*”दामिनी का दम”* (भाग-4) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

थोड़ी देर में बैरा कई प्लेटो में भेज आइटम ले आया ।जिसमे रोटी चावल फ्राई,पनीर मसाला,मसरूम मसाला  और सलाद आदि दो लोगो के लिए प्राप्त थे।

बैरे ने खाना परोसते हुए कहा _ मैडम ये गर्म गर्म रोटियां है और जरूरत होगी तो मैं ला दूंगा ।

दामिनी ने कहा _ ठीक है मैं बता दूंगी ।तुम कोई अच्छी सी कोल्ड ड्रिंक ले आओ।खाना खाने के बाद दो बेस्ट क्वालिटी की आइसक्रीम ला देना ।

बैरा ने कहा ,_ ठीक है मैडम।

राजेश अपनी प्लेटे लेकर दूसरी टेबल पर जाने लगा।लेकिन दामिनी ने उसे रोकते हुए कहा _ अरे कहा जा रहे हो तुम यही मेरे साथ खाना खाओ।

नही मैडम आप मेरी सवारी है और मैं आपका ड्राइवर हूं आपके साथ खाना कैसे खा सकता हूं ।राजेश ने कहा।

मैं समझ गई ।अब ज्यादा डायलॉग मत मारो।चुपचाप यही बैठो और खाना खाओ ।मुझे कोई ऐतराज नहीं है।

राजेश चुपचाप वही बैठ गया और खाना खाने लगा ।दामिनी ने खाना खाते हुए कहा_ सच में राजेश तुम बड़े अच्छे होटल में ले आए हो ।सच में खाना बहुत स्वादिष्ट है ।खूब जम कर खाना ।लजाना शर्माना नही ।

जी नहीं मैडम मैं खाना खाने में शर्माता नही हूं।वैसे वो पहली बार इतने महंगे होटल में इतना टेस्टी खाना खा रहा था।

उन पांच लोगो की निगाहे अभी भी दामिनी की तरफ ही थी ।एक ने कहा _ यार ये लड़की मेरी नजर से उतर नही रही है ।जी कर अभी जाकर उसे उठा लूं ।

दूसरे ने कहा_ वो तो ठीक है लेकिन लगता है नशा तुम पर हावी होता जा रहा है बेटा।जरा अपने मन पर काबू रखो ।वर्ना कही लेने के देने न पड़ जाए।

तीसरे ने कहा_ कोई लेने के देने नही पड़ेंगे ।किसकी मजाल है जो हमको कुछ बोल दे ।पहले सब लोग खाना खा लो फिर उस लड़की को उठा कर निकल जायेंगे ।आज की रात का आनंद लेंगे ।

दामिनी चुपचाप खाना खा रही थी ।तभी राजेश का मोबाइल बज उठा ।उसने देखा उसके घर से उसकी बहन का फोन था।

उसने फोन उठा लिया।उसकी छोटी बहन रागिनी ने कहा_ भईया आप कहा हो ।अभी तक आए नही ।मां आपका इंतजार कर रही है।लीजिए मां से बात कर लीजिए ।

दूसरी तरफ से उसकी मां का चिंतित स्वर सुनाई दिया।

बेटा _ तुम कहा हो अभी तक घर क्यों नही आए।खाना खाया या नही ।

मां तुम चिंता मत करो ।मैं बिल्कुल ठीक हूं ।मैं अभी एक सवारी के साथ हूं और उन्ही के साथ खाना खा रहा हूं ।बस एक दो घंटे में घर आ जाऊंगा।तुम लोग सो जाओ ।

दामिनी ने सॉरी राजेश तुम्हे मेरी वजह से आज घर जाने में देर हो गई ।लेकिन अब ज्यादा देर नहीं करूंगी ।चलो जल्दी जल्दी खाना खाओ ।इसके बाद इस क्षेत्र के थाना में चलेंगे ।राजेश मन ही मन खुश हुआ कि चलो इस बला से थोड़ी देर में राहत मिल जायेगी और वो घर जाकर चैन से सो जायेगा।

