*”दामिनी का दम”* (भाग-3) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

ट्रेक जैसे ही लड़खड़ा कर पेड़ से टकराया दामिनी ने कार की ब्रेक पर अपना पैर जमा दिया । कार सड़क पर  काफी दूर घसीटती चली गई।

कार रुकते ही उसने कार का गेट खोला और हाथ में रिवालबर लिए नीचे कूद पड़ी और लपकते हुए ट्रक की ओर भागी ।

दो बदमाश ट्रक से कूदकर भागने लगे थे।उसने एक एक कर दोनो के पैर में गोली चला दिया ।दोनो लड़खड़ा कर जमीन पर गिर पड़े।

दामिनी ने फुर्ती दिखाते हुए ट्रक के ड्राइविंग सीट का दरवाजा खोला ।उसने देखा ड्राइवर और एक और आदमी बेहोश पड़े हुए थे।

उसने तुरंत किसी को फोन कर वहा का लोकेशन बताते हुए तुरंत पुलिस को एक एंबुलेंस के साथ आने को कहा।

फिर वो जमीन पर पड़े दोनो बदमासो की तरफ नजर डाली ।दोनो दर्द से कराह रहे थे।उनके पैरो से खून बह रहा था।

उसने उनकी तरफ अपनी रिवाल्वर तानते हुए पूछा _ तुम लोग कौन हो ।बैरियर तोड़ कर क्यों भागे थे।इस ट्रक में क्या है ।

वे दोनो चुपचाप हैरत से दामिनी को देख रहे थे।इतनी सुंदर और जवान लड़की में इतना हौसला और हिम्मत कहा से आई।आखिर कौन है ये लड़की ।उनकी समझ में कुछ नही आ रहा था।

मैं तुम दोनो से कुछ पूछ रही हूं।जल्दी बोलो वरना तुम दोनो की खोपड़ी उड़ा दूंगी ।दामिनी ने उन दोनो को डांटते हुए कहा ।इस दरम्यान वो बुरी तरह भींग चुकी थी ।उसे थोड़ी ठंड महसूस होने लगी थी ।

वे दोनो चूपचाप उसे बड़ी हैरत से देख रहे थे।दामिनी ने दोनो के गाल पर एक एक तमाचा जड़ते हुए कहा _ जल्दी बताओ वरना तुम दोनो को अंदाजा नहीं है मैं तुम दोनो का क्या हाल करूंगी ।

उन दोनो का गाल झन्ना उठा ।एक ने डरते हुए कहा _ इसमें काफी हथियार और नसीले पदार्थ भरे हुए है ।आने वाले चुनाव के लिए है ये सब ।

ओह अच्छा  दामिनी ने कहा और फिर पूछा ये माल किसका है ।

हमे नही पता है मैडम बस हमे कहा गया था शहर के अंदर पहुंचते ही किसी को फोन करना था वे लोग खुद ट्रक को अपने पास ले जाते ।

दूसरे घायल बदमाश ने कहा ।

उस नंबर को मुझे दो ।

उस बदमाश ने हिचकते हुए उसे नंबर दे दिया।दामिनी ने उसे अपनी जेब में रख लिया।

इसलिए तुम लोग बैरियर तोड़ कर भागे थे।

लेकिन पुलिस ने तुम्हारा पीछा क्यों नही किया।दामिनी ने पूछा  ।

क्योंकि हमारी पार्टी उन्हे हमेशा मोटी रकम देते रहती है ।

एक ने बताया ।

हमेशा देते रहती है मतलब तुम लोग यह गैरकानूनी काम पहले भी करते रहे हो ।दामिनी ने पूछा ।दोनो चुप रहे।

तभी पुलिस की जिप और एक एंबुलेंस वहा आकर रूकी ।

एक पुलिस अधिकारी जो रैन कोट पहने हुए था ।जिप से उतरते हुए पूछा _ दामिनी आपका ही नाम है आपने ही पुलिस कंट्रोल रूम में फोन किया था।

