*”दामिनी का दम”* (भाग-20) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

कॉलेज से निकलकर दामिनी ने थाना प्रभारी से कहा _ आप गिरफ्तार लडको को लेकर थाना चले और इनपर केस दर्ज करे  मैं  रागिनी को इसके घर छोड़कर आपके थाना का  निरीक्षण करने आ रही हूं।

उसने प्रभा से कहा_ प्रभा तुम भी इनके साथ थाना जाओ मैं तुरंत आती हूं।

दामिनी की बात सुनकर थाना प्रभारी के दिल को धड़कने बढ़ गई ।उसे लगा आज तो उसकी खैर नहीं । उसने फ़ोन पर ही अपने एक हवलदार से कहा _ तुम लोग जितनी जल्दी हो सके  थाना को चुस्त और दुरुस्त करो एसपी मैडम थाना जा निरीक्षण करने आ रही है।मैं भी कुछ मुजरिमों को लेकर आ रही हूं।प्रभा उसका हाल देखकर मुस्कुराने लगी।

राजेश के घर दामिनी ने उसकी मां से कहा ” आंटी मुझे आपके हाथ की चाय पीने की इक्षा हो रही है ।

बेटी इसमें पूछने की क्या बात है मैं बिना पूछे ही तुम्हे चाय नाश्ता देने वाली थी ।तुम रागिनी के कमरे में चलो मैं सब लेकर आती हूं ।

रागिनी के कमरे में जाकर उसने रागिनी से कहा _ अब तुम खूब मन लगाकर अपनी पढ़ाई पर ध्यान दो ।अब निर्भय होकर अपने कॉलेज जाओ।अब तुम्हे कोई बदमाश छेड़ ने की हिम्मत नही करेगा।

जी दीदी आपने तो कमाल ही कर दिया।आपने देखा न मेरे कॉलेज के सभी छात्र कितने खुश थे।रागिनी ने खुश होकर कहा।

अब तुम जाओ और राजेश को अंदर भेज दो ।दामिनी ने कहा।जी दीदी मैं भईया को अभी भेजती हूं।इतना बोलकर रागिनी कमरे से बाहर निकल गई।

थोड़ी देर में राजेश कमरे में हाजिर हुआ।आते ही उसने पूछा _ मैडम अब आपकी बांह का जख्म कैसा है।घाव अभी भरा भी नहीं था और आप फिर पुलिसिया एक्सन मे आ गई।

क्या मैंने गलत किया ।तुम्हारी बहन के साथ कॉलेज की कितनी लड़कियों को राहत हो गई।ये नही सोच रहे हो तुम ।

ये तो बहुत अच्छा हुआ लेकिन आपके पास इतने पुलिस ऑफिसर और पुलिस बल है किसी और को भी भेज सकती थी।आपको थोड़ा आराम करना  चाहिए मैडम।

राजेश ने चिंतित होकर कहा ।

उसकी बात सुनकर दामिनी ठहाका मारकर हंसने लगी और बोली _ बड़े बुद्धु हो तुम ।

मेरे आने से पहले भी यही पुलिस ऑफिसर और पुलिस बल था लेकिन क्या हो रहा था तुमको नही पता है क्या।

जब जिला का पुलिस कप्तान खुद मौका ए वारदात पर मुजरिमो से लोहा लेने जायेगा तभी तो बाकी पुलिस हरकत में आयेगी वरना सब सुस्ती दिखाएंगे और विधि व्यवस्था चरमरा जाएगी।

इसलिए मुखिया को अपनी परवाह न करते हुए आगे बढ़कर काम करना चाहिए।अब समझे बुद्धु कही का ।

आपकी बात बिल्कुल सही है मगर मुझे लगा आपको थोड़ा आराम करना चाहिए।आप ठीक रहेंगी तभी तो अपराधियों के खिलाफ कारवाई कर पाएंगी ।राजेश ने अपनी बात रखते हुए कहा।

क्या बात है तुम्हे तो मेरी बहुत चिंता हो रही है बाबू।दामिनी ने मुस्कुराते हुए कहा।

चिंता तो होंगी न  मैडम आप एक ईमानदार बहादुर और कर्मठ महिला आईपीएस अधिकारी हो।राजेश ने गंभीर होकर कहा।

देखो झूठ मत बोलो ।तुम इसलिए मेरी चिंता नहीं कर रहे हो कुछ बात है ।सच सच बताओ क्या बात है।क्यों तुम मेरी इतनी चिंता करते हो।

उस दिन भी तुमने अपनी जान की परवाह न करते हुए बहुत बड़ा जोखिम उठाया और मेरी मदद किया था।अपने से ज्यादा ताकतवर गुंडे से भी भीड़ गए थे जबकि अब तक तुमने एक चूहा भी नहीं मारा होगा।दामिनी ने हंसते हुए कहा।