जी ठीक है मैडम मगर आप सॉरी न कहे ।आप मेरी सवारी है ।आखिर मुझे जायज भाड़ा भी तो मिलेगा।

दामिनी  मुस्कुराने लगी ।तभी बैरा दो आइस क्रीम ले आया ।दोनो आइसक्रीम खाने लगे ।

इतने में उन पांचों में से तीन लोग राजेश के पास आए और उसे कुर्सी से उठाते हुए कहा_ चल उठ बे हमे बैठने दे।

इतना कहकर एक ने राजेश को धकेल कर उसकी कुर्सी खींचकर बैठ गया और बेहयाई से हंसते हुए बोला_ लड़की आज हमारे साथ चलोगी क्या ।तुम्हे हमारे साथ आज रात बहुत मजा आयेगा।

राजेश मन ही मन सोचने लगा _ लगता है इन तीनो की शामत आई है ।इनको पता नही है ये कितनी खतरनाक लड़की है ।

उसने उन तीनो से कहा_ आप लोग अपनी खैर चाहते हो तो चुपचाप यहां से चले जाओ वर्ना तुमलोगो को अंदाजा नहीं है तुम्हारा क्या हाल होगा।

एक ने उसके गाल पर जोर से एक थप्पड़ मारते हुए कहा_ चुप बे तुम हमलोगो को नही जानता।अगर ज्यादा बोला न तो तुम्हारी हड्डियां तोड़कर रख देंगे ।

राजेश ने अपना गाल पकड़ लिया ।उसका गाल झन्ना उठा था।

तभी दामिनी फुर्ती से उठी और उन तीनो को अपने लातो जूतों पर रख दिया।पल भर में उसने उन तीनो को मार मार कर जमीन पर गिरा दिया।

जिसने राजेश के गाल पर थप्पड़ मारा था,उसका कालर पकड़कर उसने ऊपर उठाते हुए राजेश से कहा _ इसके गाल पर मारो चार थप्पड़ ।लेकिन राजेश डर रहा था।दामिनी ने जोर से कहा _ मारते हो या मैं तुम्हे मारूं।

राजेश तो गुस्से में था ही उसने उस बदमाश के गाल पर चार तमाचा जड़ दिया।तभी दो और बदमाश अपनी टेबल उठकर अपनी जेब से रिवाल्वर निकाल कर चिल्लाए_ खबरदार लड़की अगर अब किसी को हाथ लगाया तो हम तुम्हारी खोपड़ी फोड़ देंगे ।लेकिन उसकी बात पूरी होने से पहले दामिनी ने अपनी जेब से रिवाल्वर निकाल कर उन दोनो मे हाथो पर चला दिया।उन दोनो के हाथ से उनकी रिवाल्वर दूर जा गिरी और उनका हाथ लहुलूहान हो गया।

मारपीट देखकर और गोलियां चलने की आवाज सुनकर वहा होटल में सन्नाटा पसर गया।सब लोग भय और आश्चर्य से कभी दामिनी और कभी उन पांचों बदमाशो को देख रहे थे।

किसी को यकीन नहीं हो रहा था इतनी सी सुंदर और जवान लड़की इतनी खतरनाक हो सकती है।

तभी दामिनी ने पुलिस कंट्रोल रूम में फोन कर जल्दी से पेट्रोलिंग मोबाइल पुलिस वैन को उस होटल में भेजने को कहा ।

दामिनी ने आवाज देकर कहा _ आप लोग आराम से खाना खाए।किसी को डरने की जरूरत नही है।

तभी वहा होटल का मैनेजर भागता हुआ आया और दामिनी से कहा_ मैडम ये पांचों छटें हुए बदमाश है ये लोग बराबर यहां आते है और फ्री में खाना और शराब खा पीकर चले जाते हैं।

दामिनी ने पूछा _ तुमने कभी पुलिस से शिकायत नहीं किया?

