एक सप्ताह के बाद विधायक जी आनंद के घर पहुंचे अपने दल बल के साथ।उनको इस तरह अचानक आया हुआ देख कर आनंद को बड़ा आश्चर्य हुआ।
उसने उनको अपने घर में लकड़ी की कुर्सी पर बैठाया और चाय पानी के लिए पूछा।उसके माता पिता भी वही थे।विधायक जी ने उनका हाल चाल पूछा। फिर आनंद से कहा _ वो लड़की जो तुम्हारी दोस्त है जिसने मुझपर नक्सलियो द्वारा हमले की भविष्यवाणी की थी वो कौन है और कहा रहती है।उसकी भविष्यवाणी बिलकुल सत्य साबित हुई थी ।माफ करो मैंने उसे गंभीरता से नहीं लिया और देखो मुझ पर हमला भी हो गया।वो तो भगवान का लाख लाख शुक्र है की मैं बाल बाल बच गया।विधायक जी ने अफसोस जाहिर करते हुए कहा।
आनंद ने कहा _ उसका नाम पदमिनी है आपको तो पता ही है वो मेरी दोस्त है और मेरे ही कॉलेज में मेरे साथ पढ़ती है।उस दिन आप संयोग से नही बचे ।जब आप ने हमारी बात नही मानी तो हम सबने एसपी साहब से मिलकर सारी बात बताया और आपकी सुरक्षा का अनुरोध किया था।उसने पदमिनी भी थी।क्योंकि आप काफी लोकप्रिय नेता हैं।आप लगातार अपने क्षेत्र में जरूरत मंदो की सेवा में लगे रहते हैं।आपने क्षेत्र का काफी विकाश किया है।अगर आपको कुछ हो जाता तो हमलोग एक ईमानदार और कर्मठ नेता को खो देते ।इसलिए हमलोगो ने यह सब किया।
आनंद की बात सुनकर विधायक जी बहुत खुश हुए।उसने कहा _ मुझे उस लड़की से मिलकर माफी मांगना है और उसके लिए कुछ करना है।
ठीक है चलिए चलते है।आपसे मिलाकर फिर हन दोनो कॉलेज चले जायेंगे।क्योंकि अभी कॉलेज में पढ़ाई लिखाई में कोई कोताही बरती नही जा रही है।फिर उसने उन्हें पदमिनी की कोलेज के बारे में की गई भविष्यवाणी के बारे में बताया।
सुनकर विधायक फिर बड़े खुश हुए और कहा _ तब तो मेरी और भी उत्सुकता बढ़ती जा रही है इस लड़की से मिलने की जल्दी चलो।
इसके बाद विधायक जी को लेकर आनंद पदमिनी के गांव उसके घर पर पहुंचा।
इस तरह विधायक जी के अचानक गांव में आने से गांव में काफी कौतूहल होने लगा ।सवलोग पदमिनी के घर पर जमा होने लगे।
पदमिनी के माता पिता और पदमिनी को भी विधायक जी के आने से बड़ा आश्चर्य हुआ और खुशी भी ।
उसके पिता ने एक चारपाई लाकर उसपर एक चादर बिछाकर विधायक जी को बैठाया।उसकी मां ने कहा _ आप सब बैठिए मैं लकड़ी लेकर आती हूं और चाय बनाती हूं।फिर वो चली गई ।
आनंद ने पदमिनी के पिता से पदमिनी की भविष्यवाणी जो विधायक के बारे में की गई थी उसके बारे में बताकर कहा _ काका इसलिए विधायक जी आपकी बेटी से मिलने आए है।
आनंद की बात सुनकर पदमिनी के पिता को बड़ा आश्चर्य हुआ ।उनके मुंह से निकला क्या मेरी बेटी इतनी बड़ी बड़ी भविष्यवाणी करने लगी है।लेकिन ये तो पढ़ाई लिखाई में बहुत कमजोर है।फिर ये सब कैसे करने लगी ।मेरे घर के बारे में भी उसने भविष्यवाणी किया था ।इसलिए किसी तरह कर्जा आदि लेकर घर की मरम्मत करवाया।
जो भी है आप भाग्यशाली हैं अक्षय लाल जी जो आपको इतनी प्रतिभावान बेटी मिली है ।आप अपनी बेटी को बुलाइए मैं उससे मिलना चाहता हूं
उसके पिता ने पदमिनी को आवाज देकर बुलाया ।वो कॉलेज जाने के लिए तैयार हो रही थी ।
पास आकर उसने विधायक जी को हाथ जोड़कर प्रणाम किया।विधायक जी ने उसे आशीर्वाद दिया।मुझे माफ करना बेटी मैने तुनहारी भविष्यवाणी पर विश्वास नहीं किया और देखो मुझपर हमला हो गया ।फिर भी तुम सबने मेरी सुरक्षा हेतु एसपी साहब से मिलकर अनुरोध किया और मुझे बचाया। मै तुम सबका आभारी हूं।
आप क्षमा मांगकर हम सबको शर्मिंदा न करे अंकल मुझे जो दिखा वो बता दिया और जो अच्छा लगा वो किया।आप हमारे नेता है ।आप सबके लिए क्या कुछ नही करते रहते है। हमारा भी तो कोई फर्ज बनता है।
