*”दामिनी का दम”* (भाग-2) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

थोड़ी देर में वो लड़का चाय पीकर लौट आया और ड्राइविंग सीट पर बैठकर टेक्सी  स्टार्ट कर आगे बढ़ा दिया।

दामिनी को इतनी तेज बारिश में चाय पीकर बहुत राहत महसूस हो रही थी ।मौसम में हल्की ठंड का एहसास हो रहा था।दिन में काफी तेज धूप  और उमस थी लेकिन रात में तेज बारिश ने दिन की तेज धूप और उमस से काफी राहत दिया था।

तभी उस लड़के ने पूछा _ कहा जाना है मैडम  ।

पहले इस शहर के बाहर जाने वाले चेक पोस्ट के पास ले चलो ।इसके बाद   किसी होटल में ले चलना जहा इतनी रात को खाना मिलता हो ।

और तुम्हारा नाम क्या है।दामिनी ने पूछा

जी मैडम मेरा नाम राजेश है ।उस लड़के ने बताया।

बहुत प्यारा नाम है।दामिनी ने उसकी तारीफ करते हुए कहा। थैंक यू मैडम।

थोड़ी देर बाद राजेश शहर के चेकपोस्ट पर ले गया ।दामिनी ने कहा गाड़ी रोक दो ।

गाड़ी रुकते ही वो उतर कर चेकपोस्ट के पास गई ।उसने देखा उस समय ड्यूटी पर तैनात सभी पुलिस कर्मी सो रहे थे।

उसने एक जवान को जगाया ।वो शायद नशे ने मे था ।वो हड़बड़ा कर उठा और सामने एक खूबसूरत और जवान लड़की को देखकर चौंक गया।

आप सब लोग इस तरह सो कर ड्यूटी कर रहे हो ।अगर कोई असामाजिक तत्व शहर मे घुसकर कोई वारदात कर दे तो  आप लोग क्या करेंगे।

उस पुलिस के जवान ने कहा_ तुमसे मतलब। जाओ चुपचाप अपना काम करो ।इतनी रात में तुम हमे अपनी ड्यूटी समझाने आई हो।

तुम कौन होती हो हमे ड्यूटी समझाने वाली ।

मैं एक आम नागरिक की हैसियत से कह रही हूं ।आखिर आप लोग तो हमारी सुरक्षा के लिए ही तो है।दामिनी ने कहा।

अब चुपचाप जाती हो यहां से या तुम्हे थाने में बंद करवा दूं ड्यूटी में दखल देने के आरोप में ।

हो हल्ला सुनकर बाकी पुलिस कर्मी भी जग गए।

तभी एक ट्रक दनदनाता हुआ आया और बैरियर तोड़ता हुआ शहर की तरफ चला गया।

देख लिया आप लोगो की ड्यूटी कैसे हो रही है ।क्या आप लोगो को अंदाजा है अभी जो ट्रक बैरियर तोड़कर अंदर गया है उसमे क्या हो सकता है।बम गोला,बंदूक ,हथियार या अन्य कोई गैरकानूनी समान हो सकता है।

दामिनी ने गुस्से से कहा।

वो जो भी होगा हम देख लेंगे तुम जाओ यहां से । बाकी पुलिसकर्मी नशे में डगमगा रहे थे।

दामिनी को उनकी हरकत पर बड़ा आश्चर्य हो रहा था।कोई ट्रक बैरियर तोड़कर अंदर चला गया मगर इनको कोई  परवाह ही नही है।

उसने राजेश को आवाज दिया _ राजेश जल्दी गाड़ी स्टार्ट करो और चलो उस ट्रक का पीछा करो।

राजेश हक्का बक्का  दामिंक की हरकत को देख रहा था ।उसकी समझ में कुछ नही आ रहा था। उसने तुरंत अपनी गाड़ी स्टार्ट किया दामिनी के पास लाकर खड़ा कर दिया।दामिनी ने फुर्ती से पिछला गेट खोला और बैठते हुए बोली जितना  तेज भगा सकते हो गाड़ी भगाओ और उस ट्रक का पीछा करो वो भागने नही चाहिए।

जी मैडम राजेश ने कहा और एक्सीलेटर पर अपने पैर का दवाब बढ़ाता चला गया ।उसकी कार हवा से बातें करती हुई तेज बारिश में भागी जा रही थी।

