नाराज नहीं खुश हूं तुमसे : Moral Stories in Hindi

नंदिनी घर में सफाई करके जैसे ही खाना बनाने के लिए रसोई में  आई तो उसने देखा उसकी सास शकुंतला चूल्हे पर कढी पकोड़ी बना रही थी सास को कढी बनाते देखकर नंदिनी डर गई दरअसल कुछ दिन पहले उसकी सास ने उससे कढ़ी बनाने के लिए कहा था परंतु, घर में  ज्यादा काम करने के चक्कर में वह कढ़ी बनाना भूल गई थी ससुराल में भरा पूरा परिवार था

नंदिनी का पति नीलेश के अलावा सास ससुर दो देवर और दो छोटी ननदें थी जो हमेशा उसे अपने काम में उलझाएं रखती थी नंदिनी किसी के काम को मना नहीं करती थी वह सुबह के 4:00 बिस्तर छोड़ देती और सब की फरमाइश पूरी करने के लिए पूरा दिन एक पैर पर खड़ी रहती थी ननद कहती मेरे लिए पराठा बना दो तो देवर कहते हमारे लिए पालक पनीर की सब्जी बनाओ तब नंदिनी मुस्कुराते हुए उनकी फरमाइशे पूरी कर देती थी।

      अपनी सास शकुंतला को वह किसी काम को हाथ नहीं लगाने देती थी जब भी वह कोई काम करने को चलती तब नंदिनी उन्हें यह कहकर “आपने मेरे आने से पहले बहुत काम किया अब आप आराम कीजिए” काम करने से मना कर देती थी और खुद ही झाड़ू पोछा बर्तन कपड़े दोनों वक्त की चाय नाश्ता खाना खुद ही तैयार करती थी नंदनी को घर की सारी जिम्मेदारी निभाते देख कर शकुंतला बहुत  खुश होकर उसे ढेरो आशीर्वाद देती थी अपनी सास को खुशी से आशीर्वाद देते देखकर नंदिनी भी खुश हो जाती थी।

   शकुंतला को कढी पकोड़ी खाने का बहुत शौक था एक दिन उसने नंदिनी से कढ़ी बनाने को कहा तो नंदिनी जैसे ही कढ़ी बनाने को चली उसी दौरान उसकी ननंद ने उससे बेसन के चीले बनाने की फरमाइश कर डाली जब उसने ननंद को चीले  बना कर दिए तो देवर ने उससे पाव भाजी खाने की  फरमाइश कर डाली तब पाव भाजी बनाने के चक्कर में वह कढ़ी बनाना भूल गई थी अगले दिन भी ऐसा ही हुआ देवर और ननंद की फरमाइश पूरी करने के चक्कर में उसे सास की फरमाइश याद ही नहीं रही।

   2 दिन बाद जब वह मटकी में दही बिलो रही थी तब मक्खन निकालते वक्त उसे याद आया कि उसकी सास ने उसे कढ़ी बनाने को कहा था तब वह मन ही मन सोचने लगी हे भगवान! यह मुझसे कैसी गलती हो गई?”कहीं सास मुझसे नाराज ना हो जाए इसलिए आज मैं उनके लिए कढी ज़रूर बनाऊंगी पहले जल्दी से घर की सफाई कर लूं फिर खाना तैयार करूंगी यह सोचकर वह घर की सफाई करने लगी थी घर की सफाई करने के बाद वह खाना बनाने के लिए रसोई में आई तो अपनी सास को कढ़ी पकौड़ी बनाते देखकर वह डरते हुए उनसे बोली”मम्मी जी आप रहने दीजिए कढी पकोड़ी में बना दूंगी आप आराम कीजिए।”

    तब शकुंतला बोली”तू कुछ और काम कर ले कढ़ी पकौड़ी में बना दूंगी” सास की बात सुनकर नंदिनी को लगा की कहीं उसकी सास उससे ज्यादा नाराज तो नहीं हो गई जो आज उसके खाना बनाने से पहले ही खुद कढ़ी पकौड़ी बनाने बैठ गई वह ड़रते हुए सास से बोली “मम्मी जी मेरे द्वारा आपके लिए कढी ना बनाने से आप मुझसे नाराज हैं जो आप मुझसे बनवाने की बजाय खुद  बना रही हैं।

     नंदिनी की बात सुनकर शकुंतला मुस्कुराते हुए बोली”बहु नाराज नहीं खुश हूं तुमसे कि तुम खुशी-खुशी सब की फरमाइश पूरी करती हो क्या हुआ यदि तुम कढ़ी बनाना भूल गई? मैंने सोचा तुम घर की सफाई कर रही हो तो खाना बनाने में मैं तुम्हारी मदद कर दूं इससे खाना जल्दी बनने से तुम्हें आराम भी मिल जाएगा और मेरी इच्छा भी पूरी हो जाएगी दिन भर अकेले काम करने से तुम थक भी तो जाती हो

वैसे तुम्हें भी तो कढी पकोड़ी बहुत पसंद है सुबह तुम फोन पर अपनी मम्मी से कह रही थी ना की तुम्हें उनके हाथ की बनी हुई कढी पकोड़ी की बहुत याद आ रही है रोज तू सबकी पसंद का खाना बनाती थी आज मैंने तेरी पसंद का खाना बना दिया मैंने दूसरी गैस पर चावल भी बना दिए हैं चल जल्दी से खा कर बता कैसे बने हैं?”सास का अपने प्रति इतना प्रेम देखकर नंदिनी की आंखें नम हो गई थी

उसने जल्दी से परिवार के सभी सदस्यों को खाना खिलाकर जब खुद खाना खाया तो उसे खाने में बिल्कुल वैसा ही स्वाद था जैसा उसकी मम्मी बनाती थी आज काफी दिनों बाद  सासूमां के हाथ का खाना खाकर उसका मन तृप्त हो गया था जब स्वादिष्ट खाना बनाने के लिए नंदिनी सास को धन्यवाद कहने लगी तो सास प्यार से समझाते हुए बोली” इसमें धन्यवाद की क्या बात? एक दूसरे की इच्छाओं का सम्मान करने से ही तो घर स्वर्ग बनता है”सास की बात सुनकर नंदिनी प्यार से उनके गले लग गई थी।

बीना शर्मा 

#नाराज

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