखना चाहता है और तुम्हारी मां भी।

उसके पापा ने खुश होते हुए पूछा ।

अभी नहीं पापा बाद में सब बता दूंगी ।अभी सिर्फ मैने पसंद किया है।लड़के की तरफ से भी हा आते ही आपको सब बता दूंगी ।

कोठी पहुंचकर उसने अपने रसोइया को चाय बनाकर उसके कमरे में भेजने को कहा।अपने कमरे में पहुंचकर उसने अपने निजी सचिव नितिन को फोन किया और कहा रात आठ बजे सभी ऑफिसर को ऑफिस में मीटिंग के लिए आने को बोल दो।जितनी भी पेंडिंग फाइले हैं सबको लेकर मेरी कोठी पर आओ ।डीएसपी राघव को भी बोल दो जैसे ही वो जेल से आए तैयार होकर आ जाए।

थोड़ी देर में नितिन सारी फाइल लेकर दामिनी के ऑफिस में रख दिया और उसके कमरे से गया वो उस समय चाय पी रही थी ।

तुम आ गए नितिन आओ  एक लेटर तैयार करो।नितिन तुरंत अपनी नोट बुक और कलम लेकर एक कुर्सी पर बैठ गया।

दामिनी ने कहा सभी थाना प्रभारी,डीएसपी और इंस्पेक्टर को लिखो कि सभी दो महीने का सामाजिक कार्यों जैसे मेडिकल कैंप,,ऊनी वस्त्र वितरण,दवा वितरण और पोषाहार वितरण की योजना बजट सहित बनाकर दो दिनों के भीतर भेजे।

दो महीने तक पूरे जिले में पुलिस का सामाजिक कार्य कार्यक्रम चलाना है ताकि आम जनता का पुलिस  पर और भरोसा बढ़े ।

दूसरा पत्र डीजीपी को लिखो डीएसपी राघव और महिला दरोगा प्रभा सिंह के प्रमोशन के संबंध में ।

तीसरा पत्र डीजीपी को ही लिखो जिला में सबसे व्यस्त थाना में महिला दरोगा  नियुक्त करने और महिला थाना की स्थापना करने के संबंध  में।

एक और पत्र तैयार करो जिला की पुलिस को आधुनिक हथियारों से सज्जित करने हेतु सामग्रियां और सहायता राशि निर्गत करने के संबंध में ।सारे पत्रों की एक एक प्रतिलिपि केंद्रीय गृह मंत्री भारत सरकार को भी भेजना है।

पुलिस सामाजिक और कल्याणकारी योजना हेतु भी फंड देने के लिए डीजीपी को पत्र लिखो।सबको तुरंत टाइप कर मेरे पास लाओ।

नितिन ने  खुद होकर कहा _ वाह मैडम यह तो बहुत ही अच्छा काम आप करने जा रही हैं।

ठीक आठ बजे मीटिंग शुरू हुई एसपी ऑफिस में ।सब लोग चाय और बिस्कुट खाते हुए दामिनी का इंतजार कर रहे थे।

जैसे ही दामिनी पहुंची सबने खड़े होकर जोरदार सैल्यूट से स्वागत किया।

दामिनी ने सबको बैठने के लिए कहा और बोली _ आज की घटना के बारे में आप सबको पता ही होगा ।हालांकि मेरा सारा पुलिस महकमा इससे बहुत खुश है क्योंकि वे लोग भी इनसे प्रताड़ित थे।लेकिन मुख्य मंत्री जी खुश नहीं है ।हो सकता है मेरा आज ट्रांसफर भी हो जाए ।

राघव ने खड़ा होकर कहा _ अगर सीएम साहब ऐसा करते हैं तो यह नियम के विरुद्ध होगा हम सभी आईपीएस अफसर एसोसियन के अधिकारी इसका विरोध करते हुए कोर्ट का दरबाज खटखटाएंगे।