मैडम आप क्यों पुलिस के लफड़े में पड़ रही है।आप इस शहर में नई आई है।आपको कहा जाना है बताइए मैं आपको वहा छोड़ देता हूं।फिर दूसरी सवारी की तलास करूंगा।

तुम चुपचाप उस ट्रक का पीछा करो।भाड़ा की चिंता मत करो।जितना भी भाड़ा होगा उसका दुगुना दूंगी।दामिनी ने कहा।

मैडम भाड़ा तो आप दे देंगी लेकिन आप लड़की हो ।पता नही उस ट्रक में कितने गुंडे बदमाश होंगे। अगर उन लोगो ने आप पर हमला कर दिया तो आप पर खतरा हो सकता है।यह पुलिस का काम है उसे ही करने दे।

राजेश ने दामिनी को समझाते हुए कहा।

तुम मेरी चिंता मत करो और उस ट्रक से आगे जाकर अपनी गाड़ी रोक देना ।

दामिनी ने कहा।

राजेश को  दामिनी पागल लग रही थी ।बेमतलब का झमेला मोल ले रही थी।

उसे उस पर गुस्सा आ रहा था।लेकिन उसने कुछ नही कहा और अपनी कार को तूफानी गति से भागना शुरू कर दिया।

थोड़ी ही देर में ट्रक की धुंधली तस्वीर दिखाई देने लगी ।

ट्रक में तीन लोग बैठे हुए  थे।तीनो के हाथ में बंदूके थी ।तभी ड्राइवर ने कहा_ पीछे एक कार हमारा लगातार पीछा कर रही है।

एक ने कहा _ पुलिस तो नही हो सकती है वे लोग तो बीके हुए हैं।हमसे मोटा माल लेते है ।लेकिन ये कार क्यों पीछा कर रही है।

दूसरे ने कहा ,_ चिंता मत करो जो भी होगा उसका काम तमाम कर देंगे।

राजेश अब ट्रक के काफी करीब पहुंच चुका था ।

दामिनी ने कहा _ कार को ट्रक से आगे निकाल ले जाओ।

राजेश ने कहा _ लेकिन मैडम ट्रैक पास नही दे रहा है।वो सड़क के बीचों बीच भागा जा रहा है।

ठीक है तुम गाड़ी रोको।राजेश ने कार रोक दिया.। कार रुकते ही दामिनी ने अपनी साइड का गेट खोला और तेजी से उतरकर ड्राइविंग सीट का गेट खोलकर राजेश को साइड में धकेलते हुए ड्राइविंग सीट संभाल लिया।उसने स्टेयरिंग पकड़ते ही जैसे एक्सीलेटर पर खड़ी हो गई।

कार आंधी तूफान की तरह सड़क पर मानो उड़ने लगी थी ।उसने कार की हेड लाइट जलाते बुझाते हुए साइड मांगा ।ट्रक ने साइड नही दिया।उसने हॉर्न बजाना धुरु किया ।

राजेश हक्का बक्का होकर दामिनी की हरकत को देख रहा था।साथ ही डर भी रहा था।वो सोच रहा था पता नही कैसे इस पागल लड़की के पल्ले पड़ गया।खुद तो मरेगी ही मुझे भी मरवाएगी।

तभी ट्रक की तरफ से गोलियों की फायरिंग होने लगी।दामिनी कार को दाएं बाएं कर के बचाती रही ।

राजेश ने कहा _ मैने मना किया था मैडम इन सब मामलों से दूर रहो। पुलिस का काम है उसे ही करने दो ।अब भुगतो।आज तो हम दोनों बेमौत मारे जाएंगे।

लेकिन दामिनी ने उसकी बात को अनसुनी करते हुए कार को तूफानी गति से भगाते हुए ट्रक के दाहिने तरफ दौड़ा दी।उसने फुर्ती से अपनी पेंट से रिवाल्बर निकाल कर ट्रक के टायर पर निशाना लगा कर फायर कर दी  ।गोली सीधे जाकर ट्रक के टायर में धंस गई।

एक जोरदार धमाके के साथ टायर फट गया और ट्रक सड़क पर लहराते हुए एक पेड़ से जा टकराया।

राजेश यह सब देखकर अपना होश खो बैठा। वह डर से बेहोश हो गया।

अगला भाग

*”दामिनी का दम”* (भाग-3) – श्याम कुंवर भारती : Moral stories in hindi

लेखक _ श्याम कुंवर भारती

बोकारो झारखंड

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