भविष्य दर्शन (भाग-20) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

अगले दिन पदमिनी के पिता बीस हजार रुपए लेकर मुखिया के घर पर गए ।वहा गांव वालो की काफी भीड़ लगी हुई थी ।सभी लोग आवास योजना के तहत अपना घर बनवाने के लिए आवेदन भर के दे रहे थे।लेकिन मुखिया के आदमी बोल रहे थे आवेदन केवल उन्हीं लोगो का पास होगा जो लोग कमीसन के रुपए पहले जमा करेंगे।कुछ लोग अपनी गरीबी का रोना रो कर देने में असमर्थता जता रहे थे।कुछ लोग मुखिया और उसके आदमी से बहस बाजी कर रहे थे।

यह तो सरकार बेईमानी है।हालोगो ने आपको भोट देकर जिताया था ताकि आप हमलोगो की मदद करेंगे ।लेकिन आप तो उल्टा हम गरीब लोगो को लूट रहे है।

मुखिया के आदमी विरोध करने वालो को जोर जबरदस्ती से वाह से भगा रहे थे।मुखिया ने कहा _ यह पैसा केवल मैं ही नही ले रहा हूं।यह पैसा विधायक जी और ऊपर के ऑफिसरों तक जाता है।इसलिए जो पहले देगा घर उसी का बनेगा।

पदमिनी के पिता के जेब में मोबाइल ऑन कर रखा हुआ था ।केमरे की जगह छोटा सा छेद था जो सब कुछ रिकार्ड हो रहा था।

उसने मुखिया जी को प्रणाम किया और कहा _ मुखिया जी मैने बड़ी मुश्किल से कर्जा लेकर कमीसन के पैसे का इंतजाम किया है । मेरा घर जरूर पास करवा देंगे।

उसकी बात सुनकर मुखिया और उसके आदमी बहुत खुश हुए। मुखिया ने अपने आदमी से कहा _ अक्षय लाल का फार्म जल्दी भरकर मुझसे साइन करवा कर मोहर मारकर वीडीओ साहब को देने वाली फाइल में रख दो ।फार्म भराते ही मुखिया ने अक्षय लाल से रुपए मांगे।अक्षय लाल ने अपनी जेब से बिस हजार रुपए निकालकर मुखिया जी को दे दिया।

रुपए पाकर मुखिया ने  खुश होकर कहा _ तुम्हारा काम हो जायेगा ।अब तुम निश्चिन्त होकर अपने घर जाओ।

मुखिया ने रुपए अपनी टेबल को दराज में रख दिया।

उसी समय निगरानी विभाग को लेकर विधायक जी पहुंच गए।निगरानी विभाग के ऑफिसर ने कहा आप पर आरोप है आप सरकारी आवास योजना और अन्य योजना पास करवाने के नाम पर गरीब गांव वालो से कमीसन के नाम पर रूपये लेते है।

सब झूठ बात है।मैं किसी से कोई रुपए नही लेता है।।मुझे बदनाम करने के लिए मेरे विरोधियों की कोई चाल लगती है मुखिया ने जवाब दिया ।लेकिन अंदर ही अंदर वो घबड़ा गया था। ऑफिसर ने कहा _ हम सब आपके टेबल के दराज की जांच करेंगे।

यह सुनकर मुखिया का पसीना छूटने लगा।

उस ऑफिसर ने बिना देर किए टेबल के दराज को खींच लिया।उसमे पांच सौ और सौ रुपयों की कई सारी गड्डियां रखी हुई थी।

इतने सारे रुपए आपके पास कहा से आए ।किसने किस काम के लिए दिए हैं।सबका हिसाब दीजिए मुखिया के मुंह से कोई बोल नही छूटा।तभी उस ऑफिसर ने उसका हाथ पानी में डाल दिया।उसका हाथ लाल हो गया।

वहा मौयुद सभी लोग आश्चर्य से यह सब देखने लगे।उस ऑफिसर ने एक गड्डी पर भी पानी छींट दिया वह भी लाल हो गया।

उस ऑफिसर ने कहा _ आपको काम कराने के बदले में पैसे लेने के कारण भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया जा रहा है।

