भविष्य दर्शन (भाग-32) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

गुंडे आनंद और पदमिनी का पीछा करते जा रहे थे।पुलिस भी दोनो को बचाने की पूरी कोशिश कर रही थी।

तभी पद्मिनी के फोन पर मंत्री का फोन आया।

मंत्री जी ने पूछा अभी कहा और कैसी लगी।

पदमिनी ने अपनी स्थिति बताते हुए कहा _ गुंडे हमारा लगातार पीछा कर रहे हैं।पुलिस हमे बचाने की पूरी कोशिश कर रही है।

ठीक है तुम दोनो अपना ख्याल रखना मैं फिर एसपी से बात करता हूं।

मंत्री जी ने फोन काटकर तुरंत एसपी को लगाया और कहा _ आनंद और पदमिनी मेरे बच्चे जैसे है ।वे दोनो सरकार और जिला प्रशासन के भी मददगार है।उनका बाल भी बांका नहीं होना चाहिए।

एसपी ने कहा _ सर मैने पुलिस की तीन गाडियां भेजा है उनको बचाने के लिए जल्दी ही सारे गुंडे मारे जायेंगे।

गुंडों को जिंदा या मुर्दा पकड़ो हर हाल में उन दोनो को बचाते हुए ।

ये गुंडे कोई साधारण अपराधी नहीं है ।ये इंटरनेशनल क्रिमिनल है ।इनका इरादा हमारे  राज्य और देश में अशांति फैलाना है ।ये लोग आतंकवादियों और नक्सलवादीयों के अलावा बड़े बड़े माफियाओं और देश के गद्दारों से मिले हुए है ।

जैसा कि पदमिनी ने बताया था ये लोग मुझे और प्रधान मंत्री पर जानलेवा हमला करने वाले है।चूंकि आनंद और  पदमिनी उनकी सारी योजनाओं पर पानी फेर देते  है ।आनंद हमेशा उसकी मदद करता रहता है इसलिए उन दोनो को वे लोग जान से मारना चाहते हैं।

अगर आनंद पार्क में नही भी जाता तो वे लोग उसके घर पर जाकर हमला करने वाले थे।

इसलिए अपनी भी जान जोखिम में डालकर पदमिनी उसे पार्क में ले गई ताकि उन दोनो के परिवार पर कोई खतरा नही हो।

मंत्री जी ने एसपी को सारी बात बताते हुए कहा।

सर ये तो बहुत गंभीर मामला है।मैं अभी रिपोर्ट लेता हूं सबकी।

आप पहले उन दोनो को बचाइए बाकी मेरी मुख्य मंत्री जी और केंद्रीय गृह मंत्री जी से बात हो गई है।हमारे देश की खुफिया इस मामले की तह तक जाने में लग गई हैं और हम दोनो की सुरक्षा बढ़ा दी है ।

आज उन बदमाशो को छोड़ना नही है मंत्री जी ने कहा।

उधर आनंद अपनी बाइक को आड़े तिरछे , दाएं बाएं कर के भागता जा रहा था।ताकि उन पर कोई गोली न लग जाए।

चुकी पुलिस बीच आ गई थी इसलिए गुडो की फायरिंग से बचते जा रहे थे।तभी गुंडों ने पुलिस की एक जिप के टायर के गोली मारकर पंचर कर दिया ।जिप लहराते हुए सड़क के किनारे एक गड्ढे में जाकर फंस गई ।

गुंडों की जिप में बैठा उनका सरदार लगातार किसी से फोन पर बात करता जा रहा था।

उसने बताया बॉस पता नही कहा से पुलिस आ गई है उन दोनो को बचाने के लिए ।एक जिप तो फंस गई है बाकी दो जिप अभी भी उनके पीछे है

हमे उन दोनो को भी निशाना  बनाना पड़ रहा है और पुलिस से भी लड़ना पड़ रहा है।

तुम लोग चिंता मत करो ।वे दोनो पुलिस से भी बहुत खतरनाक है । वे दोनो किसी कीमत पर नहीं बचने चाहिए ।मैं और आदमी भेज रहा हूं ।तुम लोग पीछा करते रहो ।

आनंद अपनी बाइक को भगाता जा रहा था।पुलिस और गुंडे उसके पीछे लगे हुए थे।

पीछे बैठी हुई पद्मिनी ने पुलिस की गाड़ी को उसके पीछे आगे आते देखा उससे कुछ दूर पर दूसरी गाड़ी थी ।इसके पीछे गुंडों लो गाड़ी तूफानी गति से भागी आ रहा रही थी ।अजीब दृश्य था ।पुलिस के पीछे गुंडे पड़े हुए थे।पुलिस ने कई फायरिंग किए लेकिन वे लोग बाल बाल बचते जा रहे थे।

