अब तक आपने पढ़ा…
मनु की शादी तय होने की बात दीनदयाल जी घर में सबको बताते हैं….. और वृंदा मनु के मन के डर को अनी से बता देती है…
अब आगे….
मनु अनी के घर से दौड़ती हुयी अपने घर आयी … और कमरा अंदर से बंद करके अपने बेड पर लेट गयी … मनु की सांसे अभी भी तेज़ चल रही थी….” ये क्या हो जाता है मुझे अनी के सामने आते ही ….बहुत मुश्क़िल से मैंने अपने को अनी से दूर रखा था…. ये सब कुछ फिर से इस तरह से होगा मुझे पता नहीं था….. ” सोचते – सोचते मनु सो गयी
सुबह मनु की आवाज़ घर में हो रहे शोर से खुल गयी…. वो उठी और बाहर गयी तो देखा अनी का सारा परिवार वहाँ बैठा है और अब बात कर रहे है…..
अनी ने जब मनु को देखा तो उसके पास गया और बोला ” गुड मोर्निंग “
“ये क्या है अनी सब यहाँ सुबह – सुबह “?
” रोके की बात करने आए है “
मनु ने सुना तो बोली ” किसकी रोके की “
“तुम्हारे और किसके “?
तभी मालती ने मनु को देखा तो बोली ” मनु फ्रैश हो कर आ जाओ सब साथ में नाश्ता करेंगे “
अनी ने मुस्कुराते हुए मनु की तरफ देखा और मनु पैर पटकते हुए अंदर चली गयी….
कुछ देर में वो फ्रेश हो कर आयी और सबके साथ नाश्ता करने बैठ गयी….अनी उसके सामने वाली चेयर पर बैठ गया… वो मनु की तरफ देख कर मुस्कुराते हुए नाश्ता कर रह था…..मनु को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि ये हो क्या रहा है….. सब नाश्ता करके और रोके की बात कि कैसे क्या करना है करके चले गए
कुछ देर बाद मालती ने वृंदा से कहा ” तुम मनु के साथ चली जाओ और उसके लिए ड्रेस ले आओ मुझे आज समय नही मिलेगा.. और भी तैयारियां देखनी है..
वृंदा ने हाँ कहा और जाने के लिए रेडी होने चली गयी…. उसने अनी को msg किया कि वो मार्केट जा रही है….
अनी ने msg पढ़ा और फोन अपनी पॉकेट में रख लिया….. अनी ने सुमित्रा से कहा ” चलो आज आपको शॉपिंग करा कर लाते है “
“क्यों भई बहुत लाड़ आ रहा है अपनी माँ पर,..”… दीनदयाल जी ने न्यूजपेपर फोल्ड करते हुए कहा
“अनी किसी से जलने की बू आ रही है ” सुमित्रा ने हँसते हुए कहा
कुछ देर में सुमित्रा अनी और अजय के साथ बाहर आ गयी…. अनी ने गाड़ी घुमयी और मनु के घर की तरफ जाने लगा… सामने से उसे मनु और वृंदा आती हुयी दिखायी दी….. सुमित्रा ने भी देखा कि दोनों आ रही है तो उसने गाड़ी का शीशा नीचे किया तब तक वृंदा और मनु गाड़ी के पास आ गए थे सुमित्रा ने पूछा ” कहाँ जा रही हो? “
काकी हम बाज़ार जा रहे है…. “मनु के लिए रोके की ड्रेस
लेने “
“तो हमारे साथ चलो हम भी मार्केट ही जा रहे है “
“काकी आप जाए हम चले जायेंगे “मनु ने कहा
“अरे क्या चले जायेंगे… काकी भी मार्केट जा रहीं हैं… हमें भी वहीं जाना है तो चलते हैं साथ में ” वृंदा ने थोड़ा ज़ोर देते हुए कहा
मनु ने एक नज़र अनी को देखा जो उसे देख कर मुस्कुरा रहा था….