दामिनी ने उसे बैठने का इशारा करते हुए कहा,_ लेकिन मैं इसका विरोध नहीं करूंगी मुझे नौकरी करनी है कही भी करूंगी और जहां भीं करूंगी निडरता और ईमानदारी के साथ करूंगी ।

उसने नितिन से कहा _ तुम बाकी योजनाओं के बारे में सबको बताओ।

नितिन ने सारे पत्रों को पढ़कर सुना दिया ।सुनकर सब लोग खुद होकर तालियां बजाने लगे।

मैं रहूं या न रहूं ये सारा काम चलते रहना चाहिए।मैने डीएसपी राघव को सहायक पुलिस अधीक्षक ( एएसपी)के रूप में प्रमोशन हेतु अनुशंसा किया है और प्रभा को इंस्पेक्टर के रूप में।अगर मैं रह गई तो बाकी ऑफिसर को उनकी उपलब्धियों  और वरीयता के आधार पर प्रमोशन हेतु अनुशंसा करूंगी।

वहां का माहौल बड़ा गमगीन हो गया था।

प्रभा ने कहा_ मैडम अगर आपका ट्रांसफर हुआ तो आपको विरोध करना चाहिए आपकी बहुत जरूरत है यहां।

एक इंस्पेक्टर ने कहा _ मैडम हो सकता है आपके ट्रांसफर की खबर सुनकर यहां कि जनता विरोध पर न उतर जाए।

दामिनी ने कहा_ उनको ऐसा नहीं करना चाहिए ।आप लोगो को विधि व्यवस्था बिगड़ने नहीं देना है।

तभी उसके नाना का फोन आया और बोले कि तुम्हारा ट्रांसफर बंगाल की सीमा पर हो गया है जहां आतंकी घुसपैठियों और खूंखार अपराधियों का बोलबाला है ।तुम कल कोर्ट में जाओ।

दामिनी ने कहा ठीक है नाना ।

तुम कमसे कम एक सप्ताह रुक सकती हो जबतक कोई नया एसपी तुम्हारा चार्ज लेने नहीं जाता।

दामिनी ने सबको डीजीपी से फोन पर हुई बात बता दिया।सुनकर सब सन्न रह गए ।उन्हें आशंका तो थी लेकिन इतनी जल्दी ट्रांसफर वे सोच भी नहीं सकते थे।

दामिनी ने कहा_ मेरा आपलोगो के साथ काम करने का बस यही तक नसीब में था।कोई बात नहीं आप लोग अपनी ड्यूटी निभाते रहना ।

अब मीटिंग खत्म करते है।इतना बोलकर वो अपनी ऑफिस से बाहर निकल गई ।

सबलॉग उदास नजरों से उसे जाते हुए देखते रह गए ।

अपनी कोठी पर पहुंचकर उसने राजेश को फोन कर अपने ट्रांसफर के बारे में बताया और कहा _ अगर तुमने हा कह दिया तो मैं इस ट्रांसफर के खिलाफ कोर्ट जा सकती हूं और रुकवा सकती हूं।लेकिन ना बोला तो मैं कोर्ट नहीं जाऊंगी ।जैसे ही कोई नया एसपी आएगा मै अपना चार्ज देकर चली जाऊंगी।

सुनकर राजेश को विश्वाश ही नहीं हुआ ।उसकी बोलती बंद हो गई।

उसने कहा_ मैडम आपको पता है मेरे पांव में मोच है मैं गाड़ी नहीं चला सकता।आप तुरंत अपनी गाड़ी भेजे मै आपके पास आना चाहता हूं ।

दामिनी ने कहा ठीक आना चाहते हो तो आओ मैं गाड़ी भेज रही हूं।तब तक मैं अपना बोरिया बिस्तर समेटती हूं।

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*”दामिनी का दम”* (भाग-32) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

लेखक_ श्याम कुंवर भारती

बोकारो झारखंड

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