उसकी बात सुनकर विधायक जी भाव विभोर हो गए तभी उसकी मां नैना देवी सबके लिए चाय लेकर आई ।उसकी आंखे धुएं से लाल हो गई थी ।
चाय पीते हुए विधायक जी ने नैना देवी से पूछा _ आपकी आंखे लाल क्यों हो गई हैं।मां लकड़ी के के चूल्हे पर चाय बना रही थी इसलिए ।पदमिनी ने कहा ।
उसकी बात सुनकर विधायक को बड़ा आश्चर्य हुआ क्या अब आपके यहां लकड़ी से खाना बनता है।और आपका मकान अभी कच्चा है।फिर उन्होंने पूछा क्या आपके घर में नल का पानी और बिजली का कनेक्शन लगा है। राशन आदि मिलता है।
उसके पिता ने हाथ जोड़कर कहा _ ये सब कुछ नही है नेता जी ।में ठहरा मजदूर आदमी रोजी रोटी से फुरसत नहीं मिलती है। कहा _ कहा किसके पास दौड़ता ।इसलिए ये सब कुछ नही है।
उनकी बात सुनकर विधायक जी ने तुंरत प्रखंड विकास पदाधिकारी को फोन कर जल्दी आने को कहा।
फिर उसने पिए से कहा _ तुम आनंद के साथ मिलकर पदमिनी के घर के अलावा इस गांव के जितने भी वंचित लोग है जिनको उज्जवला,बिजली ,पानी ,आवास , बृद्धा पेंशन,राशन और अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिला है सबकी सूची बनाकर सबका सभी योजनाओं का फार्म भरवा दो।
तुम आज यही इसी गांव में रुको अभी थोड़ी देर में वीडीओ साहब आ रहे हैं उनसे मिलकर सारा फार्म भरवा दो । वीडीओ साहब सभी संबंधित विभाग को सबका आवेदन भेजकर काम करवा देंगे।एक महीने के भीतर सबको सारी योजनाओं का लाभ मिल जाना चाहिए।
सबसे पहले पदमिनी के घर का सारा काम हो जाना चाहिए।
फिर उन्होंने अक्षय लाल को पच्चीस हजार रूपए देते हुए कहा _ ये लीजिए इसे आप अपने मकान की मरम्मत का सारा कर्जा चुका दे।
अक्षय लाल ने लेने से इंकार किया लेकिन विधायक ने रुपए उनके हाथों में जबरजस्ती थमा दिया।
विधायक का यह व्यवहार देखकर गांव वाले बहुत खुश हुए सबलोग उनकी जय जयकार करने लगे ।
तभी पदमिनी ने कहा _ अंकल आप तो अगला चुनाव जीत नही रहे हैं फिर भी ये सब क्यों कर रहे हैं।
मैं साफ देख रही हूं आपका विरोधी फूल माला पहने गाजा बाजा के साथ विजय जुलूस निकाल रहा है।
उसकी बात सुनकर सबका मुंह खुला का खुला रह गया।चारो तरफ सन्नाटा छा गया।
थोड़ी देर बाद विधायक ने कहा _ बेटी मैं हार जीत के लिए जनता की सेवा नही कर रहा हूं।मैने सेवा का बीड़ा उठाया है इसलिए कर रहा हूं।
सब लोग आश्चर्य से पदमिनी को देख रहे थे।जो नेता उसके परिवार के लिए इतना कर रहा है उसके बारे में वो ऐसी बात कर रही है।कुछ लोग नाराज होने लगे ।
मेरी बात अभी खत्म नहीं हुई है।पदमिनी ने कहा _ मैं यह भी देख रही हूं की आप मंत्री पद की शपथ ले रहे हैं।
उसकी बात सुनकर बड़ा आश्चर्य हुआ।
कुछ लोग खुशी से चिल्लाने भी लगे।
लेकिन जब विधायक जी चुनाव जीत नही पाएंगे तो मंत्री कैसे बनेंगे।एक आदमी ने पूछ ही लिया।
वो सब मैं नही जानती हूं। जो दिखा वो बता दिया।
सब लोग फिर विधायक की जयकार करने लगे।पदमिनी के भविष्यवाणी की भी चर्चा होने लगी ।उन्हे उसपर विश्वाश नही हो रहा था।पहले तो ये ऐसी नही थी ।।
विधायक ने उसके पिता से _ अब आप कही मजदूरी नहीं करेंगे ।मैं आपको एक कंपनी में चपरासी की नौकरी लगवा देता हूं आपको पंद्रह हजार रुपए महीने की तनख्वाह मिलेगी।
अक्षय लाल ने खुशी से उनके सामने हाथ जोड़ दिया और कहा _ नेता जी आप सचमुच महान है।आपकी सदा ही जय जयकार हो।
अगला भाग
भविष्य दर्शन (भाग-8) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi
लेखक _ श्याम कुंवर भारती
बोकारो, झारखंड