और कोई बात नही है मैडम बस यही बात है जो मैंने बताया।राजेश ने कहा।

कुछ तो बात है जो तुम बताना नही चाहते हो ।दामिनी ने फिर मुस्कुराते हुए कहा।

अब मैं क्या बोलूं मैडम आप हमारी बॉस है जो सोचना है सोचे।राजेश ने भोलेपन से कहा।

उसकी इस बात पर दामिनी फिर ठहाका मारकर हंसने लगी।

राजेश अपनी नजरे झुकाए खड़ा रहा।

अच्छा छोड़ो चलो मत बताओ ।

ये बताओ जो मैंने तुम्हे काम सौंपा था वो हुआ।दामिनी ने गंभीर होकर पूछा ।

जी मैडम मैने बड़ी मुश्किल से सबको तैयार किया है आपके साथ मीटिंग करने के लिए।वे लोग गुंडों से बहुत डर रहे थे।

राजेश ने कहा।

कोई बात नही उनको मेरे रहते किसी गुंडे से डरने की जरूरत नही है।तुम गुप्त रुप से बस आधे घंटे की मीटिंग मारा दो।

फिर तुम जितने भी होटल , रेस्टोरेंट  और बार है सबके मालिक से मीटिंग कराना दामिनी ने कहा।

इन लोगो से क्यों मैडम राजेश ने आश्चर्य से पूछा।

क्योंकि अपराधियों का सुराग यहां से भी मिलता है।दामिनी ने कहा।

वाह मैडम आपके दिमाग की दाद देनी पड़ेगी।राजेश ने खुश होते हुए कहा।

तभी राजेश की मां चाय और  चना के पकौड़े बनाकर ले आई।

राजेश ने कहा लीजिए खाइए मैडम मां चना के पकौड़े बहुत टेस्टी बनाती है।

दामिनी ने कहा _ तुम भी खाओ।

राजेश ने एक पकौड़ा उठा  लिया।

तभी दामिनी के मोबाइल पर उसके पिता का फोन आया।रागिनी ने उठाया और प्रणाम किया।

उसके पापा ने नाराज होते हुए कहा_ तुम्हारी बांह में गोली लगी थी और तुमने बताया नही ।

पापा मैं बिलकुल ठीक हूं चिंता वाली बात नही है इसलिए आपको और नाना को नही बताया।

लेकिन आपको किसने बताया ।

दामिनी ने पूछा ।

और कौन बताएगा तुम्हारा पर्सनल ड्राइवर राजेश ने बताया।

उसके पापा ने कहा।

दामिनी ने गुस्से से राजेश की तरफ देखा ।

राजेश ने अपनी नजरे घुमा लिया।

ओह अच्छा ।दामिनी ने कहा

अपना ख्याल रखना बेटी अब मैं चलता हूं गृह मंत्रालय में मीटिंग है।

तभी उसके नाना डीजीपी का भी फोन आ गया।

उन्होंने भी उससे नाराजगी जाहिर किया।

सॉरी नानू अबसे से आपको सब बताती रहूंगी ।

नानू मैंने आपसे ढाई सौ अतिरिक्त पुलिस बल मांगा था कब भेज रहे हैं।

उसने बात बदलते हुए पूछा ।

तुम नहीं सुधरोगी।शुरू से जिद्दी हो।तुम खुद मत हर क्राइम प्वाइंट पर जाओ अपने दल को भी भेजा करो ।मुझे तुम्हारी बहुत चिंता रहती है।

उसके नाना डीजीपी ने कहा।

ठीक है नानू फिर से सॉरी। अब से आपकी बात का ख्याल रखूंगी ।दामिनी ने माफी मांगते हुए कहा।

और सुनो मुझे राज्य के सभी जिलों में अतिरिक्त पुलिस बल भेजना है।इसलिए तुम्हे केवल डेढ़ सौ ही पुलिस बल भेज पाऊंगा।उसके नाना डीजीपी ने कहा।

ठीक है नानू मैं इसी से काम चलाऊंगी।लेकिन जल्दी भेज दीजिए।

दामिनी ने कहा।मुझे गोली लगी थी किसने बताया आपको ।उसने राजेश की तरफ टेढ़ी नजर से देखते हुए पूछा ।

कैसा सवाल कर रही हो तुम।मैं इस राज्य का डीजीपी हूं और मुझे ही नही पता चलेगा।अपना ख्याल रखना और दशहरा में अपनी नानी से मिलने जल्दी आना ।

ठीक है नानू कहकर उसने फोन काट दिया।

उसने राजेश का कान पकड़कर ऐंठते हुए कहा _ अब तुम चुगलखोरी भी करने लगे।क्या जररूत थी पापा को सबकुछ बताने की।

तुमको मेरे पापा का नंबर कहा से मिला।

केंद्रीय गृह मंत्री का फोन नंबर तो आसानी से मिल सकता है।

राजेश ने कहा । आप जिस तरह से खतरा मोल लेते रहती है इसलिए आपके पापा को सब बताना पड़ा।अब मेरा कान छोड़िए मैडम बहुत दर्द हो रहा है।

