भविष्य दर्शन (भाग-16) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

कॉलेज में पदमिनी और आनंद का खूब स्वागत किया।पदमिनी की सहेलियां और आनंद के दोस्त उन दोनो को काफी दिनों बाद कॉलेज में लाकर बहुत खुश हुए।

वहा जाते ही आनंद को पता चला कॉलेज में आने वाली परीक्षा की तैयारियों की समीक्षा बैठक हो रही है।एक घंटे बाद ही क्लास शुरू हो पाएंगे।इसलिए सभी ने कहा_ पहले केंटीन में चलते हैं।चाय पीते हुए बातचीत करेंगे फिर लाइब्रेरी में थोड़ी पढ़ाई करेंगे।

केंटीन में आनंद ने सबको पद्मिनी में आए परिवर्तन और प्राप्त शक्तियों के बारे में और आश्रम में साधना से लेकर अब तक की सभी घटनाओं के बारे में बताया।सुनकर सभी हैरत और अविश्वास से पदमिनी को देख रहे थे।उन्हे यकीन ही नहीं हो रहा था की इतनी जल्दी पद्मिनी में इतनी सारी शक्तियां कैसे आ गई।

नरेंद्र ने

कहा _पदमिनी को ईश्वरीय वरदान है।जो भी हो ये हमारी दोस्त है इस बात का गर्व है हम सबको ।इसकी शक्तियों की वजह से लोगो का बहुत भला हो रहा है और आगे पता नही कितने लोगो का होगा ।

इसके बाद सबलोग पुस्तकालय में जाने लगे तभी पदमिनी की आंखे एक पल के लिए झपकी और उसने देखा_ उसके बगल के रेलवे स्टेशन पर करीब बारह लड़किया चुपचाप बैठी हुई और दो लोग उनके साथ खड़े।एक आदमी कह रहा है _ तुमलोगो के दिल्ली और बड़े शहरों में अच्छी तनख्वाह की न

नौकरी दिला देंगे

फिर पद्मिनी ने देखा कुछ लोग लड़कियों को खरीद रहे हैं।कुछ लड़कियों को नौकरानी के रूप में  देखा जिन्हे बुरी तरह मारा पीटा जा रहा है।

यह सब देखकर पद्मिनी बिलकुल  घबड़ा गई और चिंतित नजर आने लगी । उसको चिंता में डूबे देखकर आनंद ने पूछा क्या हुआ।

पदमिनी ने भविष्य दर्शन की बात बता दिया।।सुनकर सब बड़े दुखी हुए।

आनंद ने कहा _ लगता है तुमने जो देखा वह महिला तस्करी का मामला लगता है तस्कर भोली भाली और गरीब ग्रामीण लड़कियों को नौकरी दिलाने के नाम पर बहला फुसलाकर बड़े शहरों में ले जाते हैं।फिर उनको देह व्यापार के लिए बेच देते हैं।कुछ को नौकरानी के रूप में बड़े घरों में भेज देते हैं।जिनकी हर महीने की तनख्वाह वे लोग खुद ले लेते हैं और उनको बंधुआ मजदूर बनाकर रख  देते हैं जहा से वे कभी निकल नही पाती हैं।कुछ लोग प्रेम का झांसा देकर ले जाते हैं विदेशों में भेज देते हैं मोटी रकम लेकर।

ये लोग बड़े जालिम और धोखे बाज होते हैं।कोई कोई तो उनके अंगों को निकालकर ऊंचे दामों पर बेच देते हैं।इनका पूरा ग्रुप चलता है जिनकी पहुंच पुलिस और राजनेताओं तक होती है ।इसी तरह इनका धंधा चलता रहता है।

आनंद की बात सुनकर पद्मिनी ने कहा _ यह तो कानूनी अपराध है और सामाजिक बुराई है।

बिलकुल लेकिन हमलोगो को पुलिस को खबर कर देनी ताकि रेलवे स्टेशन पर वो अपनी चौकसी बढ़ाकर उन लड़कियों को बरबाद होने से बचाया जा सके ।तभी एक सहेली ने मन में सोचा कही यह झूठ तो बोल रही है।पद्मिनी ने उसके मन की बात को सुन लिया और कहा _  सखी मैं झूठ नहीं बोल रही हूं।मुझे जो भविष्य में होने वाली घटना दिखी वो बता दिया ।

उसकी सहेली चौंक गई और शर्मिंदा भी हुई ।क्योंकि उसे अंदाजा नहीं था की पद्मिनी उसके मन की है बात को भी सुन लेगी।

माफ करो सखी मुझे विश्वास नहीं हो रहा है इसलिए ऐसा सोच रही थी।

उसने माफी मांगते हुए कहा।

आनंद ने कहा_ अब हमे देर नही  करनी चाहिए तुरंत पुलिस को सूचित कर देना चाहिए।

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भविष्य दर्शन (भाग-17) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

लेखक _  श्याम कुंवर भारती

बोकारो, झारखंड

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