मनु ना चाहते हुए भी गाड़ी में बैठ गयी ….. अनी गाड़ी चलाते हुए मनु को देखे जा रहा था…. मनु की नज़र जब उस से मिली तो मनु ने नज़रों को नीचे कर ली…
कुछ देर में सब मार्केट आ गए…वृंदा ने सुमित्रा से कहा काकी आप चालिए ना हमारे साथ थोड़ी सी चॉइस हो जायेगी…
सुमित्रा ने हाँ कहा और सब उस शॉप में आ गए जो वेडिंग और बाक़ी फंक्शन के लिए फेमस थी…
वृंदा के कहने पर वहाँ खड़े हुए अटेंडेंट ने मनु के लिया ड्रेसेस दिखानी शुरू की… एक ड्रेस वृंदा को मनु के लिए पसंद आयी उसने मनु को ट्राय करने के बोला मनु ड्रेस पहन कर आयी तो वो उसमें बहुत प्यारी लगा रही थी….
सुमित्रा ने कहा ” अनी ज़रा एक पिक लेना मनु कि देखे फोटो में ये ड्रेस कैसी लगती
है “
अनि ने फोन निकाला और उसकी पिक ली
और सबको दिखायी…
तभी वहाँ जो अटेंडेंट था वो अनी को कुर्ता दिखाते हुए बोला ” सर आप ये मेम के साथ पहन कर देखिए कॉम्बिनेशन है इसका आप दोनों पर अच्छा लगेगा “
मनु मना करती उस से पहले अजय बोला ” हाँ अनि जा ज़रा पहन कर देख “
अनी गया और वो कुर्ता पहन कर आ गया
अजय ने दोनों की पिक ली और वृंदा को दिखायी…
हाँ ये तो बहुत अच्छा लग रहा है….
“तो पैक कर दूँ सर…. “
हाँ कर दो अनी ने कहा मनु उसे देखे जा रह थी…
उसी शॉप से सुमित्रा ,वृंदा और अजय ने अपने लिए शॉपिंग की और घर लौट आए…
मनु ने अनी को msg किया
” तुमने वो कुर्ता क्यों खरीदा “
“तुम्हारे रोके में पहनने के लिए ” अनी ने msg से ही जवाब दिया
“तुम क्या करने की कोशिश कर रहे हो? “
“कुछ नहीं “
“मैं तुमसे शादी नहीं करूँगी चाहे तुम कुछ भी कर लो “
“लेकिन मैंने तो शादी के बारे में कहा ही नहीं ” और अनी ने कहने के साथ ही वो पिक मनु को भेज दी जो अजय ने ली थी…
“अनी…..तुम “
“क्या… अच्छी है ना पिक “? तुम्हारे ऊपर ये कलर बहुत अच्छा लग रहा है…”
मनु उसकी बातों में खोयी जा रही थी..और पिक को देखे जा रही थी
“इतना भी मत देखो नज़र लग जायेगी हमारी जोड़ी को …” अनी ने msg किया
“अनी…. “
“हम्म “
“मत करो ये सब “
“क्या “
“यही जो तुम कर रहे हो “
“फिर तुम बोल दो कि तुम शशांक से शादी के लिए मना कर दोगी “
“नहीं मैं ऐसा नहीं करूँगी “
“प्यार किया है तुमसे हार तो मैं भी नहीं मानूँगा वजह बताओ मुझे छोड़ करे उसे हाँ करने की “
“कोई वजह नहीं है “
“मनु तुम तीन जिंदगी बरबाद करने जा रही हो ….प्यार जो मुझसे है कर पाओगी शशांक से…..दे पाओगी अपना सब कुछ जो कब से मेरा है… रह पाओगी मेरे बिना बोलो “?
अनी का msg पढ़कर मनु की आँखों से आँसू बहने लगे “क्या गलत कहा अनी ने सब तो सच है…. लेकिन कुछ और भी तो है जो सच है…अभी अनी को पता नहीं है”
मनु ने फिर कोई msg नहीं किया
शाम को शशांक के परिवार के लोग आने वाले थे…. मालती के साथ सुमित्रा भी सुबह से ही तैयारियों में लगी हुयी थी…. दीनदयाल जी रामेश्वर जी के साथ डेकोरेशन का काम देख रहे थे…… अनी अतुल के साथ केटरर को देखने में लगा हुआ था..
