शुभी आज मैं बहुत खुश हूं पता है मेरी जॉब कॉग्निजेंट में लग गई और वह भी बढ़े हुए पेकेज में ,मेरा इंटरव्यू इतना अच्छा था की उन्होंने मेरी शर्त भी मान ली है की हम पूना वाले ऑफिस में ही काम करेंगे ।
चलो मंदिर चलते है अपने हनुमान जी को आभार प्रकट करने ,शोभित जल्दी से नहाकर तैयार होने लगा ।
शुभी ने ईश्वर को धन्यवाद दिया और वह सोचने लगी अपनी पुरानी बीती बातों को ।
शुभी के जीजा जी ने पिछली जॉब मे सिफारिस की थी कंपनी के डायरेक्टर से , एम सी ए करने के बाद शोभित परेशान था ,शुभी उसकी दोस्त थी । बी सी ए दोनो ने साथ किया था उसका मन एम बी ए करने का था ।
एक साल तैयारी की कोई अच्छी जगह से एम बी ए करने के लिए, परंतु फीस को सुनकर पापा ने कहा इतना पैसा हम नही दे सकते अभी तुम्हारी शादी भी करनी है ।
दीदी की शादी बी एस सी के बाद ही तय कर दी थी एक साफ्टवेयर इंजीनियर से जो आगे चल कर काफी अच्छी पोस्ट पर बहुत अच्छी तनखाह पा रहा था ।
जब शोभित को बताया तो उसने कहा _शुभी मैं तुम्हे एम बी ए कराऊंगा शादी के बाद ,बस थोड़ा इंतजार करो मेरी जॉब होने दो ।वह जॉब के लिए परेशान था और पापा मुझे शादी करके अपने बोझ को कम करना चाहते थे ।
हम बेटियां तो उनके लिए बोझ ही थी ,वही शरद जो पढ़ने में अच्छा भी नही था परंतु उसके लिए बहुत कंसर्न थे ।
एक दिन अपने मन की बात मैंने दीदी को बताई और शोभित की नौकरी की बात की क्यों की अच्छी नौकरी होने पर ही पापा उससे मेरी शादी करेंगे ।
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पापा शोभित को अच्छी तरह जानते हैं वह एक अच्छा लड़का है अच्छे परिवार का है ,दीदी वह मुझे बहुत प्यार करता है मैं उसके अलावा किसी से शादी नहीं करूंगी ।
दीदी ने कहा _अच्छा अब जब कहीं अप्लाई करे मुझे बताना तेरे जीजा जी शायद उसकी कुछ मदद करें या उनकी कंपनी में ही अगर जगह हुई तो उसे रिकमंड करेंगे । समय की बात जीजाजी की कंपनी में ही शोभित की नौकरी हो गई और ,पापा ने हमारी शादी को मंजूरी दे दी ।
शादी को दो साल हो गए हमारा दीदी के साथ अच्छा रिश्ता है जीजा जी का शोभित बहुत सम्मान करता है , परन्तु जब जीजाजी बोलते “कैसा चल रहा है कोई दिक्कत हो मुझे बताना ,तो हम दोनो को लगता था की जैसे नौकरी इन्हीं की कृपा पर चल रही है ,लेकिन वह चुप रह जाता जब उसका प्रमोशन हुआ तब भी जीजा जी का रिएक्शन ऐसा था जैसे शोभित को अपने काम से नही उनके प्रभाव से प्रमोट किया गया है ।
शोभित ने कॉग्निजेंट में अपना इंटरव्यू दिया तो किसी को नहीं बताया ,आज हम प्रसाद के लड्डू दीदी के घर जरूर ले जायेंगे ।
शोभित के आत्मसम्मान को जीजा जी के बातों से अभी तक जो ठेस लगती थी जिसे हम सहन कर जाते थे उनके बड़े होने का लिहाज करके ।
आज शोभित बता देगा की मुझे अपनी योग्यता से ही सब मिला है किसी की सिफारिस से नही ।
हम दोनो खुश है अब दीदी के सामने शोभित के नौकरी में जीजा जी का सहयोग नही उसकी अपनी योग्यता है ।
आज शोभित का आत्मसम्मान जाग गया था ।
पूजा मिश्रा