किया था मैडम कई बार किया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।मैनेजर ने कहा।

ओह अच्छा ।अब चिंता मत करो ।आज के बाद ये पांचों ही नहीं कोई बदमाश तुम्हारा बिल चुकाए बिना नहीं जाएगा।दामिनी ने गुस्से से कहा।

उसने कहा _ तुम्हारे पास रस्सी  तो होगी ।दो बैरा के साथ भेजो।

मैनेजर ने तुरंत अपने दो बैरो को बुलाया और रस्सी लाने को कहा।

थोड़ी देर में पांचों बदमाशो के हाथ पीछे कर के बांध दिया गया।

दामिनी ने मैनेजर से कहा _ अब तक कितने रुपए बाकी है इन पर।

मैनेजर ने कहा_ अभी हिसाब देखकर बताता हूं।

उसने अपने एक बैरा से खाता बही लाने को कहा। खाता आते ही उसने देखकर बताया_ कुल पच्चीस हजार रूपये बाकी हैं मैडम।

दामिनी ने उन पांचों से कहा _ इसके पैसे कब चुकाओगे तुम लोग जल्दी बताओ वरना मार मार कर तुम लोगो का बुरा हाल कर दूंगी।

एक ने कहा _ देते है मैडम ।

दो जल्दी दामिनी ने कहा।

उसने कहा पैसे मेरी गाड़ी में पड़े है ।

दामिनी ने पूछा कौन सी गाड़ी है ।मैनेजर ने बताया _ काले रंग की स्कार्पियो है इनकी । कार स्टेंड में छठे नंबर पर खड़ी है।

दामिनी ने कहा_ इसका हाथ खोलो और ले चलो इसको उसकी गाड़ी के पास।

मैनेजर ने उसका हाथ खोल दिया।

वो बदमाश अपनी गाड़ी के पास गया।पीछे पीछे दामिनी उसके पीठ पर रिवाल्वर सटाए हुए थी ।उसके पीछे मैनेजर था।

उस बदमाश ने अपनी जेब से चाबी निकाला और गाड़ी खोलकर रखे हुए बैग में पच्चीस हजार रूपए निकालकर मैनेजर को दे दिया.।

तभी अचानक वो सबको धक्का देकर भाग खड़ा हुआ।

दामिनी ने निशाना लगाकर उसके पैरो में गोली चला दी।वो लड़खड़ा कर गिर पड़ा।

दामिनी ने दौड़कर उसका कॉलर पकड़ा और खड़ा कर कई थप्पड़ उसके गाल पर जड़ दिया।

बड़ा होशियार बन रहे थे।वो दर्द से कराहने लगा था।वो आश्चर्य से दामिनी को देख रहा था।उसे समझ नही आ रहा था आखिर ये आफत कौन है ।पहले तो नही देखा इसे ।

दामिनी उसे घसीटते हुए फिर वही उन चारो के पास लाई और पटक दी।

तभी पुलिस की पेट्रोलिंग मोबाइल वैन पहुंच गई। उसमे से पांच पुलिस के जवान उतरे।उसमे एक सीनियर पुलिस ऑफिसर था।

उतरते ही उसने मैनेजर को डांटते हुए कहा_ क्या लफड़ा हुआ था तुम्हारे होटल में ।किसने पुलिस कंट्रोल रूम में फोन किया था।

मैनेजर ने डरते हुए दामिनी की तरफ इशारा कर दिया।

ओ ऑफिसर कुछ कहता इससे पहले उसने उससे पूछा _ यह होटल क्या आपके क्षेत्र में आता है।

हा आता है तो उससे आपको क्या मतलब है।आप कौन होती है पूछने वाली ।

मतलब की बात ये है की जब आपको पता है ये होटल काफी नामी है । यहां रात में ग्राहकों की काफी भीड़ भाड़ रहती है ।क्या आप लोग एक बार भी इधर पेट्रोलिंग करते हैं ।कभी पुलिस गश्त करते हुए इधर आकर मेनेजर से  हाल चाल लेती है।