इन सबमें बस मनु ही थी जो अपने कमरे में बैठी हुयी थी और सोचे जा रही थी…
तभी वृंदा उसके कमरे में आयी और उसे ऐसे बैठे देख कर बोली ” क्या हुआ.. ऐसे क्यों बैठी हो..? चलो रेडी हो जाओ तुम्हें तैयार होने में समय लगेगा.. “
मनु ने जैसे वृंदा की बात सुनी ही नहीं
“मनु ” वृंदा ने फिर पुकारा….
“.कुछ कहा आपने भाभी? “
“मैंने कहा तैयार हो जाओ तुम्हारी
ब्यूटीशियान आती ही होगी और उस से पहले ये खाना खा लो…. पता नही फिर कितने बजे तक प्रोग्राम चलेगा “
“भाभी…. क्या मैं गलत कर रही हूँ “?
वृंदा ने उसके पास बैठते हुए बड़े प्यार से उसके गाल पर हाथ रखा और बोली ” मनु गलत सही मुझे नहीं पता ….तुम पता नहीं क्यों एक ऐसी बात को लेकर बैठ गयी हो जिसका मैं क्या कोई भी जवाब नहीं दे सकता….. बस तुम्हारे दिमाग़ का फ़ितूर है.. जैसे शक़ का कोई इलाज नहीं होता ऐसे ही तुम्हारी इस बात का कोई इलाज नहीं है ” छोड़ो ये सब अब तुमने शशांक से शादी करने का मन बना ही लिया है तो अब इस बारे में क्या सोचना क्या गलत क्या सही… ‘”
“तो मैं क्या करती कल्याणी अम्मा ने…. ‘”
“कल्याणी अम्मा पुराने विचारों वाली है.. क्या तुम अनी को नहीं जानती कि वो कैसा है “?
तुम उसके साथ रहने को तैयार हो जिसको तुम जानती तक नहीं….लेकिन उसके साथ तुम्हें नहीं चाहिए जिसे तुम बचपन से जानती हो “
मनु ने वृंदा की बात सुनकर अपनी नज़रें झुका ली….
” चलो अब ये सब सोचने का वक़्त नहीं है.. कुछ ही देर में शशांक के घर वाले आते होंगे … तुम ये खा लो और ये ड्रेस पहन लो … मैं आती हुँ ‘
इतना कह कर वृंदा चली गयी….
समय है बीतना तो है ही.. जल्दी ही शाम हो गयी और वो पल भी आ गया जब शशांक के घर से सब लोग आ गए…. शशांक के घर से रघुनंदन जी के अलावा उनकी बहन और बहनोई और कुछ क़रीबी लोग आए थे…..
शशांक ने जब अनी को वहाँ देखा तो उस से बात करने के लिए उसके पास गया…
“डॉ. अनिरुद्ध हैलो “
“हैलो.. शशांक… कैसे हैं आप? “
“मैं तो अच्छा हूँ…. आप यहाँ कैसे “?
“जी बस वो हमारे रामेश्वर काका से घर जैसा रिश्ता है बस इसलिए “
“अच्छा.. ये बाट तो मुझे पता नही थी ..दोस्ती है ये पता था…तब तो आप मनस्वी को अच्छे से जानते होंगे “?
अनी ने मुस्कुरा दिया… उसने कुछ कहा नहीं
तभी सामने से मनु आती हुयी दिखायी थी
वो बहुत प्यारी लग रही थी….. उसके आउटफिट का रंग उसके फेस को और ग्लो कर रहा था ….हल्का मेकअप ….बालों को उसने थोड़े से कर्ल के साथ खुले छोड़े हुए थे… एक हाथ से दुपट्टा संभाले नज़रों को नीचे किए… वो वृंदा के साथ आ रही थी
अनी और शशांक दोनो ही उसे देख कर मुस्कुराने लगे … शशांक जाने लगा तो अजय वहाँ आ गया और बोला -” रुकें ज़रा… पहले दोस्तों को मिल लेने दे आप तो मनु के साथ ही बैठने वाले हैं… “
अनी मनु के पास गया और उसका हाथ अपने हाथ में ले लिया….. मनु डरी हुयी नज़रों से उसकी तरफ देखने लगी….. अनी ने आँखों के इशारे से पूछा क्या हुआ तो मनु ने कोई जवाब नहीं दिया….