पदमिनी ने आनंद से बाइक की रफ्तार धीमी करने को कहा ।

आनंद ने कहा _ जान आफत में पड़ी है और तुम धीमे करने बोल रही हो।

करो तो सही फिर देखो मैं क्या करती हूं।

आनंद ने अपने बाइक की रफ्तार कम कर दिया ।तब तक पुलिस की दोनों गाडियां करीब आ गई ।पदमिनी ने पुलिस की गाड़ी को पास आते ही बोली आप लोग तुरंत पेड़ो की आड़ में पोजीसन ले लीजिए ।

पुलिस ने तुरंत वैसा ही किया  और कई फायरिंग गुंडों की गाड़ी की तरफ कर दिया.

गोलियां उनकी गाड़ी से टकराई लेकिन इनकी गाड़ी का कुछ नही हुआ ।तभी पदमिनी ने आनंद से बाइक की गति को तेज करने को कहा ।

उसने गति बढ़ा दिया ।पुलिस पेड़ो के पीछे छिपकर गुंडों के आने का इंतजार  करने लगी ।

आनंद को आगे बाइक से भागते देख गुंडों ने भी अपनी गाड़ी की स्पीड बढ़ा दिया।तभी पदमिनी बाइक पर तेजी से पीछे मुड़ कर बैठ गई उसका मुंह अब गुंडों की गाड़ी के सामने हो गया ।उसने अपना दाहिना हाथ आगे सीधा कर दिया और अपनी एक अंगुली को सामने सीधा कर ऊपर उठा दिया ।उसकी अंगुली ऊपर उठते ही गुंडों की जिप हवा में उठती चली गई।पद्मिनी ने अपनी अंगुली नीचे की तरफ झुका था ।ठीक तभी गुंडों की गाड़ी ऊपर से तेज गति से सड़क पर धड़ाम से गिरी ।गुंडों की चीख निकल गई ।

इस तरह पद्मिनी ने कई बार किया ।है बार ऊंचाई बढ़ाती गई।इस बार गाड़ी काफी ऊपर उठ कर बहुत जोर से गिरी।गाड़ी के पुर्जे पुर्जे बिखर गए। गुंडों की हड्डियां पसलिया कड़ कड़ कर टूट गई ।

पीछे पीछा करती हुई पुलिस हैरत से यह सब देखती रह गई ।उसने उस जिप के पास अपनी जिप रोक दिया और फुर्ती से उतर कर उन गुंडों को चारो तरफ से घेर लिया।

उनमें तीन गुंडे मर चुके थे।दो गुंडों को गिरफ्तार कर लिया।

आनंद ने भी आश्चर्य से यह सब देखकर अपनी बाइक रोक दिया ।

पुलिस ने आनंद से कहा आप पद्मिनी मैडम के साथ आगे आगे पीछे मुड़कर चले।पीछे पीछे हमलोग आप दोनो को आपके गांव में घर तक छोड़ कर आते है।

आनंद ने वैसा ही किया ।

रास्ते में उसने पद्मिनी से पूछा _ तुमने यह सब कैसे किया ।

पदमिनी ने कहा _ यह हठयोग का कमाल था।हठयोग से किसी भी भारी चीज को हवा में कितनी भी ऊंचाई तक उठाया या गिराया जा सकता है।

हठ योग बहुत ही कठिन साधना है।इसे भगवान शंकर ने हनुमान जी को भी सिखाया था।

इस साधना से कठिन से कठिन कार्य को सफल किया उसका है।

सुनकर आनंद ने तारीफ करते हुए कहा_ तुम्हारा यह हठयोग आज मैने पहली बार देखा है।

लौटते समय वे लोग जिस जंगल के रास्ते से भागते हुए सड़क मार्ग से भागे थे वही रास्ता पुनः आ रहा था।

जंगल में घुसते ही गोलियों की बौछार उन दोनो और पुलिस की गाड़ियों पर होने लगी ।

आनंद के कंधे और पद्मिनी के एक बांह में गोली लगी दोनो दर्द से कराह उठे।उसकी बाइक लडखड़ाई और सड़क पर कुछ दूर जाकर गिर पड़ी ।

दोनो अत्यधिक खून बहने की वजह से बेहोश होने लगे।

अचानक पुलिस की चार गाडियां और आ गई और जंगल में छिपे गुंडों से काफी देर तक गोली बारी होती रही । अंततः सारे बदमाश मारे गए।

आनंद और पदमिनी को जब होश आया दोनो अस्पताल के बेड पर पड़े हुए थे।

लेखक_ श्याम कुंवर भारती

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लेखक _  श्याम कुंवर भारती

बोकारो, झारखंड

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