अगर नही गश्ती करती है जब कोई अप्रिय घटना घट जाएगी तब किसकी जवाबदेही होगी ।जैसे की अभी मेरे साथ हुई।और आप पुलिस अफसर होकर पूछते हैं इससे मुझे क्या लेने देना है।

अभी इन पांचों को गिरफ्तार कर थाना ले जाए और नशा कर लड़की से छेड़छाड़ और मारपीट करने के अलावा जान से मारने की नियत से गोली चलाने का केस दर्ज करे।कल मैं थाना में आकर एफआईआर दर्ज कराऊंगी।

दामिनी ने कहा।

लेकिन इसको गोली किसने मारी है और इनको किसने पीटा है।

मैनेजर ने डरते हुए फिर दामिनी की तरफ इशारा किया।

वे पांचों पुलिस के जवान आश्चर्य से दामिनी को देखने लगे।

उसके मुंह से निकला क्या इस लड़की ने इनका ये हाल किया है।आप कौन हैं और कैसे इनपर गोली चलाई।

दामिनी ने कहा _ अपनी जान की रक्षा में गोली चलाई ।

आपका रिवाल्वर का लाइसेंस है क्या।

हा है लेकिन अभी थोड़ी देर पहले मैने एक स्मलगर के ट्रक का टायर पंचर कर दो बदमाशों को घायल किया था इसलिए पुलिस मेरा लाइसेंस अपने पास ले गई है ।आप देख लेना।

इस बार और भी चौकने की बारी थी उन सबकी।

इतनी कम उम्र में इस लड़की के इतने खतरनाक कारनामे।

ठीक है अभी तो हम इनको लेकर जा रहे हैं लेकिन आप शहर से बाहर मत जाना कल पुलिस थाना आकर हाजिर हो ।आप की भी जांच होगी ।

उस पुलिस ऑफिसर ने कहा और उन पांचों को ले कर चला गया।

दामिनी ने हक्का बक्का राजेश से कहा _ चलो राजेश गाड़ी निकालो अब थाना चलना है।

राजेश भागता हुआ अपनी गाड़ी की ओर चला गया।

दामिनी ने मैनेजर से पूछा कितना बिल हुआ है मेरा।

मैनेजर ने हाथ जोड़ते हुए कहा _ रहने दो मैडम आपने मेरा डूबा हुआ पैसा दिला दिया। ।मैं आपसे कैसे पैसे लू।

बिलकुल गलत बात है।मैने एक नागरिक की हैसियत से अपना फर्ज निभाया।बिना बिल चुकाए मैं नही जाऊंगी जल्दी बताओ।

मैनेजर ने कहा _ बारह सौ रूपया ।

दामिनी ने बिल चुकाए और आकर राजेश की कार में बैठ गई।राजेश ने कार दौड़ा दिया।

उसने डरते हुए पूछा _ मैडम आप कौन  है अभी तक नही बताया।

दामिनी फिर हसने लगी।

बाबा मैं भी तुम्हारी तरह एक आम नागरिक हूं बता तो चुकी हूं ।उसने कहा।

मैडम आप नहीं बताना चाहती है तो मत बताइए लेकिन जो भी है बहुत बहदूर और खतरनाक लड़की है।राजेश ने कहा।

तुमको लगता होगा ।लेकिन मैं कहती हूं आज हमारे देश की हर लड़की को साहसी और बहादुर होना चाहिए तभी उनकी जान और जिस्म की रक्षा हो पायेगी।

राजेश ने कहा _ आपने बिल्कुल सही कहा मैडम।

तब तक पुलिस थाना आ चुका था।

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*”दामिनी का दम”* (भाग-5) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

लेखक_ श्याम कुंवर भारती

बोकारो झारखंड

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