दामिनी ने कहा _ जी मैंने ही फोन किया था।

इन लोगो के पैर में गोली किसने मारी थी।

जी मैंने मारी है । ये लोग बैरियर तोड़ कर भाग रहे थे।इनके ट्रक में गैरकानूनी हथियार और नसीला पदार्थ भरा हुआ है इसलिए मैंने ट्रक का टायर गोली मारकर पंक्चर किया है।

आप ट्रक को अपने कब्जे में ले और इन दोनो को गिरफ्तार कर किसी अस्पताल में इलाज के लिए भेज दे ।अंदर दो लोग और बेहोश पड़े है ।उन्हे भी ले जाएं।

वो पुलिस अधिकारी हैरत से दामिनी को देखने लगा ।

आपने गोली चलाई ।लेकिन आप कौन है ।क्या आपके पास आपकी रिवाल्वर का लाइसेंस है ।

जी  मेरा लाइसेंस है ।इतना कहकर दामिनी ने अपनी जेब से निकालकर अपना लाइसेंस दिखा दिया।

मैने एक आम जागरूक नागरिक की हैसियत से गोली चलाई थी ।

उसका लाइसेंस देखकर वो पुलिस अधिकारी चुप हो गया ।

लेकिन आपको पुलिस और मजिस्ट्रेट के सामने कल बयान देना होगा ।तब तक आप शहर से बाहर नहीं जा सकती ।साथ में आपका लाइसेंस भी हमारे पास ही रहेगा। उसे मुझे दे दीजिए।

उस पुलिस अधिकारी ने कहा।दामिनी ने अपना लाइसेंस उसे दे दिया ।दामिनी का लाइसेंस लेकर अपनी जेब में रखते हुए उसने अपने जवानों से कहा _ इन सबको गिरफ्तार कर जिप में डालो ।इन्हे सरकारी अस्पताल में भर्ती कराना होगा ।

दो जवान रात में इस ट्रक की निगरानी में रहेंगे ।सुबह किसी मेकेनिक को बुलाकर इसका टायर ठीक करवाकर थाना लाना होगा।

इसके बाद सबको एंबुलेंस और जिप में डालकर वो अधिकारी वहा से चला गया ।दो जवान ट्रक के पास ही रह गए उसकी निगरानी में।

दामिनी कार के पास लौट आई।उसने देखा राजेश बेहोसी से जाग चुका था।वो आश्चर्य चकित होकर वहां का नजारा देख रहा था।

दामिनी को आते देख वो संभलकर बैठ गया ।

दामिनी ने पिछली सीट का दरवाजा खोलते हुए  कहा ,_ अब अपनी कार संभालो और चलो यहां से ।

राजेश पुनः अपनी ड्राइविंग सीट पर बैठ गया।

वो गाड़ी चलाते हुए चुपचाप दामिनी के बारे में ही सोच रहा था ।आखिर कौन है ये लड़की बहुत ही बहादुर और खरतनाक लड़की है ।

दामिनी ने अपनी रिस्ट वाच देखते हुए कहा _ सुबह के चार बज चुके है ।क्या अभी भी कही किसी होटल में खाना मिलेगा।मुझे तो बड़ी जोरो की भूख लगी है ।

जी मैडम लाइन होटल में खाना मिल जायेगा ।चलिए आपको हाइवे रोड पर ले चलता हूं वहा बहुत सारे लाइन होटल है वहा आपको कभी भी खाना मिल जायेगा।

राजेश ने बताया।

ठीक है चलो ।दामिनी ने कहा।

लेकिन मैडम आप है कौन और कहा जाना है आपने बताया नही ।

उसने पूछा ।

दामिनी मुस्कुराने लगी  और बोली मेरे बारे में जानने की तुम्हे बहुत इक्षा  हो रही है।मेरे बारे में जानकर क्या करोगे ।

