जैसा कि अभी तक आपने कहानी “नाजायज रिश्ता” में पढ़ा कि विभू और रिया के घर रिया की सहेली सुरभि आई हुई है ….उसकी हालत ठीक नहीं है …उसने अपनी आपबीती रिया को सुनायी…सुरभि ने विभू और रिया से माफी मांगी…उसने यह भी बताया कि उसने ही रिया को सुबोध से बात करने के लिए कहा था….इधर रोशनी के स्वभाव में बदलाव आ रहा है ….वह सुबोध के पास आई है….सुबह से माफी मांगती है …लेकिन यह क्या तभी सुबोध को….
अब आगे …
तभी सुबोध को रिया की याद आती है …
और वह बिना कुछ बोले ही करवट बदल सो जाता है….
रोशनी सुबोध का चेहरा अपनी ओर करती है…
क्या हुआ है आपको ….??
अभी तक तो आप मुझ में कमियां निकालते थे…
और कहते थे कि बच्चों को ख्याल नहीं रखती…
घर को ठीक से नहीं रखती…
आपको प्यार नहीं देती…
अब मैं खुद आपके पास आई हूं …
बच्चों का ख्याल रख रही हूं …
घर को ठीक रख रही हूं…
तो प्रॉब्लम कहां है…??
क्यों आप मुझे अनदेखा कर रहे हैं …??
क्या आप रिया को भूल नहीं पा रहे हैं …
शायद ऐसा ही है…
रोशनी बोली…
रिया शादीशुदा है …
ये जो आप दोनों कर रहे हो,बहुत ही गलत है…
भगवान भी आपको माफ नहीं करेगा…
इस तरह नाजायज रिश्ते को चलाकर आप ठीक नहीं करेंगे…
ना मेरे साथ,,,ना कि रिया के पति के साथ….
समझे….
रोशनी बोलते बोलते हांफने लगी थी….
फिर भी सुबोध कुछ ना बोला…
रोशनी को देखता रहा….
चुपचाप सो गया …
रोशनी की आंखें नम थी …
इधर विभू भी आज रिया को लेकर थोड़ा असमंजस में था…
वो रिया से बात करना चाहता था…
उसे भी नींद नहीं आ रही थी…
और ना ही रिया को …
पर किसी तरह सो ही गये दोनों….
अगले दिन विभू ने रिया से कहा …
आज गुड़िया को टीका लगना है ना…
रिया चलो तैयार हो जाओ…
चलते हैं …
टीका लगवा लेते हैं …
इतने दिनों बाद विभू के मुंह से अपना नाम सुन रिया खुशी से झूम उठी….
रिया जल्दी से तैयार हुई …
दोनों लोग अस्पताल आ गये थे …
सुबोध और रोशनी भी अपनी बेटी को लेकर के आए थे…
उन्हे भी बेटे को दिखाना था …
सुबोध और रिया की आँखें टकरायी….
रिया ने अपनी आंखें फेर ली….
विभू रिया की ओर ही देख रहा था …
कि रिया का रिएक्शन कैसा है…
सुबोध को देखकर,,रोशनी भी शायद यही नोटिस कर रही थी…
कि सुबोध रिया को किस तरह से देख रहा है….
सुबोध रिया से बात करना चाहता था…
मौका पाकर उसने एक मैसेज किया…
रिया प्लीज किसी भी तरह 5 मिनट निकाल करके बाहर गार्डन में आओ…
और रिया भी सुबोध से बात करना चाहती थी …
उसने भी कहा…
ठीक है …
लेकिन दोनों ही मौका ढूंढ रहे थे…
कि विभू और रोशनी से कैसे दूर जाया जाए….
जी ..
मैं जरा वॉशरूम होकर आती हूं …
रिया ने कहा…
उधर सुबोध भी बोला…
रोशनी मैं थोड़ा बाहर से आता हूं ….
भूख लगी है…
कुछ ले आऊँ…
परांठे लायी हूँ मैं…
रोशनी बोली….
वो बच्चों को खिला देना …
यह बोल सुबोध भी निकल आया …
रिया भी आ गयी…
दोनों ही पार्क में मिले…
एक दूसरे को देख रहे थे…
दोनों के बीच थोड़े समय के लिये चुप्पी थी…
जल्दी बोलो…
मुझे क्यों बुलाया है तुमने …??
रिया बोली..
तुमने भी तो बुलाया है मुझे…
पहले तुम बताओ…
सुबोध बोला…
मुझे माफ कर दो सुबोध…
किस बात की माफी रिया….??
जो कुछ भी मैने किया था…
वह बस इसलिए कि तुम और रोशनी एक साथ ठीक से रहो …
और तुम्हारा रिश्ता सुधर जाए …
लेकिन उस वजह से मेरा रिश्ता खुद ही तलाक के कगार पर आ गया है…
तुम नहीं जानते …
विभू जी मुझे तलाक दे रहे हैं….
रिया की आँखों में आंसू थे …
रिया क्या यह बात सच है …
सुबोध बोला …
रिया मुझे भी माफ कर दो …
मैं भी बहक गया था…
मैं अपनी पत्नी रोशनी से बहुत प्यार करता हूं …
वो मेरे बच्चों की मां है,मेरी पत्नी हैं,ज़िसके साथ मैने सात फेरे लिये हैं …
बस तुम दिख गई बीच में…
पुराना प्यार याद आ गया…
रोशनी में भी पहले से बहुत बदलाव आया है …..
सुबोध बोला…
यह तो बहुत ही अच्छी बात है …
मेरा ना सही,,तुम्हारा ही रिश्ता सुधर जाए…
बस मैं यही चाहती हूं …
फिर आगे क्या फैसला लिया हैं सुबोध तुमने …??
रिया बोली…
तुम्हे ऐसे अकेले नहीं छोड़ सकता इसलिये…
तभी ऊपर बालकनी से विभू ,,रिया और सुबोध को साथ में देख लेता है ..
वह गुस्से से आग बबूला हो नीचे पार्क में आता है …
रिया और सुबोध का हाथ पकड़ …
अंतिम भाग जल्द …
प्रतिक्रिया अवश्य दीजियेगा…कैसा अंत होना चाहिये…
तब तक के लिए जय श्री राधे
मीनाक्षी सिंह
आगरा