इतने में वहा पुलिस की गाड़ी आ गई।कई पुलिस ऑफिसर भी उतरे।एक ने ।मुखिया के हाथ में हथकड़ी पहना दिया है खिंचता हुआ गाड़ी में ले जाकर बैठा दिया।

मुखिया इस अपमान को बर्दास्त नहीं कर सका और बेहोश होकर गिर पड़ा।

विधायक जी ने तुरंत अस्पताल फोन कर मेडिकल टीम को बुला लिया।

डॉक्टर ने उसकी जांच कर उसे होश में लाया।

मैंने आपको कई बार समझाया था ऐसा मत कीजिए।लेकिन आप माने नही ।उल्टा मेरे नाम पर भी सबसे पैसे ले रहे थे।इससे मेरा भी नाम खराब हो रहा था।जबकि मैंने कभी आपसे किसी काम के लिए एक रुपया नही लिया है।

विधायक ने सबसे कहा _ आप सबको पता है मैं पूरी ईमानदारी और सच्चाई से अपना काम करता हूं।लेकिन मुखिया जी ने अपनी हरकत से पूरे पंचायत में खुद तो बदनाम हुए साथ में मेरा भी नाम बेचे।

मुखिया रोते हुए विधायक जी के पैर पर गिर पड़ा और बोला _ मुझे माफ कर दीजिए।

अब से आप सबको कोई शिकायत का मौका नही दूंगा।मैं पूरी ईमानदारी और कर्मठता से अपना काम करूंगा।

विधायक ने उसके दोनों कंधो को पकड़कर उपर उठाया और डांटते हुए कहा_ तुमने अपनी गलती र्लिया है इसलिए मैं निगरानी विभाग से अनुरोध करता हूं कि तुमको सुधारने का एक  मौका और दे।

निगरानी विभाग ने उसे चेतावनी देकर छोड़ते हुए कहा _ निगरानी विभाग की पकड़ ने आने के बाद कोई छूटता नही है।लेकिन आपको विधायक जी के अनुरोध पर उनकी जिम्मेवारी पर छोड़ा जा रहा है।

विधायक ने मुखिया से कहा _ जितनी जल्दी हो सके सबका आवेदन भर कर ब्लॉक ऑफिस में जमा करवा दे मै जल्दी उन्हे स्वीकृत करवाने की कोशिश करूंगा।

सबलोग विधायक जी की जय जय कार करने लगे।

कॉलेज में  पदमिनी और आनंद ने परीक्षा का फार्म भर दिया।

फुरसत में पद्मिनी ने आनंद को रात में दिखे अस्पयाल के भयानक दृश्य के बारे में बताया।सुनकर उसके रोंगटे खड़े हो गए।

यह तो बहुत बड़ी अमानवीय कुकृत्य है ।हमलोग योजना बनाकर सभी दोषियों को पकड़वाएंगे और सैकड़ों लोगों की जान बचाने का काम करेंगे।

आनंद ने आगे कहा_ हम लोग अपनी परीक्षा की तैयारी करते हुए अस्पताल में एक दिन योजना के अनुसार जाकर जल्दी ही सबको कानून के हवाले करेंगे।कल मैं योजना बनाकर और सारी तैयारी करके बताता हूं।

फिर उसने पद्मिनी को अपनी बाइक पर बैठाकर निकल गया।

रास्ते में पदमिनी ने कहा _ बहुत जोरो की गर्मी पड़ रही है ।आइस क्रीम नही खिलाओगे आनंद।

क्यों नही।तुम जान मांगो तो वह भी दे दूंगा मेरी जान ।चलो तुम्हे तुम्हारी पसंद की आइस क्रीम खिलाता हूं और उसने अपनी बाइक का मुंह बाजार की तरफ मोड़ दिया।

आजकल बहुत बोलने लगे हो तुम ।पदमिनी ने मुस्कुराते हुए कहा।

क्या करे तुम तो कुछ बोलती नही  तो मुझे ही बोलना पड़ता है।आनंद ने मुस्कुराते हुए कहा।

अगला भाग

भविष्य दर्शन (भाग-21 – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

लेखक _  श्याम कुंवर भारती

बोकारो, झारखंड

Leave a Comment

error: Content is Copyright protected !!