दामिनी ने उसका कान छोड़ दिया ।

और कहा _ चाय नाश्ता जल्दी करो और चलो मेरे साथ आज उस थाना जा निरीक्षण करना है।उस थाने की बहुत शिकायते मिली है मुझे ।

अगर कोई गड़बड़ी मिली तो दारोगा की खैर नहीं ।तभी बाकी सभी  थानों में सुधार हो पायेगा।

जी ठीक है मैडम चलिए चलते है मैडम।

तभी दामिनी को अपनी बांह में काफी दर्द महसूस हुआ ।

वो उठकर फिर बैठ गई ।

राजेश ने लपकर उसकी बांह की पट्टी को देखा ।वहा से खून बह रहा था।

लगता है लडको के साथ मारपीट करने की वजह से ऐसा हुआ है राजेश ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा।

उसने अपनी बहन रागिनी को आवाज देकर कहा _ जल्दी से पानी गर्म कर डिटोल ,रुई , मलहम और पट्टी ले आओ।

रागिनी और उसकी मां थोड़े देर में सब समान लेकर आई।

राजेश ने उसकी पट्टी खोलकर डेटॉल और गर्म पानी से घाव को साफ किया

और उसपर मलहम लगाकर फिर से नई पट्टी बांधकर कहा _ मैडम अभी प्राथमिक उपचार कर दिया है।पहले चलिए अस्पताल आप इंजेक्शन ले लीजिए ताकि घाव जल्दी सुख जाए और दर्द भी कम हो जाए।

उसकी मां ने कहा_ बेटी राजेश ठीक कहा रहा है तुम जल्दी अस्पताल जाकर पहले डॉक्टर से चेक करवा लो।दामिनी राजेश को लेकर निकल गई ।पीछे पीछे उसकी सरकारी गाड़ी भी आ रही थी ।

अस्पताल से निकलकर उसने उस पुलिस थाना का निरीक्षण किया और बहुत सारी अनियमिताएं पाई।उसने थाना प्रभारी को पंद्रह दिनों के लिए सस्पेंड कर दिया और एक सप्ताह के अंदर स्पस्टीकरण देने का आदेश दिया।

दामिनी अपने ऑफिस में बैठी हुई फाइलों को चेक कर उनमें साइन कर रही थी ।तभी डीएसपी राघव वहा आया और उसको सैल्यूट कर कहा _ दुर्गा पूजा में कई इलाकों में चोरी,डकैती , छिनतई और पोकेटमारी बढ़ गई है।कई थानों से लगातार शिकायते आ रही है।

दामिनी ने कहा _ यह तो बहुत गंभीर घटनाएं हो रही है।इनको जल्दी ही रोकना होगा ।

फिर उसने अपने सहायक को बुलाया और कहा_सभी पुलिस थाना को मेरा आदेश भेजो की जितने भी चोर , बदमाश, पॉकेटमार ,लुटेरे और गुंडे उनके क्षेत्र में है और वे जमानत पर रिहा है ।विधि व्यवस्था को बनाए रखने के लिए उन सबको रोज थाने में हाजिरी लगवाए।

क्षेत्र में पुलिस गस्ती बढ़ा दे ।जो भी अपराधी रंगे हाथों पकड़े जाए उन्हे गिरफ्तार कर तुरंत जेल भेज दे।

अपने पुलिस मुखबिरों को सतर्क करे और घटना से पूर्व जानकारी प्राप्त कर उसपर कार्यवाई करे।

उनके क्षेत्र में जहा जहा संवेदनशील क्षेत्र हो वाह सीसीटीवी कैमरा लगवाए और उनकी निगरानी करे ।

मैं सभी पुलिस थाना को त्योहार के मद्दे में अतिरिक्त पुलिस बल भेज रही हूं।

सभी  थाना प्रभारी ,डीएसपी और  इंस्पेक्टर भी अपने दस्ते के साथ लगातार क्षेत्र का दौरा करते रहे।

एक केंद्रीय पुलिस दस्ता दल भी होगा जो पचास पुलिस के जवानों के साथ सभी थाना क्षेत्र में गस्ती करेगा ।

इस पत्र के साथ यह भी लिख दो की सभी वरीय पुलिस ऑफिसर नियमित रूप से प्रतिदिन शाम को जिला पुलिस नियंत्रण केंद्र को रिपोर्ट करे।

नितिन ने कहा ठीक है मैडम मैं लेटर अभी तैयार कर ले आता हूं।

राघव ने पूछा अब आपकी बांह का घाव कैसा है मैडम।

अब थोड़ा आराम है ।दामिनी ने जवाब दिया।

दामिनी ने दशहरा में विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरी ताकत झोंक दिया।छिटपुट घटनाओं के अलावा  बाकी जगह सब शांति रही लेकिन कुछ ऐसी घटनाएं घटी की सब दंग रह गए।

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*”दामिनी का दम”* (भाग-21) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

लेखक_ श्याम कुंवर भारती

बोकारो झारखंड

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