आप ठीक कह रही हैं मैडम ।मेरी कार में बहुत सवारियां आते जाते रहती है मगर मुझे केवल अपने भाड़ा से  मतलब होता है।में किसी के बारे में कभी नही पूछता हुं केवल जाने का पता पुछता हुं।

लेकिन आप जैसी सवारी मुझे पहली बार मिली है।इतनी जवान और खूबसूरत लड़की होकर । झमाझम बारिश में बेखौफ होकर अनजान शहर में इतनी रात में घूम रही है। पुलिस और गुंडों से पंगा ले रही है ।मुझे शक हो रहा है आप जरूर कोई पुलिस ऑफिसर या गुप्तचर विभाग की महिला ऑफिसर होंगी ।इसलिए आपके बारे में पूछना पड़ रहा है।राजेश ने कहा।

दामिनी ठहाका मारकर हंसने लगी।उसे उसके भोलेपन पर हंसी आ गई थी।

चलो तुमने कुछ तो मेरे बारे में अंदाजा लगाया।लेकिन मैं इन दोनो में से कोई नहीं हूं ।दामिनी ने कहा ।।

फिर आप क्यों अपनी और मेरी जान संकट में डालने पर तुली हुई है।आप खाना खाकर बताएं आपको कहा जाना है आपको छोड़ कर मैं भी अपने घर चला जाऊंगा।क्योंकि मेरी अब हिम्मत नही हो रही है दूसरी सवारी उठाने की।

दामिनी फिर हंसने लगी और बोली चिंता मत मैं तुम्हे कुछ नही होने दूंगी  और सुबह होने के बाद छोड़ दूंगी ।भाड़ा भी दुगुना दूंगी ।

तभी राजेश की कार हाइवे पर दौड़ते हुए एक बड़े लाइन होटल के पास जाकर रुक गई । वहा काफी भीड़ भाड़ थी ।लोग इतनी रात में भी खाना खा रहे थे।

राजेश ने अपनी कार का गेट खोलते हुए कहा _ आइए मैडम देखिए यहां केवल बाहर के लोग जो सफर में होते है वही खाना खाने के लिए रुकते है ।देखिए यहां कितनी गाडियां खड़ी है।दामिनी भी कार से उतर चुकी थी ।वे दामिनी ने अपना छाता निकाल लिया और राजेश से कहा _ तुम भी आ जाओ वर्ना भींग जाओगे ।

राजेश हिचकते हुए उसके छाते के नीचे आ गया ।

होटल में दोनो जैसे ही पहुंचे । वहा खाना खा रहे सारे लोग उन दोनो को देखने लगे ।

लड़की इतनी सुंदर और स्मार्ट लग रही है और साथ में ये मामूली लड़का कुछ जंच नही रहा है।

एक आदमी ने खाना खाते हुए अपने साथी से कहा।

दूसरे ने कहा _ हर लड़की लड़का प्रेमी प्रेमिका नही होते ।तुमने अभी देखा नही ये लड़का गाड़ी चलाकर आया है।हो सकता है इस लड़की का ड्राइवर हो।

तीसरे ने कहा हमे इससे क्या ये दोनो कोई भी हो ।चलो चुपचाप खाना खाओ

पहले ने कहा _ यार जो भी कहो लड़की बहुत सुन्दर और स्मार्ट है ।उसने शराब का एक पैग लगाते हुए कहा ।

दामिनी और राजेश एक खाली टेबल पर आकर बैठ गए।

खाना क्या खाएंगी मैडम राजेश ने पूछा ।

जो तुमको पसंद हो मंगा लो ।दामिनी ने कहा।

नही मैडम आप अपनी पसंद बताए।राजेश ने कहा ।

तभी उस होटल का बैरा आया और दामिनी को सलाम कर खाने का ऑर्डर लेने लगा ।दामिनी ने उसे कई भेज आइटम लाने को बोल दिया ।

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*”दामिनी का दम”* (भाग-4) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

लेखक_ श्याम कुंवर भारती

बोकारो,झारखंड

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