अनी उसे वहाँ तक ले आया था जहाँ रोके की रस्म होनी थी…..अनी ने मनु को वहाँ रखे हुए सोफे पर बैठाया और दूर हो गया….. शशांक को रघुनंदन जी ने बुलाया तो वो गया और मनु के पास बैठ गया….
मनु ने नज़रें उठ कर देखा तो अनी उसे देख रहा था…. और मुस्कुरा रहा था….
रोके की रस्म शुरू हुयी… शशांक की बुआ ने मनु के माथे पर बिंदी लगायी और अपने साथ लाया हुआ सामान उसे दिया….
उन्होंने उस सामान में से लाया हुआ दुपट्टा जैसे ही ओढ़ाने के लिए मनु के सिर पर रखा… मनु ने पास में खड़ी हुई वृंद का हाथ पकड़ लिया वृंदा ने जैसे ही मनु की तरफ देखा तब तक मनु की आँखें बन्द हो गये थी और वो सोफे पर से गिरने को हुयी…
अनी जो ये सब देख रहा था वो दौड़कर मनु के पास आया और उसे गिरने से बचा लिया और मनु का अपनी बाहों में ले कर उसके गाल थापथपाने लगा….
मनु .मनु .. उसने दो तीन बार पुकारा लेकिन मनु ने कोई रिसपोन्स नहीं किया
अजय ….अनी ने पुकारा अजय ने सबको बोला आप लोग थोड़ी सी जगह दीजिए और पानी का गिलास लेकर अनी की तरफ बढ़ा… अनी ने पानी के छींटे मनु के मूँह पर मारे मनु ने हल्के से आँखें खोली और फिर से अनी की बाहों में गिर गयी
अनी ने मनु को बाहों में उठाया और उसके कमरे में ले गया…. सब एकदम से घबरा गए.
..रामेश्वर जी ने अनी से पूछा ” क्या हुआ अनी मनु ठीक
तो है “?
“काका देखने दीजिए कुछ नहीं होगा मनु को…आप बैठिए . ” अनी ने कहा
वृंदा मनु के साथ कमरे में थी….. अनी ने पूछा ” भाभी मनु ने कुछ खाया नहीं है क्या “?
“मैंने दिया तो था और बोला भी था खा लेना.. फिर मैं कामों में लग गयी “
अजय तब तक इंजेक्शन ले आया था…. अनी ने मनु को इंजेक्शन लगाया और उसके सिरहाने बैठ गया.. … कुछ देर में मनु को होश आया और उसने आँखें खोल दी…..
” भाभी कुछ ले कर आइए मनु का खाने के लिए “अनी ने कहा
मनु ने अनी का एक हाथ पकड़ रखा था.. तभी शशांक कमरे में आया… उसने मनु से पूछा ” आप ठीक है “?
मनु ने अपनी गर्दन हिला कर हाँ कहा
शशांक ने देखा मनु ने अनी का हाथ पकड़ा हुआ है… उसने कहा ” मैं बाहर ही हूँ “
मनु ने अपनी पलकें झपका कर हाँ कहा…
शशांक चला गया…. वृंदा मनु के लिए फल और जूस ले कर आ गयी….. अनी ने मनु का सहारे से बिठाया और उसे जूस पीने को दिया….और उस से दूर हो गया शशांक ये सब बाहर से देख रहा था……
मालती कमरे में आयी और अनी से पूछने लगी ” कैसी है मनु “?
“काकी आप बैठिए मनु ठीक है …. और मैं हूँ ना आपको लगता है मैं मनु को कुछ भी होने दूँगा ” कहते हुए अनी ने मालती को साइड से पकड़ लिया..
मनु ने जूस ख़तम किया और अनी की तरफ देखने लगी जो मालती से मुस्कुराते हुए बात कर रहा था… और मालती भी
रामेश्वर जी ने पंडित जी को शादी की डेट फिक्स करने के लिए बुलाया था ….पंडित जी ने एक डेट एक महीने बाद की और एक डेट छह महीने बाद की बतायी… सबने कहा वो सोच कर बता देंगे…
रामेश्वर जी के कहने पर सब ने खाना खाया.. जाने से पहले शशांक और रघुनंदन जी मनु से मिलने आए और चले गए….
[ क्या लगता है आप सबको….मनु की शादी होगी शशांक से?]
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धन्यवाद
स्वरचित
कल्पनिक कहानी
अनु माथुर