बहू तुम ये सब क्या कर रही हो – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ अरे अरे बीबी जी ये आप क्या कर रही हो….अभी अम्मा जी देख लेती आपको ऐसे तो समझो मेरी शामत ही आई थी…!” कमली राशि को झाड़ू पकड़ जाले साफ करते देख बोली

“ कुछ नहीं होगा तू बाकी काम निपटा ये मैं फटाफट कर दूँगी फिर तू झाड़ू पोंछा कर लेना।” कहते हुए राशि जाले की सफ़ाई करने लगी

उसकी सास सुनंदा जी उस वक्त पूजा रूम की सफ़ाई करवा कर पूजा करने में तल्लीन थी…..

राशि अपने पति निकुंज के साथ दूसरे शहर में रहती हैं साल में दो -तीन बार वो दस-दस दिन के लिए ससुराल आती जहाँ सास ससुर और एक कुंवारे देवर रहते हैं….वो जब भी आती घर की हालत देख वो परेशान हो खुद ही काम करने लग जाती.. कभी रसोई की पूरी सफ़ाई तो कभी हर कमरे की अलमारियों की सफ़ाई…इस बार जब आई अपने कमरे की दुर्दशा देख झाड़ू उठा ली थी जिसे देख कर कमली घबरा रही थी क्योंकि सुनंदा जी कमली से ही कहती वो दस दिन के लिए आती है और तुम उससे ही काम करवाने लगती हो…

 बेचारी कमली चाह कर भी नहीं कह पाती कि,“अम्मा जी आप सब के पूरे काम कर के और दूसरे घर को भी जाना होता कितना काम कैसे अकेले करूँ… ।”

कभी कभी वो सब करने की कोशिश करती पर सुनंदा जी से ना ज़्यादा काम होता ना वो उसके आगे पीछे घूम कर कह सके यहाँ काम सही से कर…

और फिर बाहरी तौर पर सब साफ़ दिखता पर असल में ऐसा होता नहीं ।

तभी निकुंज कमरे में आया और हंसते हुए राशि को देखकर बोला,“ वैसे झाड़ू लेकर जम ख़ूब रही हो… कभी ज़रूरत हे तो ये काम भी कर सकती हो।” कहकर उसकी फ़ोटो ले लेता है

“ रुको जरा बताती हूँ!” कहते हुए राशि झाड़ू लेकर निकुंज के पीछे बाहर निकली ही थी कि सामने से सुनंदा जी हाथ में आरती की थाल लिए आती दिखाई दी

राशि झट से झाड़ू पीछे कर ली…

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“बहू आरती ले लो।” सुनंदा जी ने कहा

राशि करे तो क्या करें हाथ में झाड़ू छिपा रखी थी तभी कमली जल्दी से आ झाड़ू ले ली और राशि हाथ धोकर आरती ले ली।

“ कमली तेरा काम में मन नहीं लगता है क्या.. जो बहू से झाड़ू करवा रही थी?” सुनंदा जी ने कहा

“ नहीं अम्मा जी… हम तो काम ही कर रहे थे वो तो बीबी जी…।” कमली कुछ कहती उसके पहले ही सुनंदा जी बोलने लगी

“ देखो कमली बहू दस दिन के लिए आती है.. हमारे साथ बोले बतियाये थोड़ा कुछ स्पेशल बना कर खिलाए पर तेरी कामचोरी की वजह से उसे ही काम करना पड़ता… जा जाकर काम कर।” सुनंदा जी डाँटते हुए बोली

 कमली अपना सा मुँह लेकर चल दी..

राशि को बहुत बुरा लगा आखिर वो भी तो इंसान है …ठीक है काम करने के बदले में उसे पैसे दिए जाते है इसका मतलब क्या…

“ मम्मी जी कुछ बात करनी है ।” राशि सुनंदा जी से बोली

“ हाँ हाँ बहू बोलो… चलो पहले मेरा नाश्ता लेती आओ फिर बात करते।” कह सुनंदा जी बाहर बरामदे में जाकर बैठ गई

राशि उन्हें नाश्ता देकर पास ही कुर्सी पर जा बैठी

“ हाँ बोलो बहू क्या कहना था?” सुनंदा जी ने कहा

“ मम्मी जी कमली यहाँ बहुत सालों से काम कर रही है..उसकी भी उम्र हो रही है पहले की तरह सब कुछ अच्छे से जल्दी जल्दी नहीं निपटा पाती…जब भी आती हूँ उसे काम ही करते देखती हूँ फिर दूसरे घर जल्दी जाने के चक्कर में काम भी जैसे तैसे कर के जाती है… मैं बस ये कह रही जितना कर सकें उसकी थोड़ी मदद कर दिया करें…

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या फिर कुछ काम कम करवा कर किसी एक दिन कमरे की पूरी सफ़ाई करवा ले….. महीनों हो जाते उसे कमरे में ठीक से झाड़ू किए.. बस सामने सामने कर के चल देती है ..इसलिए जब मैं आती हूँ उसके साथ लग कर महीन सफ़ाई करवा देती हूँ… वो तब भी डरती रहती है अम्मा जी नाराज़ होंगी…

पर मैं उसे समझा देती हूँ… मैं बस ये कह रही आप उसे हर छोटे-छोटे काम में व्यस्त रखेंगी तो वो सफ़ाई तो वैसी ही करेंगी…अभी तो आप सब कुछ इतने अच्छे से कर पाती हैं… थोड़ा करने से शरीर में स्फूर्ति भी रहेगी।” राशि ने अपने मन की बात कह दी

 उधर कमरे में झाड़ू करती कमली राशि की बात सुन सोच रही थी…,“ एक सास है जो मुझे देख जाने कितने काम याद करने लगती एक बहू है जिसे मेरी भी परवाह है।”

“ बात तो तुम ठीक कह रही हो बहू… ये सच है जब कमली आ जाती फिर मैं पानी तक खुद से ना लेती वो भी बेचारी कोई काम करती रहती उसे छोड़कर दौड़ कर मेरे लिए पानी लाएगी…सही बात है जब मुझमें ही उलझी रहेंगी काम कैसे ठीक से करेगी … चलो अब ध्यान दूँगी…खैर जब तक तुम हो तुम ही देख लो..और हाँ आज जरा कटहल के कोफ़्ते बना देना तुम्हारे हाथ के सबको स्वादिष्ट लगते हैं मेरे से वैसे बनते नहीं ।” सुनंदा जी ने राशि की बात सुन जवाब दिया

राशि अब मन ही मन खुश हो रही थी चलो इसी बहाने अम्मा जी थोड़ा बहुत काम तो किया करेंगी नहीं तो पता चला शरीर में जंग ही लग गया ।

दोस्तों आपने भी ऐसा कही देखा है … काम करने जो आती उनसे हमारे घर के कुछ लोग इतना अतिरिक्त काम करवाते हैं कि वो जिस काम के लिए रखा गया है वहीं नज़रअंदाज़ कर दिया जाता?

 

धन्यवाद

रश्मि प्रकाश

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